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वोटर आईडी से लिंक होगा आधार कार्ड, चुनाव आयोग और गृह मंत्रालय की मीटिंग में फैसला

आने वाले महीनों में वोटर आईडी कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ने का अभियान तेज किया जाएगा. निर्वाचन आयोग ईपीआईसी को आधार नंबर से जोड़ने के लिए अनुच्छेद 326, आरपी अधिनियम, 1950 और सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों के अनुसार संवैधानिक दायरे में रहते हुए समुचित कार्रवाई करेगा.

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वोटर आईडी से लिंक होगा आधार कार्ड
वोटर आईडी से लिंक होगा आधार कार्ड

आने वाले महीनों में वोटर आईडी कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ने का अभियान तेज किया जाएगा. निर्वाचन आयोग ईपीआईसी को आधार नंबर से जोड़ने के लिए अनुच्छेद 326, आरपी अधिनियम, 1950 और सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों के अनुसार संवैधानिक दायरे में रहते हुए समुचित कार्रवाई करेगा.

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मीटिंग में लिया गया फैसला

इस सिलसिले में यूआईडीएआई और ईसीआई के विशेषज्ञों के बीच तकनीकी परामर्श जल्द ही शुरू हो जाएगा. निर्वाचन आयोग ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी के साथ आज अपने मुख्यालय निर्वाचन सदन में केंद्रीय गृह सचिव, विधि मंत्रालय के सचिव, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव और यूआईडीएआई के सीईओ तथा चुनाव आयोग के तकनीकी विशेषज्ञों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की.

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 326 के अनुसार, मताधिकार केवल भारत के नागरिक को ही दिया जा सकता है. जबकि आधार कार्ड केवल व्यक्ति की पहचान स्थापित करता है. इसलिए, यह निर्णय लिया गया कि ईपीआईसी को आधार से जोड़ने का कार्य केवल संविधान के अनुच्छेद 326, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 23(4), 23(5) और 23(6) के प्रावधानों के अनुसार तथा डब्ल्यूपी (सिविल) संख्या 177/2023 में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुरूप किया जाएगा.

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तकनीकी विशेषज्ञों के बीच जल्द शुरू होगा परामर्श

यूआईडीएआई और ईसीआई के तकनीकी विशेषज्ञों के बीच तकनीकी परामर्श भी शीघ्र ही शुरू होने वाला है. देश में निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोपों का स्थाई और वैज्ञानिक समाधान निकालने की ठान ली है. यह कदम उन मतदाताओं की पहचान सुनिश्चित करने के लिए उठाया जा रहा है, जो वोटर के रूप में एक से ज्यादा जगहों पर रजिस्टर्ड हैं.

राजनीतिक दलों ने उठाए सवाल

यह बैठक ऐसे समय पर आयोजित की गई है जब हाल ही में तृणमूल कांग्रेस, शिव सेना (UBT), एनसीपी (SCP) और बीजेडी जैसे कई राजनीतिक दलों ने एक ही EPIC नंबर वाले मतदाताओं का मुद्दा उठाया है. आयोग ने स्वीकार किया है कि कुछ राज्यों में खराब अल्फान्यूमेरिक सीरीज के कारण गलती से एक ही नंबर दोबारा जारी किए गए थे, लेकिन इसे फर्जीवाड़ा नहीं कहा जा सकता. अब इस मुद्दे का ठोस समाधान निकालने के लिए आयोग ने सक्रिय कदम उठाए हैं.

'कोई भी भारतीय अपने वोट से वंचित न रह जाए'

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इसे लेकर एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, 'आज चुनाव आयोग ने घोषणा की है कि वह आधार को मतदाता पहचान-पत्रों से जोड़ेगा. कांग्रेस और INDIA गठबंधन की पार्टियां लगातार मतदाता सूचियों के मुद्दे उठाते रहे हैं, जिसमें असामान्य रूप से अधिक संख्या में नाम जोड़ना, अप्रत्याशित रूप से हटाना और डुप्लिकेट मतदाता पहचान-पत्र के आंकड़े शामिल हैं.'

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उन्होंने कहा, 'हालांकि आधार डुप्लिकेट मतदाता पहचान-पत्र की समस्या से निपटने में मदद करेगा लेकिन गरीब और हाशिए पर पड़े लोगों को लिंकिंग प्रक्रिया में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है. ईसीआई को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी भारतीय अपने वोट से वंचित न रहे, और गोपनीयता संबंधी चिंताओं का समाधान भी किया जाए.'

राहुल ने कहा, 'अब जबकि चुनाव आयोग ने इस समस्या को स्वीकार कर लिया है, मैं अपनी पिछली मांग को दोहराता हूं कि उसे महाराष्ट्र 2024 विधानसभा और लोकसभा चुनावों की पूरी मतदाता सूची को सार्वजनिक रूप से साझा करके, नाम जोड़ने और हटाने के मुद्दे को भी संबोधित करना चाहिए.'

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