महाराष्ट्र में शिंदे गुट की शिवसेना ने अखबारों में विज्ञापन दिया है. इसमें दावा किया है कि सीएम के तौर पर फडणवीस के मुकाबले शिंदे को ज्यादा तरजीह दी जाती है. यानी शिंदे सबसे ज्यादा पसंदीदी सीएम हैं. सर्वे का हवाल देकर कहा, महाराष्ट्र में 49.4 प्रतिशत लोग अपने राज्य के नेतृत्व के लिए बीजेपी और शिवसेना के बीच एक मजबूत गठबंधन देखना चाहते हैं. वहीं, यूएनडीपी के डेटा से पता चलता है कि एक बड़ी तादाद ऐसे लोगों की है, जो सोचते हैं कि महिलाएं नेता बन सकती हैं, शिक्षा हासिल कर सकती हैं, कमा सकती हैं लेकिन फिर भी उनके पतियों का उन्हें पीटना जायज है. महिलाओं को लेकर पुरूषों एवं महिलाओं का अनुपात लगभग समान है.जानिए, मंगलवार शाम की पांच सबसे बड़ी खबरें.
यूएनडीपी के डेटा से पता चलता है कि एक बड़ी तादाद ऐसे लोगों की है, जो सोचते हैं कि महिलाएं नेता बन सकती हैं, शिक्षा हासिल कर सकती हैं, कमा सकती हैं लेकिन फिर भी उनके पतियों का उन्हें पीटना जायज है. महिलाओं को लेकर पुरूषों एवं महिलाओं का अनुपात लगभग समान है.
2) बंगाल में विपक्षी पार्टियों को झटका, हाईकोर्ट ने नहीं बढ़ाई पंचायत चुनाव के लिए नामांकन की तारीख
पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव का मंच सज चुका है. राज्य में हिंसा के बीच नामांकन जारी हैं. इसी बीच कलकत्ता हाईकोर्ट ने विपक्षी पार्टियों को झटका दिया है. हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव के लिए नामांकन की तारीख नहीं बढ़ाई है.
3) 'मोदी इन राष्ट्र, शिंदे इन महाराष्ट्र', शिवसेना के विज्ञापन से फडणवीस को लेकर छिड़ी बहस
महाराष्ट्र में शिंदे गुट की शिवसेना ने अखबारों में विज्ञापन दिया है. इसमें दावा किया है कि सीएम के तौर पर फडणवीस के मुकाबले शिंदे को ज्यादा तरजीह दी जाती है. यानी शिंदे सबसे ज्यादा पसंदीदी सीएम हैं. सर्वे का हवाल देकर कहा, महाराष्ट्र में 49.4 प्रतिशत लोग अपने राज्य के नेतृत्व के लिए बीजेपी और शिवसेना के बीच एक मजबूत गठबंधन देखना चाहते हैं.
मौसम विभाग के ताजा अपडेट के मुताबिक, तूफान के उत्तर पूर्व दिशा में गुजरात तटों की ओर मुड़ने से पहले इसकी गति कुछ कम हो गई है. पहले इसकी गति 90 समुद्री मील (167 किमी प्रति घंटे) थी जो घटकर 85 समुद्री मील (लगभग 157 किमी प्रति घंटा) हो गई है.
5) केंद्र सरकार के आदेश पर भड़के SP सांसद शफीकुर्रहमान, बोले- 'दफ्तरों में योग होगा या देश का काम'
योग को लेकर केंद्र सरकार के आदेश पर एसपी सांसद शफीकुर्रहमान बर्क भड़क गए हैं. उन्होंने कहा कि सभी लोग अपने घरों से ही योग करके आएं, क्योंकि दफ्तरों में योग होगा या देश का काम होगा. योग करना भी ठीक है. मगर, सरकार देश की कमियों को छोड़कर योग को देख रही है.