scorecardresearch
 

आज का दिन: रूस-यूक्रेन के बीच फिर शुरू हुई बातचीत, असम-मेघालय में करार

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है. बातचीत हो रही है, लेकिन जमीन पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. दूसरी तरफ असम और मेघायल के बीच एक ऐतिहासिक करार हुआ है. उस समझौते के कई मायने निकाले जा रहे हैं.

Advertisement
X
असम मेघालय में हुआ करार
असम मेघालय में हुआ करार

रूस और यूक्रेन जंग के 34वें दिन अच्छी ख़बर आई. कूटनीतिक हल के लिए कल तुर्की के इस्तांबुल में रूस-यूक्रेन डेलिगेशन की मीटिंग हुई जिसे रूस ने पॉजिटिव बताया. न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक रूसी डेलिगेशन के एक मेंबर ने दावा किया है कि जल्द ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की की तुर्की में मुलाकात हो सकती है. हालांकि, अभी भी दोनों पक्षों में सीजफायर पर सहमति नहीं बन पाई है. दूसरी ओर युद्ध को 30 से ज्यादा दिन हो गए हैं. दूसरे विश्व युद्ध के बाद से ये सबसे बड़ा यूरोपीय संघर्ष है जिसके कारण 3.8 मिलियन से अधिक यूक्रेनियन अब तक देश छोड़ चुके हैं. एक रोज़ पहले युद्ध खत्म करने को लेकर ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ट्रस ने कहा था कि अगर रूस जंग को खत्म करता है और यूक्रेन से अपनी सेना को वापस बुलाता है तो ब्रिटेन, रूस और उसकी कंपनियों पर लगे प्रतिबंध हटा देगा. बहरहाल कल की मीटिंग में किन बातों पर सहमति बनती दिखी? क्या जल्द ही पुतिन और जेलेंस्की की मुलाकात हो सकती है?

Advertisement

 
कैसे सुलझा असम मेघालय सीमा विवाद?

असम और मेघालय के बीच 50 साल से चले  आ रहे सीमा विवाद पर कल लगभग विराम लग गया. दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद ख़त्म करने को लेकर समझौता हुआ. दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री ने इस समझौते पर अपनी सहमति जताई. MoU साइन करने के दौरान गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे. इस दौरान उन्होंने कहा कि विकसित नॉर्थ ईस्ट का जो सपना पीएम मोदी देखा है, वह जल्द ही साकार होगा. मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड कोंगकल संगमा ने बताया कि मतभेद वाले 12 क्षेत्रों में से 6 पर असम के साथ समझौता किया गया है. इसके अलावा दोनों राज्यों की भागीदारी में सर्वे ऑफ इंडिया एक सर्वे करेगा और सर्वे पूरा होने के बाद actual demarcation होगा.   हाल ही में हमने देखा था कि दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद को लेकर स्थिति ज्यादा गंभीर हो गई थी, जिसके बाद गृह मंत्रालय ने इसमें हस्तक्षेप किया था. तो अब इस समझौते में विवाद वाले क्षेत्रों का कितना परसेंट निपटारा हो सका है? और वो कौन से क्षेत्र हैं जिन पर अभी राय नहीं बन पाई है ? इस विवाद को समझौते तक आने में 50 साल क्यों लग गए?
 
पंजाब में क्यों गहराया बिजली संकट?

Advertisement

पंजाब में सरकार बदल गई लेकिन वहां पर छाया बिजली संकट अभी भी दूर नहीं हो सका है. कल फिर चार पावर प्लांट बन्द हो जाने की वजह से पंजाब के कई इलाकों में काफी देर तक अंधेरा रहा. नए ऊर्जा मंत्री हरभजन सिंह ने तो कह ज़रूर दिया कि अभी सिचुएशन अंडर कंट्रोल है. लेकिन हकीकत इससे जुदा है. थर्मल पॉवर प्लांट्स की तरफ से कहा गया ये दिक्कत हमारे एंड से नहीं है. हमने सरकार को अपनी समस्याएं बता दी हैं. कोयले की कमी है. और आने वाले दिनों में इस कमी की वजह से ये और भयानक हो सकता है. तो अब सवाल यहां ये है कि पंजाब में ये बिजली संकट और कोयला संकट इतने भयानक रूप में और इतने लंबे समय से क्यों है?  सरकार क्या कह रही है इस समस्या का लेकर?


कितनी महंगी हुई आपकी थाली?

रूस-यूक्रेन युद्ध ने न सिर्फ भू-राजनैतिक  परिदृश्य को बदला है बल्कि इसका अब सीधा असर लोगों की जेब पर भी पड़ने लगा है. जंग के कारण हो रही सप्लाई ब्लॉकेज ने सभी चीजों के दाम बढ़ा दिये हैं. भारत में चाहे वो कंस्ट्रक्शन से जुड़ी चीज़ें हो या खाने से जुड़ी, सबके दाम इस युद्ध के कारण बढ़ रहे हैं. युद्ध का सबसे ज्यादा असर कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों पर पड़ा है. इन तमाम आर्थिक दुश्वारियों को देखकर भारतीय रिजर्व बैंक पर ब्याज दरों को बढ़ाने का दबाव बढ़ सकता है. वहीं आर्थिक जानकारों की मानें तो कच्चे तेल की कीमतों में 10 फीसदी की तेजी भी थोक महंगाई दर में तेज़ बढ़ोतरी कर सकती है. तो तेल की कीमतों का बढ़ना थोक महंगाई दर पर किस तरह असर डालता है? देश के लोगों को एक आम थाली के लिए अपनी कमाई का कितना हिस्सा ख़र्च करना पड़ रहा है?

Advertisement

 इन ख़बरों पर विस्तार से चर्चा के अलावा ताज़ा हेडलाइंस, देश-विदेश के अख़बारों से सुर्खियां, आज के दिन की इतिहास में अहमियत सुनिए 'आज का दिन' में अमन गुप्ता के साथ.

30 मार्च 2022 का 'आज का दिन' सुनने के लिए यहां क्लिक करें...

Advertisement
Advertisement