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गोवा के मेडिकल कॉलेज में पिछले 4 दिनों में 74 मरीजों की मौत हो चुकी है. इसकी वजह ऑक्सीजन सप्लाई में कमी बताई जा रही है. इस बीच मेडिकल कॉलेज में मरीजों की मौत पर आजतक की खबर का बड़ा असर हुआ है. खबर दिखाए जाने के बाद 20 हजार लीटर का मेडिकल ऑक्सीजन टैंक मेडिकल कॉलेज में शुरू किया गया है.
दरअसल, जिस दौर में कोरोना के मरीज एक-एक सांस के लिए संघर्ष कर रहे हैं. उस दौर में मरीजों की बढ़ती संख्या के चलते गोवा के मेडिकल कॉलेज का दम फूल गया है. जिसका खामियाजा मरीजों को अपनी जान देकर भुगतना पड़ रहा है. दावा है कि ऑक्सीजन की कमी के चलते बीते चार दिनों में गोवा मेडिकल कॉलेज में 74 मरीजों की जान जा चुकी है.
बता दें कि 11 मई को मेडिकल कॉलेज में 26 मरीजों की मौत हुई, 12 मई को 20, 13 मई को 15 और 14 मई को 13 मरीजों को ऑक्सीजन की कमी के चलते अपनी जान गंवानी पड़ी.
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ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर गोवा के अस्पताल में लगातार मरीजों की मौत क्यों हो रही है और आधी रात को ऑक्सीजन का संकट कैसे मरीजों की जान ले रहा है. गोवा में मेडिकल कॉलेज में मरने वाले मरीजों की फेरहिस्त लगातार लंबी होती जा रही है. मरीजों की बदहाली का ये हाल सिर्फ गोवा मेडिकल कॉलेज तक सीमित नहीं है, दूसरे अस्पतालों में भी संकट कुछ ऐसा ही है क्योंकि गोवा कोरोना की गिरफ्त में आ चुका है.
गोवा में पॉजिटिविटी रेट 51 फीसदी
गोवा में कोरोना संक्रमण की पॉजिटिविटी रेट 51 फीसदी है यानी टेस्ट कराने वाला हर दूसरा आदमी पॉजिटिव हो रहा है. रिकवरी रेट भी सिर्फ 71 फीसदी है. यानी गोवा की हालत लगातार खराब हो रही है और उस पर अस्पताल का ये हाल है. लगातार होती मौत ने अस्पताल प्रशासन को सांसत में डाल दिया है.
दिल्ली से ऑक्सीजन मंगाई जा रही है. टैंकरों से ऑक्सीजन की सप्लाई हो रही है. लेकिन विपक्षी पार्टियों ने इस संकट को लेकर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है और मामला हाई कोर्ट तक पहुंच गया है.
जिस राज्य पर पर्यटकों के पैसे बरसते हैं. जिसकी देश-दुनिया में नंबर वन टूरिस्ट डेस्टिनेशन की इमेज है, वहां लोग इलाज के बगैर दम तोड़ रहे हैं. हालांकि, गोवा के मेडिकल कॉलेज में मरीजों की मौत पर आजतक की खबर का असर हुआ और 20 हजार लीटर का मेडिकल ऑक्सीजन टैंक मेडिकल कॉलेज में शुरू किया गया.
गोवा से सौरभ वक्तानिया के साथ आजतक ब्यूरो