नगालैंड में विवादास्पद सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम यानी अफस्पा (AFSPA) को वापस लेने पर विचार करने के लिए एक समिति बनाने का फैसला किया गया है. यह पांच सदस्यीय समिति होगी. इसकी अध्यक्षता गृह मंत्रालय के सचिव स्तर के अफसर विवेक जोशी करेंगे.
रविवार को एक बयान जारी करते हुए नगालैंड सरकार ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह के साथ 23 दिसंबर को एक बैठक की गई थी, जिसके बाद अफस्पा(AFSPA) को वापस लेने पर विचार करने वाली एक समिति गठित करने का निर्णय लिया गया है. बैठक में अमित शाह के अलावा, नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, नगालैंड के डिप्टी सीएम वाई पैटन और एनपीएफएलपी नेता टीआर जेलियांग शामिल थे.
रविवार को नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो ने ट्विटर पर यह जानकारी देते हुए कहा, गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में 23 दिसंबर, 2021 को नई दिल्ली में एक बैठक हुई. मामले को गंभीरता से लेने के लिए अमित शाह जी का आभारी हूं. राज्य सरकार सभी वर्गों से शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने की अपील करती है.
Briefed the media with regard to the meeting chaired by Hon'ble @HMOIndia Shri @AmitShah on Dec' 23, 2021 in New Delhi. Grateful to Amit Shah ji for taking up the matter with utmost seriousness. The State Govt. appeals to all sections to continue to maintain a peaceful atmosphere pic.twitter.com/a8CLuw3MM6
— Neiphiu Rio (@Neiphiu_Rio) December 26, 2021
बता दें कि दिसंबर के शुरुआत में ही नगालैंड के मोन जिले में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई थी. गलत पहचान के एक कथित मामले में, काम से लौट रहे 14 नागरिकों पर हमला किया गया था, जहां उनकी मौत हो गई थी. इस घटना के बाद से ही, नगालैंड में AFSPA को निरस्त करने की मांग उठ रही थी. AFSPA को निरस्त करने के लिए गठित समिति, 45 दिनों के अंदर एक रिपोर्ट देगी जिसके आधार पर ही नगालैंड से अशांत क्षेत्र और AFSPA को वापस लेने की पहल की जाएगी.
इसके साथ ही, बैठक में यह भी विचार किया गया कि ओटिंग की इस घटना में शामिल सेना इकाई के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए इन्क्वायरी की जाएगी. सेना के जिन जवानों पर जांच बैठेगी, वे तब तक के लिए निलंबित रहेंगे. सरकार ने ओटिंग कांड में मारे गए लोगों के परिजनों को नौकरी भी देने का फैसला किया है.