मणिपुर के चुराचांदपुर जिले के एक राहत शिविर में शुक्रवार तड़के नौ वर्षीय बच्ची की लाश मिली है, जिसके शरीर पर कथित तौर पर यौन उत्पीड़न के निशान थे. यह जिला कुकी और मैतेई समुदायों के बीच लंबे समय से चल रहे जातीय संघर्ष का केंद्र है.
पुलिस के अनुसार, नाबालिग गुरुवार शाम से लापता थी, जिसके बाद उसके परिवार और शिविर के निवासियों ने तलाशी अभियान शुरू किया. उसका शव आधी रात के आसपास मिला, जिस पर चोट के निशान थे.
यौन उत्पीड़न के बाद हुई हत्या?
बच्ची के गले में रस्सी बंधी थी और खून के धब्बे लगे हुए. परिवार के सदस्यों ने दावा किया कि ये निशान यौन उत्पीड़न की ओर इशारा करते हैं, हालांकि पुलिस ने आज तक को बताया कि पोस्टमार्टम के बाद पुष्टि होगी.
यह भी पढ़ें: हिंसा पीड़ितों की मदद के लिए मणिपुर जाएगा SC के जजों का दल, विस्थापित लोगों की दिक्कतें सुनेगा
एक अधिकारी ने कहा कि बॉडी को शवगृह में रखा गया है और आरोपों की पुष्टि के लिए शनिवार को पोस्टमार्टम किया जाएगा. पुलिस ने कहा, "हां, यह हत्या का संदेह है, लेकिन पुष्टि कल होगी." उन्होंने कहा कि पोक्सो अधिनियम के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई है और पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने घटना की निंदा करते हुए शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की. उन्होंने कहा कि मैं अपराधियों द्वारा बच्ची की जघन्य हत्या की कड़ी निंदा करता हूं.
आपको बता दें कि चुराचांदपुर जिले में हमार और जोमी समुदायों के बीच ताजा संघर्ष के चलते सुरक्षाएं बढ़ा दी गई हैं. यहां18 मार्च की शाम उस समय फिर हिंसा भड़क गई जब जोमी समूह द्वारा अपने समुदाय का झंडा फहराया गया, जिसका हमार समुदाय ने विरोध किया. इस तनाव भरे हालात में 53 साल के लालरोपुई पाखुमाते की मौत हो गई, जिनकी पहचान सेइलमत गिलगलवंग के निवासी के रूप में की गई है.