रूस-यूक्रेन की जंग दिन-ब दिन और भयंकर होती जा रही है. रूसी सेना ने खार्किव और कीव के बीच ओख्तिरका शहर के मिलिट्री बेस पर कल हमला किया जिसमें 70 यूक्रेनी सैनिक मारे गए. वहीं रात होते-होते रूसी फोर्स ने खार्किव पर हमले तेज कर दिए. रिहायशी इलाके, जहां लोग रहते हैं, उन जगहों पर एयर स्ट्राइक किए गए जिसमें 8लोगों की मौत हो गई. खार्किव के अलावा कीव पर भी रूसी सेना एयरस्ट्राइक कर रही है. यहां के 5 टीवी टॉवर्स को रूस ने उड़ा दिया जिसके बाद से यूक्रेन के टीवी चैनलों का प्रसारण बंद हो गया है. रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा भी है कि वो हमले और तेज़ कर रहा है इसलिए लोग अपने घरों को छोड़कर निकल जाएं.
उधर रूस की TASS news agency की ओर से ये कहा गया कि आज रूस-यूक्रेन के बीच दूसरा पीस टॉक हो सकता है, मगर इन सब के बीच चौंकाने वाला बयान ब्रिटेन की तरफ से आया. ब्रिटेन ने कहा कि रूस को United Nations Security Council से बाहर करना भी विकल्प है जिस पर विचार किया जा सकता है.
ऑपरेशन गंगाः 3 दिन में भेजी जाएंगी 26 फ्लाइट्स
वहीं भारत में कैबिनेट मीटिंग के बाद ये तय किया गया कि ऑपरेशन गंगा के तहत यूक्रेन से भारतीयों को लाने के लिए 3 दिन में 26 फ्लाइट्स भेजी जाएंगी. विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया कि जब उन्होंने अपनी पहली एडवाइजरी जारी की थी उस समय यूक्रेन में लगभग 20,000 भारतीय छात्र थे, तब से लगभग 12,000 छात्र यूक्रेन छोड़ चुके हैं और बाकी बचे 40% छात्रों में से लगभग आधे conflict zone में हैं और आधे यूक्रेन के western border पर पहुंच गए हैं या उसकी तरफ बढ़ रहे हैं. बहरहाल, इन सारे घटनाक्रमों के बीच कल यूके के बयान की खूब चर्चा रही, तो क्या रूस को United Nations Security Council से बाहर करना वाकई संभव है?
वहीं, इस युद्ध के कारण रूस पर रोज कोई न कोई नया sanctions लग रहा है. अमेरिका की अगुवाई में अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी का एक खेमा लामबंद हो रहा है. कोशिश की जा रही है कि sanctions के जरिए ही रूस पर दबाव डाल कर युद्ध को रोका जाए जैसा कि यूएस ने कुछ साल पहले ईरान, लीबिया के साथ किया था. पश्चिमी देश रूस के सेंट्रल बैंक के asset को फ्रीज करने जा रहे हैं. अमेरिका और ब्रिटेन ने रूस के दो सबसे बड़े बैंकों सबर बैंक और वीटीबी बैंक पर एकतरफा बंदिशें लगाई हैं, साथ ही रूस के एलीट क्लास पर ट्रैवल sanctions भी लगाए हैं. उनकी संपत्तियां फ्रीज कर दी हैं. कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने भी ऐसा किया है. जर्मनी ने नॉर्ड स्ट्रीम 2 गैस पाइपलाइन परियोजना को रोकने को रोक ही दिया है. पोलैंड, बुल्गारिया और एस्तोनिया ने रूसी aviation companies के लिए अपने airspace को बंद कर दिया है. रूस पर चौतरफा दबाव बनाया जा रहा है. यही कारण है कि रूसी करेंसी रूबल, यूएस डॉलर के मुकाबले 117 पर आ गया है और यह 41 फीसदी की गिरावट बताई जा रही है. तो सवाल यहां ये है कि ये sanctions रूस को कितना हार्म करने वाले हैं, क्या इसका असर रूस पर जल्दी दिखेगा या ये एक स्लो प्रोसेस रहेगा? रूस पर लगाए गए हैं उससे रूस निकलेगा कैसे?
