आजतक रेडियो' के मॉर्निंग न्यूज़ पॉडकास्ट 'आज का दिन' में सुनेंगे- कुछ रोज़ पहले ही आम आदमी पार्टी को कोस रहे नवजोत सिंह सिद्धू और पंजाब के सीएम भगवंत मान की मुलाकात के बारे में. ये मुलाकात इसलिए भी खास थी क्योंकि कांग्रेस सिद्धू पर एक्शन लेने की तैयारी कर रही है. वहीं, देशद्रोह कानून का विरोध होता दिख रहा है और कोर्ट में इस बात पर बहस हुई कि देशद्रोह कानून को हटाया क्यों न जाए और आज़ादी के 75 साल बाद भी इसकी जरूरत क्यों है?
आजतक रेडियो पर हम रोज़ लाते हैं देश का पहला मॉर्निंग न्यूज़ पॉडकास्ट ‘आज का दिन’, जहां आप हर सुबह अपने काम की शुरुआत करते हुए सुन सकते हैं आपके काम की ख़बरें और उन पर क्विक एनालिसिस. साथ ही, सुबह के अख़बारों की सुर्ख़ियाँ और आज की तारीख में जो घटा, उसका हिसाब किताब. आगे लिंक भी देंगे लेकिन पहले जान लीजिए कि आज के एपिसोड में हमारे पॉडकास्टर अमन गुप्ता किन ख़बरों पर बात कर रहे हैं.
सिद्धू और मान की मुलाकात के क्या हैं मायने?
कुछ रोज़ पहले ही आम आदमी पार्टी को कोस रहे नवजोत सिंह सिद्धू ने कल पंजाब के सीएम भगवंत मान से मुलाकात की. ये मुलाकात इसलिए भी खास थी क्योंकि कांग्रेस सिद्धू पर एक्शन लेने की तैयारी कर रही है. मान से मुलाकात के बाद सिद्धू काफी उत्साहित दिखे और इस 50 मिनट की मुलाकात को मोस्ट कंस्ट्रक्टिव 50 मिनट बताया.
वैसे सिद्धू ने तो कहा कि वो मान से पंजाब की अर्थव्यवस्था पर बात करने गए थे. लेकिन जानकार कहते हैं कि विपक्ष में बैठा कोई नेता यूं ही सीएम से मिलने नहीं पहुंच जाता. इसके आगे पीछे बहुत सी कहानी होती है. पहले भी सिद्धू सीएम मान की तारीफ कर चुके हैं.
हाल ही में सिद्धू ने कहा था कि सीएम में कोई अहंकार नहीं है. जैसे वो 10-15 साल पहले थे, वैसे ही आज भी हैं... शायद उससे भी ज्यादा विनम्र. सिद्धू अक्सर कहते रहते हैं कि उनकी लड़ाई निजी नहीं बल्कि सिस्टम के ख़िलाफ़ है. कल भी उन्होंने ये बात दोहराई. तो अब सवाल ये है कि एक ओर जब कांग्रेस सिद्धू के ख़िलाफ़ एक्शन लेने की तैयारी कर रही है तो मान से उनकी इस मुलाकात को केवल अर्थव्यवस्था से जोड़ कर ही देखना क्या मुफीद है या परदे के पीछे दूसरी पिक्चर भी चल रही है?
देशद्रोह क़ानून पर रेगुलेशन क्यों बनाना चाहती है सरकार?
अक्सर आप पढ़ते या सुनते होंगे कि सरकार ने फलाने आदमी पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज़ कर दिया... इसके तहत अब उसपर कार्रवाई होगी. हालांकि इस कानून का विरोध भी खासा होता रहा है और हाल में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला जब मुंबई की खार पुलिस कुछ दिनों पहले निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके पति विधायक रवि राणा के खिलाफ सीएम हाउस के सामने हनुमान चालीसा पढ़ने पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था. जिसके बाद कोर्ट में इस बात पर बहस हुई कि देशद्रोह कानून को हटाया क्यों न जाए और आज़ादी के 75 साल बाद भी इसकी जरूरत क्यों है?
इस पर सुप्रीम कोर्ट में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि देशद्रोह कानून को पूरी तो हटाया नहीं जाना चाहिए, बल्कि इस पर दिशा-निर्देशों की जरूरत है. सो अदालत को इस कानून पर गाइडलाइन बनाना चाहिए. मतलब सरकार... कोर्ट से कह रही थी कि कोर्ट ही इस कानून पर गाइडलाइन जारी करे, लेकिन कल सरकार अपनी ही इस बात से पलट गई.
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के सामने एक हलफनामा पेश किया जिसमें कहा गया कि देशद्रोह कानून अंग्रेज़ों के वक्त का है सो इसमें सुधार की ज़रूरत है और वो सुधार सरकार करेगी इसलिए इस मामले में कोर्ट कोई हस्तक्षेप न करे. आज ही कोर्ट में देशद्रोह कानून पर सुनवाई होनी है... और सरकार का अचानक से ये कहना की कोर्ट इस कानून के रेगुलेशन में कोई हस्तक्षेप न करे ये कहने की वज़ह क्या है?
LIC IPO लिस्टिंग से पहले क्या उम्मीद है?
देश की सबसे बड़ी insurance कंपनी LIC के IPO को सब्सक्राइब या कहें अप्लाई करने का कल आखिरी दिन था. कल जब इसकी ऑफरिंग बंद हुई, तब तक इस आईपीओ में जितनी शेयर्स ऑफरिंग थी, उससे लगभग 3 गुना ज्यादा सब्सक्राइब किया जा चुका था. सरकार ने 5 कैटेगरी में इस IPO को ऑफर किया था. Policy holders, LIC employees, Institutional investors, retail investors और non - institutional investors. Bombay Stock Exchange पर मौजूद डाटा के हिसाब से पालिसी होल्डर्स के लिए 13.65%, LIC employees के लिए 0.9 %, retail इन्वेस्टर्स के लिए 42.65 %, institutional investors के लिए 24.39 % और non - institutional investors के लिए 18.29% शेयर्स सुरक्षित रखे गए थे और इन सारी कैटेगोरी में ऑफर किये गए शेयर्स से ज्यादा एप्लीकेशन मिले है.
तो इस IPO के लिए जैसा लोगों का इंटरेस्ट देखने को मिला उसे देखते हुए LIC के लिए ये एक खुशखबरी जैसा है. लेकिन RBI के रेपो रेट बढ़ाने के बाद जिस तरह से भारतीय शेयर बाजार नीचे की तरफ लुढ़का है, उसे देखते हुए LIC का IPO अपनी लिस्टिंग के दिन कैसा परफॉर्म करेगा, उसे लेकर अब थोड़ी आशंकाएं हैं, क्या ये सही हैं और LIC IPO को मिले रिस्पांस को कैसे देख जाए?
इन ख़बरों पर विस्तार से चर्चा के अलावा ताज़ा हेडलाइंस, देश-विदेश के अख़बारों से सुर्खियां, आज के दिन की इतिहास में अहमियत सुनिए 'आज का दिन' में अमन गुप्ता के साथ.
10 मई 2022 का 'आज का दिन' सुनने के लिए यहां क्लिक करें...