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इंसाफ मिलने में देरी हुई, हाई कोर्ट की बिल्डिंग से नीचे कूदने लगा शख्स और फिर...

केरल हाई कोर्ट में न्याय मिलने में देरी से एक शख्स निराश हो गया. उसने कोर्ट बिल्डिंग के ऊपर से कूद कर खुदकुशी करने की कोशिश की. हालांकि, समय रहते सुरक्षाकर्मियों ने उसे पकड़कर नीचे उतार दिया और फिर उसे हिरासत में ले लिया. दरअसल, पति-पत्नी के मामले को लेकर सुनवाई में देरी से शख्स काफी परेशान हो गया था.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

कोर्ट से न्याय मिलने में देरी की वजह से एक शख्स ने आत्महत्या करने की कोशिश की. मामला केरल का है, जहां इंसाफ में देरी का आरोप लगाते हुए एक व्यक्ति ने केरल हाई कोर्ट की इमारत से कूदकर खुदकुशी करने की कोशिश की. हालांकि, कोर्ट में मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने समय पर उस रोक लिया गया, जिससे शख्स की जान बच गई.

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सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों ने सातवीं मंजिल की बालकनी की रेलिंग पर बैठे एक व्यक्ति को देखा. वे पीछे से उसके पास पहुंचे और पकड़ कर नीचे उतार लिया. पीड़ित व्यक्ति की पहचान चित्तूर के रहने वाले मीनू एंटनी के रूप में हुई है. बाद में उसे पुलिस हिरासत में ले लिया.

रिपोर्ट के मुताबिक, मीनू एंटनी कथित तौर पर अपने मामले की सुनवाई में हो रही देरी से परेशान था. एर्नाकुलम की फैमिली कोर्ट ने उन्हें अपनी पूर्व पत्नी को भरण-पोषण का पैसा देने के लिए कहा था. इस आदेश के खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में अपील दायर की थी, जिसकी सुनवाई में देरी हो रही थी.

तलाक पर हाई कोर्ट ने की थी सख्त टिप्पणी

बता दें कि बीते दिनों केरल हाई कोर्ट ने तलाक की एक याचिका को खारिज कर दिया था. टिप्पणी करते हुए कहा था कि नई पीढ़ी ने शादी को मजाक बनाकर रख दिया.

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केरल हाई कोर्ट की एकल पीठ ने तलाक के लिए पति की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए टिप्पणी की थी कि युवा पीढ़ी विवाह को बुराई के रूप में देख रही है.

कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था "आजकल युवा पीढ़ी सोचती है कि विवाह एक ऐसी बुराई है, जिसे बिना किसी दायित्व या दायित्वों के मुक्त जीवन का आनंद लेने के लिए टाला जा सकता है. 'यूज एंड थ्रो' की उपभोक्ता संस्कृति ने हमारे वैवाहिक संबंधों को भी प्रभावित किया है.

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