जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूछताछ करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एक टीम आज सुबह 7 बजे राजधानी दिल्ली स्थित हेमंत सोरेन के आवास पर पहुंची. ईडी की यह टीम जब हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के दक्षिणी दिल्ली के पॉश इलाके शांति निकेतन में उनके आवास पर पहुंची तो वह गायब मिले. कहा जा रहा है कि सोरेन आधी रात तक घर पर ही मौजूद थे लेकिन बाद में वह किसी अज्ञात जगह पर चले गये. ईडी की टीम को अभी तक हेमंत सोरेन की मौजूदा लोकेशन का पता नहीं चल पाया है.
अब ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय को मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से आधिकारिक पत्र भेजा गया है. आज ही प्रेषित किए गए पत्र और ईमेल में ईडी को 31 जनवरी को पूछताछ के लिए समय की जानकारी दी गई है.
ईडी की टीम उनसे जमीन घोटाले में पूछताछ करना चाहती हैं. सूत्रों की मानें तो इस मामले में उनकी गिरफ्तारी भी हो सकती है. उनके आवास के बाहर और अंदर बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं. प्रवर्तन निदेशालय द्वारा नया समन जारी किए जाने के बाद सोरेन अचानक दिल्ली पहुंचे थे.
पिछले 24 घंटे में क्या हुआ?
हेमंत सोरेन कल दोपहर करीब 1 बजे अपने आवास से निकले और रात करीब 8:30 बजे वापस अपने आवास पहुंचे.आज सुबह करीब 7 बजे जब ईडी की टीम उनके आवास पर पहुंची तो हेमंत सोरेन अपने घर पर मौजूद नहीं थे. तब ईडी के 7 अधिकारियों की एक टीम झारखंड के सीएम के बारे में जानकारी लेने के लिए झारखंड भवन पहुंची. झारखंड भवन के कर्मचारियों से पूछा गया कि क्या सोरेन वहां रह रहे थे तो उन्होंने 'नहीं' में जवाब दिया. इस बीच सोरेन के आवास पर पहले से मौजूद 4 अधिकारियों की टीम ने हेमंत सोरेन के ड्राइवर से पूछताछ की.
नौंवा समन किया था जारी
हेमंत सोरेन से पहले भी पूछताछ हो चुकी है और ईडी ने रांची में आठ घंटे तक उनसे सवाल-जवाब किए थे. प्रवर्तन निदेशालय ने कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कुछ दिन पहले दसवां समन जारी कर उन्हें 29 या 31 जनवरी को पेश होने को कहा था. ये भी कहा था अगर वह पेश नहीं होंगे तो खुद ईडी की टीम उनसे पूछताछ के लिए पहुंचेगी.
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लगातार कर रहे थे अनदेखी
प्रवर्तन निदेशालय ने 13 जनवरी को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 8वां समन जारी कर उनसे 16 जनवरी से 20 जनवरी के बीच मामले में पूछताछ के लिए उपलब्ध रहने को कहा था. इससे पहले वह 7वें समन पर ईडी के सामने पेश नहीं हुए थे. ईडी के समन का जवाब देते हुए सीएम सोरेन ने कहा था कि केंद्रीय जांच एजेंसी 20 जनवरी को उनके आवास पर उनका बयान दर्ज कर सकती है.
झारखंड भूमि घाटाले का पूरा केस क्या है?
ईडी ने रांची में सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन की अवैध खरीद फरोख्त का खुलासा किया था. केंद्रीय एजेंसी ने इस मामले में रांची के बड़गाईं अंचल के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद को गिरफ्तार किया था. उनके आवास और मोबाइल फोन से बड़ी मात्रा में सरकारी दस्तावेज बरामद हुए थे. इन दस्तावेजों की छानबीन और उनसे जुड़े तथ्यों के सत्यापन को लेकर ईडी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछताछ कर रही है.
ईडी ने प्रदीप बागची, विष्णु कुमार अग्रवाल, भानु प्रताप प्रसाद और अन्य के खिलाफ झारखंड पुलिस और पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा दर्ज की कई एफआईआर के आधार पर धन शोधन अधिनियम की धाराओं के तहत केस दर्ज करके तीन भूमि घोटालों की जांच शुरू की थी. इस मामले में जांच आगे बढ़ने पर ईडी अब तक 14 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. जांच में पता चला कि आरोपियों ने सरकारी अधिकारियों के साथ साठगांठ करके भू.माफियाओं के पक्ष में फर्जी तरीके से इन भू.खंडों का हस्तानांतरण किया था.
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गिरफ्तार किए गए 14 आरोपियों में प्रदीप बागची, अफसर अली, सद्दाम हुसैन, इम्तियाज अहमद, तल्हा खान, फैयाज खान, भानु प्रताप प्रसाद, छवि रंजन, आईएएस (पूर्व डीसी रांची) दिलीप कुमार घोष, अमित कुमार अग्रवाल, विष्णु कुमार अग्रवाल शामिल हैं. वहीं भूमि घोटाले के मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी अब तक 236 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्तियों को कुर्क कर चुकी है.