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आज का दिनः स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में केरल अव्वल और यूपी-बिहार फिसड्डी क्यों हैं?

नीति आयोग के हेल्थ इंडेक्स में अव्वल और आख़िर राज्य की हेल्थ प्लानिंग में क्या फर्क़ है? दिल्ली में रेज़िडेंट डॉक्टरों की पुलिस के साथ झड़प क्यों हुई? कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाले रायबरेली के क्या हैं मुद्दे? और एक के बाद एक तमाम राज्यों में लग रहे ‘नाइट कर्फ्यू’ के पीछे का तर्क क्या है? सुनिए आजतक रेडियो पर...

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हेल्थ इंडेक्स में केरल पहले, यूपी सबसे नीच है. (फाइल फोटो-PTI)
हेल्थ इंडेक्स में केरल पहले, यूपी सबसे नीच है. (फाइल फोटो-PTI)

‘आजतक रेडियो' के मॉर्निंग न्यूज़ पॉडकास्ट 'आज का दिन' में सुनेंगे – नीति आयोग के हेल्थ इंडेक्स में अव्वल और आख़िर राज्य की हेल्थ प्लानिंग में क्या फर्क़ है? दिल्ली में रेज़िडेंट डॉक्टरों की पुलिस के साथ झड़प क्यों हुई? कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाले रायबरेली के क्या हैं मुद्दे? और एक के बाद एक तमाम राज्यों में लग रहे ‘नाइट कर्फ्यू’ के पीछे का तर्क क्या है?

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आजतक रेडियो पर हम रोज़ लाते हैं देश का पहला मॉर्निंग न्यूज़ पॉडकास्ट ‘आज का दिन’, जहां आप हर सुबह अपने काम की शुरुआत करते हुए सुन सकते हैं आपके काम की ख़बरें और उन पर क्विक एनालिसिस. साथ ही, सुबह के अख़बारों की सुर्ख़ियाँ और आज की तारीख में जो घटा, उसका हिसाब किताब. आगे लिंक भी देंगे लेकिन पहले जान लीजिए कि आज के एपिसोड में हमारे पॉडकास्टर जमशेद क़मर सिद्दीक़ी किन ख़बरों पर बात कर रहे हैं.   

1. नीति आयोग हेल्थ इंडेक्स  

नीति आयोग ने कल साल 2019 से 2020 का हेल्थ इंडेक्स जारी किया. रिपोर्ट के मुताबिक, बड़े राज्यों में स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में केरल टॉप पर है, जबकि उत्तर प्रदेश अंतिम पायदान पर है. यह लगातार चौथी दफा है जब केरल ओवरऑल परफॉर्मेंस के मामले में बेस्ट परफॉर्मर है. अब क्योंकि कल दो तरह की हेल्थ इंडेक्स रिपोर्ट जारी हुए हैं, एक में यूपी को अव्वल बताया गया है तो दूसरे में निचला स्थान दिया है और केरल के मामले में भी ठीक ऐसा ही है. समझने वाली है कि इन दोनों रिपोर्ट्स में अंतर क्या है? जो बता रहे हैं गांधीनगर के  Indian Institute of Public Health के डायरेक्टर प्रोफ़ेसर दिलीप मावलंकर  

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2. रेज़िडेंट डॉक्टरों की पुलिस से झड़प 

नीट यानि नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट के बनने के बाद ही से इसका विवादों से नाता रहा है. कभी परीक्षा पैटर्न को लेकर तो कभी सीट्स एलोकेशन को लेकर. इस बार की नीट परीक्षा का रिजल्ट्स अनाउंस किए काफी समय हो गया है लेकिन अब तक काउंसलिंग शुरू नहीं हो पाई है. काउंसलिंग को जल्द करने की मांग को लेकर कल डॉक्टर्स ने मौलाना आजाद कॉलेज से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पैदल मार्च करने का फैसला किया. दिल्ली पुलिस ने कुछ डॉक्टर्स को गिरफ्तार कर लिया.  डॉक्टर्स एसोशिएशन IMA के National Joint Secretary शंकुल द्विवेदी, जो खुद इस मार्च में शामिल थे बता रहे हैं कि आखिर पूरा मामला है क्या?  

3. रायबरेली ग्राउंड रिपोर्ट  

रायबरेली का नाम आते ही कांग्रेस के नेताओं की एक लंबी फेहरिस्त हमारे सामने खड़ी हो जाती है. लेकिन रायबरेली के लोगों का इस दफा चुनावी गणित कहां बैठ रहा है, रायबरेली के लोगों के मुद्दे क्या हैं और वो 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव को किस पाले में जाते देख रहे हैं, यही जानने के लिए आज तक की टीम रायबरेली पहुंची, जहां लोगों से आज तक रेडियो रिपोर्टर सुषमा पांडेय ने बात की, सुनिए.  

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4. नाइट कर्फ्यू का तर्क क्या?

यूपी में 25 दिसंबर से सभी ज़िले में नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया लेकिन 26 तारीख़ की सुबह कांग्रेस ने ‘लड़की हूँ लड़ सकती हूँ’ की रैली निकाली जिसमें हज़ारों लड़कियों के शामिल होने का दावा किया गया. अमित शाह ने भी जालौन और कासगंज मे रैली की जिसमें भारी भीड़ जुटी. ठीक यही हाल बाकी पार्टियों का भी है. ऐसे में सवाल ये है कि रैलियों के बीच नाइट कर्फ्यू का मतलब क्या रह जाता है? कल वरूण गांधी ने भी इसी बारे में ट्वीट कर के सवाल किया. तो ऐसे समय में जब रात में शायद ही कोई निकलता हो उस वक्त नाइट कर्फ्यू के पीछे का लॉजिक क्या है? इस बारे में बात कर रहे हैं यूके के नेशनल हेल्थ सर्विस में काम करने वाले डॉक्टर अविरल वत्स 

28 दिसंबर 2021 का 'आज का दिन' सुनने के लिए यहां क्लिक करें 

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