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आज का दिन: वाराणसी में अपने ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का लोकार्पण करेंगे PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज बनारस में अपने ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ धाम कॉरीडोर का लोकार्पण करेंगे.  इस लोकार्पण समारोह की तैयारियां कई दिन से चल भी रहीं थी. सीएम योगी आदित्यनाथ बीते एक हफ्ते से कई बार बनारस आ के तैयारियों का जायजा ले रहे थे. काशी विश्वनाथ कॉरीडोर प्रोजेक्ट का शिलान्यास पीएम ने 2019 में किया था जिसका लोकार्पण आज होने जा रहा है.

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PM Modi
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज बनारस में अपने ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ धाम कॉरीडोर का लोकार्पण करेंगे. इस लोकार्पण समारोह की तैयारियां कई दिन से चल भी रहीं थी. सीएम योगी आदित्यनाथ बीते एक हफ्ते से कई बार बनारस आ के तैयारियों का जायजा ले रहे थे. काशी विश्वनाथ कॉरीडोर प्रोजेक्ट का शिलान्यास पीएम ने 2019 में किया था जिसका लोकार्पण आज होने जा रहा है. तय कार्यक्रम के मुताबिक़ पीएम करीब 11 बजे बनारस पहुंचेंगे. पीएम का ये बनारस दौरा पूर्वांचल के लिहाज से भी बड़ा अहम माना जा रहा है क्योंकि राजनीतिक पंडितों के गणित के अनुसार पूर्वांचल के सियासत का एक केंद्र बनारस भी है. फिर पीएम यहां से सांसद भी हैं, ऐसे में बनारस का महत्व और बढ़ जाता है. बीते एक साल में किसान आंदोलन के बाद यूपी चुनाव के लिहाज से नई चिंताएं खड़ी हुई हैं. और उन्हीं चिंताओं के परिणाम स्वरूप पीएम मोदी का करीब पिछले एक महीने में यूपी का ये छठवां दौरा है. तो आज के दौरे को लेकर यहां क्या क्या तैयारियां हैं, क्या कार्यक्रम होंगे और ये कार्यक्रम कितना बड़ा रोल प्ले करने जा रहा है, सियासी तौर पर?

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राजस्थान की राजधानी जयपुर में कांग्रेस पार्टी ने भी चुनावी लिहाज से शक्तिप्रदर्शन करते हुए एक बड़ी रैली की है. रैली में कांग्रेस पार्टी के सारे बड़े नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी या कि प्रियंका वाड्रा, गहलोत सब मौजूद रहे. राजस्थान के भी चुनाव उत्तरप्रदेश के साथ ही होने हैं. बीच मे सचिन पायलट और अशोक गहलोत की आपसी रार के बाद अब चीजें नॉर्मल होनी शुरू हुईं थीं. और नए मंत्रीमंडल विस्तार से पायलट के खेमे को भी खुश करने की कवायद की गई थी. तो दोनों पक्षों को बैलेंस करने के बाद ये रैली आयोजित की गई ताकि रैली का आयोजन पूरे जोश के साथ हो. हालांकि कांग्रेस ने रैली तो मंहगाई के खिलाफ रखी थी मगर राहुल गांधी ने हिंदू और हिंदूवाद का फ़र्क़ समझाकर  बीजेपी पर जमकर हमला बोला. और उधर दो साल बाद सार्वजनिक मंच पर आईं सोनिया गांधी से उम्मीद थी कि वो भी कुछ बोलेंगी लेकिन उन्होंने इस रैली में अपना सम्बोधन नहीं दिया. ऐसा कहा जा रहा है कि रैली की जगह जयपुर यानि अपने गढ़ में रखना कांग्रेस का ऑल इज वेल का संदेश देना था और साथ ही एक लम्बे अंतराल के बाद राष्ट्रीय स्तर की एक जुटान करना था. बहरहाल कांग्रेस के राजस्थान में पकड़ और मज़बूत करने के लिहाज से कितनी सफल रही और राहुल का बयान कांग्रेस को नुकसान पहुंचाएगा?

