scorecardresearch
 

आज का दिनः शहबाज को पाकिस्तान का PM क्यों नहीं बनाना चाहेगी सेना?

शहबाज़ पाकिस्तान के पीएम बने तो क्या सेना से होगा टकराव? सतलुज-यमुना लिंक प्रोजेक्ट पर लाए गए हरियाणा के प्रस्ताव में क्या है? वायु प्रदूषण पर WHO की रिपोर्ट से क्यों हमें डरने की ज़रूरत है? सुनिए 'आज का दिन' में अमन गुप्ता के साथ.

Advertisement
X
शहबाज शरीफ (File Pic)
शहबाज शरीफ (File Pic)

आजतक रेडियो' के मॉर्निंग न्यूज़ पॉडकास्ट 'आज का दिन' में आज सुनेंगे कि पाकिस्तान में सियासी संकट के बीच सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आ सकता है. पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट में इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने के मामले में दोपहर 12 बजे फिर सुनवाई होगी. सुनिए 'आज का दिन' अमन गुप्ता के साथ.

Advertisement

पाकिस्तान में अगली सरकार पर अभी भी क्यों है संशय?
28 मार्च को पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में इमरान खान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी थी. ये तय था कि इमरान की कुर्सी जाने वाली है. लेकिन तभी, डिप्टी स्पीकर ने संविधान के नाम पर खेल कर दिया. प्रस्ताव खारिज हुआ और कुछ देर बाद नेशनल असेंबली ही भंग कर दी गई. मामला अब सुप्रीम कोर्ट में है. जिस पर सुनवाई आज फिर होगी. सुबह 11 बजे. कोर्ट ने नेशनल असेंबली की कार्यवाही का रिकॉर्ड तलब किया है. वहीं कल पाकिस्तान के इलेक्शन कमीशन ने कहा कि छह महीने से पहले चुनाव कराना उनके लिए संभव नहीं है. मगर पाकिस्तान का संविधान कहता है कि ऐसी स्थिति में नब्बे दिनों के भीतर ही चुनाव हो जाने चाहिए. इसके साथ ही इमरान खान ने भी कल अपनी पार्टी के लोगों को इलेक्शन की तैयारी करने को कहा. दूसरी तरफ, नवाज शरीफ के भाई और PMLN  नेता शहबाज शरीफ ने नेशनल सिक्योरिटी कमेटी की मीटिंग में प्रधानमंत्री इमरान खान पर निशाना साधा और उस दौरान फौज और ISI के चीफ भी मौजूद थे. बहरहाल, सवाल ये है कि जब संविधान के मुताबिक मौजूदा वक्त में 90 दिनों में चुनाव हो जाने चाहिए तो इलेक्शन कमीशन छह महीने तक चुनाव न कराने की बात कैसे कर रहा है? अगर शहबाज़ पीएम बनते हैं तो क्या फौज और सरकार के बीच कॉन्फ्लिक्ट देखने को मिल सकता है?

Advertisement

हरियाणा के सतलुज-यमुना लिंक प्रोजेक्ट के प्रस्ताव में क्या है?
1966 में जब से पंजाब का पुनर्गठन हुआ और हरियाणा अपने अस्तित्व में आया, तब से ही सतलुज, ब्यास और रावी नदियों के पानी को लेकर दोनों राज्यों के बीच विवाद शुरू हो गया,  जो आज तक चल रहा है. विवाद ना सुलझने का कारण दोनों राज्यों में लगातार बदलती सरकारों को बताया गया.  कुछ साल पहले जब कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने कहा था कि अगर सतलुज-यमुना लिंक प्रोजेक्ट के तहत पंजाब को हरियाणा के साथ पानी का बंटवारा करना पड़ा तो इसके अंजाम पंजाब के लिए बहुत बुरे हो सकते हैं. पंजाब ये दलील देता आया है कि उनके यहां हर साल करीब 70 हजार करोड़ का गेहूं और धान उगाया जाता है. जिस वज़ह से सिंचाई के लिए उसे पानी चाहिए मगर भूजल कम हो रहा है. मगर अब इसी कड़ी में कल हरियाणा विधानसभा में मनोहर लाल खट्टर सरकार ने सतलुज-यमुना लिंक प्रोजेक्ट को लेकर एक रिजॉल्यूशन पास किया.  इस रिज़ॉल्यूशन में क्या है? और पूरे विवाद की शुरुआत क्यों और कैसे हुई?

संजय राउत पर क्यों गिरी ED की गाज?
कल के दिन ईडी की एक कार्यवाही खूब चर्चा में रही. दरअसल, कल महाराष्ट्र में ईडी ने शिवसेना नेता संजय राउत पर कार्रवाई की. ED ने 1,034 करोड़ रुपए के मामले में शिवसेना नेता की संपत्ति को जब्त कर लिया. इसके अलावा कल ईडी ने संजय के अलीबाग में एक प्लॉट और दादर में एक फ्लैट को कुर्क भी कर लिया. दिन भर होती रही इन कार्रवाइयों के बीच राजनीतिक वार पलटवार भी होते रहे. बीजेपी कह रही है कि इसे राजनीति से नहीं जोड़ा जाना चाहिए. तो वहीं संजय राऊत का कहना था कि ये पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है और  बीजेपी की केंद्र सरकार, महाराष्ट्र की राज्य सरकार को गिराने के लिए उन पर ईडी के थ्रू दबाव बना रही है. तो ये पूरा मामला क्या और संजय राऊत पर ईडी ने क्या आरोप लगाए हैं?  इन ख़बरों पर विस्तार से चर्चा के अलावा ताज़ा हेडलाइंस, देश-विदेश के अख़बारों से सुर्खियां, आज के दिन की इतिहास में अहमियत सुनिए 'आज का दिन' में अमन गुप्ता के साथ.

Advertisement

6 अप्रैल 2022 का 'आज का दिन' सुनने के लिए यहां क्लिक करें...

Advertisement
Advertisement