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कृषि बिल से क्यों नाखुश हैं किसान, कोरोना के फेलुदा टेस्ट को मंजूरी, सुनें 'आज का दिन'

कृषि बिल से क्यों किसान अब भी नाखुश है, ये लड़ाई कहां तक जाएगी और किसान चाहते क्या हैं.. बता रहे हैं चौधरी पुष्पेंद्र से जो किसान शक्ति संघ के अध्यक्ष हैं.

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देश के कई शहरों में किसान का धरना प्रदर्शन जारी
देश के कई शहरों में किसान का धरना प्रदर्शन जारी

सरकार ने संसद में कृषि से संबंधित बिल पास करा लिए हैं. उसके पहले और बाद में सड़कों पर खूब हंगामा है. संसद परिसर में भी जारी है. इस बीच मोदी कैबिनेट ने रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी की बढ़ोतरी को मंज़ूरी दे दी है. सारा विवाद इस एमएसपी पर ही है. सरकार का कहना है कि ये तमाम बदलावों के बावजूद रहेगी.. विपक्ष का कहना है सरकार की नीयत ठीक नहीं. अब MSP बढ़ा है तो सवाल बनता है कि सरकार इससे क्या संदेश देना चाहती है, क्यों किसान अब भी नाखुश है, ये लड़ाई कहां तक जाएगी और किसान चाहते क्या हैं.. बता रहे हैं चौधरी पुष्पेंद्र से जो किसान शक्ति संघ के अध्यक्ष हैं.

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कोरोना की सटीक रिपोर्ट देने वाले सस्ते पेपर-बेस्ड टेस्ट स्ट्रिप को मंजूरी मिल गयी है. इसे फेलुदा टेस्ट भी कहा जा रहा है. CSIR और टाटा ग्रुप की रिसर्च टीम ने मिलकर इसे डेवलप किया है. अब तक दुनिया भर में कोरोना की पहचान के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट को ही सबसे सटीक समझा जाता है। फेलुदा टेस्ट भी आरटी-पीसीआर टेस्ट जितना ही सटीक है। कोरोना से लड़ाई की बात जब भी होती है, तो टेस्ट की बात होती ही है तो जितने अधिक टेस्ट होंगे.. कोरोना से लड़ाई उतनी आसान होती जाएगी. ऐसे में सवाल है कि क्या फेलुदा टेस्ट कोरोना के खिलाफ जंग में गेम चेंजर साबित होगा? जानेंगे इसका जवाब भी और समझेंगे कि क्या है फेलुदा टेस्ट कितने पैसे में होता है, कब तक नतीजा आता है. प्रभाष दत्ता बता रहे हैं.

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कल हफ्ते के पहले कारोबारी दिन शेयर बाज़ार की शुरुआत सपाट रही. फिर थोड़ी देर बाद बाजार में उतार-चढ़ाव देखे गए. दोपहर बाद बाज़ार ऐसा गिरा कि देखते ही देखते निवेशकों का चार लाख करोड़ से ज़्यादा स्वाह हो गया. आखिर बाज़ार को ऐसा क्या दिखा कि हलचल इतनी तेज़ रही और क्या सिर्फ भारत में ही ऐसा हुआ. साथ में समझिए कि इन हलचलों का फर्क आप पर क्या पड़ता है. हमारे मार्केट एक्सपर्ट शुभम से सुनिए. 

और ये भी जानिए कि 22 सितंबर की तारीख इतिहास के लिहाज़ से अहम क्यों है.. क्या घटनाएं इस दिन घटी थीं. अख़बारों का हाल भी पांच मिनटों में सुनिए और खुद को अप टू डेट कीजिए. इतना कुछ महज़ आधे घंटे के न्यूज़ पॉडकास्ट 'आज का दिन' में नितिन ठाकुर के साथ.  

'आज का दिन' सुनने के लिए यहां क्लिक करें

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