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2024 चुनाव से पहले आधार को वोटर कार्ड से जोड़ा जाएगा, ये है इलेक्शन कमीशन का फैसला, वोटर्स को मिलेगा ये ऑप्शन

2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले आधार नंबर को वोटर कार्ड से जोड़ा जाएगा. हालांकि ये प्रक्रिया पूरी तरह से स्वैच्छिक होगी, जिसमें ये मतदाता की इच्छा पर निर्भर करेगा कि उसे आधार नंबर शेयर करना है या नहीं. इसके लिए चुनाव आयोग की ओर से शिविर लगाए जाएंगे. जिसमें लोगों को इस पूरी प्रक्रिया के बारे में भी समझाया जाएगा.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • शिविर लगाकर लोगों को जागरूक किया जाएगा
  • चुनाव आयोग ने राज्यों को भेजा पत्र
  • वोटर की जानकारी गोपनीय रखने की सख्त चेतावनी

आधार कार्ड को वोटर कार्ड से लिंक करने की कवायद तेज हो गई है. सरकार की ओर से इस प्रोसेस को 2024 में होने वाले आम चुनाव से पहले पूरा कर दिया जाएगा. केंद्रीय निर्वाचन आयोग (Central Election Commission) की ओर से अभियान चलाया जाएगा, जिसमें सभी मतदाताओं का स्वैच्छिक तौर पर आधार नंबर एकत्र किया जाएगा. 

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एजेंसी के मुताबिक हाल ही में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य चुनाव अधिकारियों को एक पत्र भेजा गया है. इसमें चुनाव आयोग ने कहा कि आधार नंबर को वोटर कार्ड से लिंक कराने के लिए क्लस्टर लेवल पर स्पेशल कैंप आयोजित किए जा सकते हैं, जहां मतदाताओं को ये बताया जाएगा कि ऐसा क्यों किया जा रहा है. साथ ही यह पूरी तरह से स्वैच्छिक होगा कि वोटर अपना आधार नंबर दें या नहीं.

चुनाव आयोग ने पत्र में कहा है कि वोटर की जानकारी और इस प्रक्रिया के डॉक्यूमेंट्स लीक नहीं होने चाहिए. इनकी गोपनीयता बनी रहे. दरअसल, कानून मंत्रालय ने हाल ही में एक नोटिफिकिकेशन जारी किया था, इसमें कहा गया था कि नए नियमों के तहत 1 अप्रैल 2023 या उससे पहले तक जिन लोगों के नाम वोटर लिस्ट में शामिल हैं, वह अपना आधार नंबर बता सकते हैं. 

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क्या लिखा है अधिसूचना में 

आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अधिसूचना में 'हो सकता है' शब्द का इस्तेमाल किया गया है, न कि 'होगा'. इससे साफ है कि यह प्रक्रिया पूरी तरह से स्वैच्छिक है. चुनाव आयोग की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि लोग आधार नंबर देंगे या नहीं, ये उनकी स्वेच्छा पर निर्भर होगा. चुनाव पंजीकरण अधिकारी ने कहा कि वोटर्स से आधार नंबर लेने के दौरान ये बताया जाएगा कि इस पूरी कवायद का मकसद वोटर लिस्ट में प्रविष्टियों का प्रमाणीकरण और बेहतर विस्तार करना है. इससे भविष्य में इलेक्शन प्रॉसेस काफी सरल और सुविधाजनक हो जाएगी.

अगर कोई आधार नंबर न दे तो क्या होगा?

पत्र में दोहराया गया है कि चुनाव कानून (संशोधन) अधिनियम 2021 में उल्लेख किया गया था कि अगर कोई व्यक्ति अपना आधार नंबर नहीं देता है या फिर वह किसी तरह की असमर्थता जाहिर करता है तो  इस आधार पर ERO वोटर लिस्ट में से किसी भी प्रविष्टि को नहीं हटाएगा.

पब्लिक डोमेन में न जाए जानकारी

आयोग ने चेतावनी दी है कि वोटर का आधार नंबर पूरी तरह से गोपनीय रखना है, ये किसी भी हाल में पब्लिक डोमेन में नहीं जाना चाहिए. अगर वोटर की जानकारी सार्वजनिक करना जरूरी भी हो, तो आधार संबंधी जानकारी को हटा दिया जाएगा या फिर क्लोन का इस्तेमाल होगा.

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आधार कार्ड के पहले 8 डिजिट छिपाए जाएंगे

आधार नंबर वाली हार्ड कॉपी में फॉर्म -6 बी के संरक्षण के लिए आधार (प्रमाणीकरण और ऑफलाइन सत्यापन) विनियम 2022 के प्रावधानों का सख्ती से पालन किया जाएगा. इसमें कहा गया है कि आधार नंबर को फिजिकल रूप से फ़ोटोकॉपी के माध्यम से कलेक्ट किया जाएगा. इन्हें संग्रहित करने से पहले आधार नंबर के पहले 8 डिजिट को छिपा दिया जाएगा.

इन्फॉर्मेशन लीक हुई तो होगी कार्रवाई

आयोग ने कहा कि ERO फॉर्म 6बी को अटैचमेंट के साथ डिजिटाइजेशन के बाद डबल लॉक में रखेंगे, ताकि ये सेफ रहें. अगर ये जानकारी लीकर होकर पब्लिक डोमेन में आती है, तो ERO के खिलाफ गंभीर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
 

 

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