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इंडिया स्किल रिपोर्ट 2022 में ये बताया गया है कि भारत मे युवाओं के अंदर किस तरह की और कितनी स्किल्स हैं. इसके अनुसार भारत में पढ़े लिखे युवा लोगों में से केवल क़रीब 49 परसेंट ही ऐसे लोग हैं जो रोजगार पाने के योग्य स्किल्स भी रखते हैं. भारत जैसे देश मे जहाँ आबादी और उस पर बेरोज़गारी बड़ी समस्या हो ऐसी रिपोर्ट्स चिंतित करती है. हालांकि पिछली कई स्किल रिपोर्ट्स के मुकाबले ये आंकड़े थोड़े बेहतर हैं. पिछले साल यानी 2021 में इसी रिपोर्ट के अनुसार भारत के छियालीस फीसदी लोग रोजगार के योग्य थे. ग्लोबल रैंकिंग के लिहाज से इस रिपोर्ट के अनुसार भारत 60 वें स्थान पर है. ये रिपोर्ट दरअसल पूरे भारत में 3 लाख उम्मीदवारों के साथ किए गए व्हीबॉक्स नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट के रिजल्ट और 15 इंडस्ट्रीज़ और सेक्टर्स में फैले 150 कॉरपोरेट्स को कवर करने वाले इंडिया हायरिंग इंटेंट सर्वे पर बेस्ड है. All India Council for Technical Education, Association of Indian Universities और  Confederation of Indian Industry यानि सीआईआई  इन्हीं तीन संस्थाओं ने मिल कर इस सर्वे को किया है. इस रिपोर्ट में क्या बातें हैं?

रूस और यूक्रेन के बीच मची तनातनी की  जिसमें जी7 कंट्रीज ने भी एंट्री ले ली है. मौका था ब्रिटेन के लिवरपूल में हो रही जी 7 के सदस्य देशों की दो दिन चलने वाली बैठक का जिसमें अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन और ब्रिटिश विदेश मंत्री ट्रूस के साथ फ्रांस, इटली, जर्मनी, जापान और कनाडा के भी फॉरेन मिनिस्टर्स मौजूद थे. यहीं उन्होंने संयुक्त रूप से बयान जारी कर के कहा कि जी 7 संयुक्त मोर्चा बनाकर यूक्रेन का साथ देगा. अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और ब्रिटिश विदेश मंत्री लिज ट्रूस ने तो यूक्रेन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करने पर रूस को गंभीर परिणामों की चेतावनी दी। हालांकि इस दौरान रूस के राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन से साफ किया है कि यूक्रेन पर हमला करने की हमारी कोई योजना नहीं है. हालांकि इसके इतर रूस अक्सर ये आरोप भी लगाता रहा है कि यूक्रेन और उसके बिगड़ते रिश्ते के पीछे का कारण पश्चिमी देश और खास कर ये जी7 समूह ही है. अब सवाल ये है जब रूस ने यूक्रेन के खिलाफ किसी भी युद्ध जैसी स्थिति बनने या बनाने से इनकार कर दिया है तो उसके बाद भी  रूस और यूक्रेन के बीच के इस संघर्ष में घुसने के पीछे जी 7 देशों का क्या स्वार्थ है? और जी7 देशों का इतना सेलेक्टिव अप्रोच क्यों हैं वो चीन-ताइवान विवाद में क्यों नहीं बोलते?

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इन ख़बरों पर विस्तार से चर्चा के अलावा ताज़ा हेडलाइंस, देश-विदेश के अख़बारों से सुर्खियां, आज के इतिहास की अहमियत सुनिए 'आज का दिन' में अमन गुप्ता के साथ

13 दिसंबर 2021 का 'आज का दिन' सुनने के लिए यहां क्लिक करें

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