आजतक रेडियो पर हम रोज़ लाते हैं देश का पहला मॉर्निंग न्यूज़ पॉडकास्ट ‘आज का दिन’, जहां आप हर सुबह अपने काम की शुरुआत करते हुए सुन सकते हैं आपके काम की ख़बरें और उन पर क्विक एनालिसिस. साथ ही, सुबह के अख़बारों की सुर्ख़ियाँ और आज की तारीख में जो घटा, उसका हिसाब किताब. आगे लिंक भी देंगे लेकिन पहले जान लीजिए कि आज के एपिसोड में हमारे पॉडकास्टर नितिन ठाकुर किन ख़बरों पर बात कर रहे हैं.
18 साल से ऊपर वालों को वैक्सीन देने में मुसीबत?
वैक्सिनेशन शुरू हुए 3 महीने से ऊपर हो चुके हैं तब से कई नियम बदले. अब एक नया नियम अचानक आया है कि 18 साल से ऊपर के लोगों को भी वैक्सीन लगाई जाएगी. कई लोगों को इससे ख़ुशी हुई लेकिन ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विस में काम करनेवाले डॉक्टर अविरल वत्स इस फ़ैसले के बाद आनेवाली कई मुसीबतों की तरफ़ इशारा कर रहे हैं.
यूपी में लालफ़ीताशाही का ज़ोर
एक तरफ़ यूपी के सीएम का फ़रमान है कि निजी अस्पताल किसी भी गंभीर कोरोना मरीज़ को भर्ती करने से मना नहीं करेंगे दूसरी तरफ़ तंत्र की लालफ़ीताशाही से लोग परेशान हैं. हमारे लखनऊ रिपोर्टर शिवेंद्र श्रीवास्तव ने पाया कि सरकार ने हर प्राइवेट हॉस्पिटल के लिए एक नोडल ऑफिसर नियुक्त किया है जो बिना सीएमओ के रेफरल लेटर के किसी भी मरीज़ की भर्ती नहीं होने दे रहा. उनकी ग्राउंड रिपोर्ट सुनिए और ज़मीनी हालात जानिए.
रैमडेसिविर पर क्या कह रहे हैं डॉक्टर?
कोरोना के इलाज पर अब तक असमंजस की स्थिति बनी हुई है. WHO से लेकर AIIMS और ICMR कह रहे हैं कि रैमडेसिविर के पीछे मत दौड़िए क्योंकि ये कोई जादू नहीं है. दूसरी तरफ डॉक्टर जमकर कोरोना मरीज़ों को पर्चे में रैमडेसिविर का नाम लिख रहे हैं. ऐसे में इस इंजेक्शन को पाने की होड़ लगी है. आजतक रेडियो रिपोर्टर साहिल जोशी ने काफ़ी डॉक्टरों से बात की और बता रहे हैं कि रैमडेसिविर के इस्तेमाल को लेकर प्रोटॉकॉल्स क्या कहते हैं?
इसके अलावा आज के पॉडकास्ट में सुनिए कि आज की तारीख़ में पहले क्या घट चुका है और साथ ही देश-विदेश के अख़बारों की सुर्ख़ियाँ भी, जिन्हें रोज़ लाते हैं प्रतीक वाघमारे.