उत्तर प्रदेश में छठे चरण का मतदान कल
उत्तर प्रदेश के चुनाव अब आखिरी दौर में हैं. दो चरण की वोटिंग बची है. छठे और सातवें चरण की. छठे चरण के लिए वोटिंग कल यानी तीन तारीख को होगी.जिसके लिए कल चुनाव प्रचार का आख़िरी दिन था. 10 ज़िलों की 57 सीटें हैं, जिनके लिए ये वोटिंग होनी है. इसमे अंबेडकरनगर और बलिया छोड़ दें तो बाकी के ज़िले जैसे गोरखपुर, संतकबीरनगर, बस्ती,महराजगंज सिद्धार्थनगर,कुशीनगर, देवरिया और बलरामपुर वो हैं जहाँ सीएम योगी आदित्यनाथ का अच्छा ख़ासा प्रभाव है. तो छठे चरण में योगी की भी परीक्षा होनी हैं. वहीं सातवें और अंतिम चरण में 9 ज़िलों की 54 सीटों पर मतदान होना है. इसमे मऊ , आजमगढ़, गाजीपुर, बनारस, भदोही , चंदौली , मिर्जापुर, सोनभद्र और जौनपुर ज़िले हैं. बनारस भी है इसी चरण में जहां से पीएम मोदी सांसद हैं. और आजमगढ़ , मऊ जैसे ज़िले भी जहां सपा का अच्छा प्रभाव माना जाता है. इन क्षेत्रों में जातीय समीकरण भी बड़े महत्वपूर्ण माने जाते हैं. और इन समीकरणों को ही साधने के लिए बड़े दलों ने कई छोटे दलों से गठबंधन भी किये हैं. जैसे बीजेपी ने अपना दल, निषाद पार्टी को रखा हुआ है तो सपा के पास ओमप्रकाश राजभर हैं. फिलहाल इन दोनों चरणों मे जहां वोटिंग है वहाँ के कास्ट इक्वेशन्स क्या हैं?
जीएसटी का कलेक्शन बढ़ा
महंगाई पर ख़ूब हो हल्ला मचा हुआ है. खाने वाले तेल से लेकर पेट्रोल डीजल सबके दाम बढ़े हुए हैं. मगर सरकारी खजाने के लिए एक राहत भरी ख़बर है.फरवरी 2022 का जीएसटी कलेक्शन 1 लाख 33 हजार 26 करोड़ रुपये आया है. जीएसटी वसूली का यह आंकड़ा फरवरी 2021 के मुकाबले 18 फीसदी ज्यादा है. यह बढ़त ऐसे समय में आई है, जब जनवरी में कुछ राज्यों में कोरोना की वजह से प्रतिबंध भी लगा था. इससे यह भी संकेत मिल रहा है कि कोविड-19 की तीसरी लहर का बहुत ज्यादा असर नहीं दिखा है जीएसटी कलेक्शन पर और चौथी तिमाही भी ठीक ठाक रहने वाली है. हालांकि परसो आए जीडीपी के आंकड़ों पर जरूर असर दिखा था. जीडीपी की ग्रोथ तीसरी तिमाही में 5.4 फीसदी रही, जो दूसरी तिमाही की तुलना में 3 फीसदी कम थी. ये लगातार पांचवी बार है जब जीएसटी कलेक्शन एक लाख तीस हजार करोड़ के ऊपर गया है. तो बढ़े जीएसटी कलेक्शन के क्या कारण रहे? और किन सेक्टर्स का अहम रोल है इसमें?
इन ख़बरों पर विस्तार से चर्चा के अलावा ताज़ा हेडलाइंस, देश-विदेश के अख़बारों से सुर्खियां, आज के इतिहास की अहमियत सुनिए 'आज का दिन' में अमन गुप्ता के साथ.
2 मार्च 2022 का 'आज का दिन' सुनने के लिए यहां क्लिक करें...