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आंदोलन कर रहे किसानों को सुप्रीम कोर्ट से क्या है उम्मीद, सुनें 'आज का दिन'

किसान मझधार में है लेकिन उम्मीद की डोर पकड़े शांतिपूर्ण तरीके से खड़े हैं. तो किसानों को अदालत से क्या उम्मीद है, बता रहे हैं हमारे सहयोगी कुमार कुणाल से जो लगातार इस आंदोलन को कवर कर रहे हैं.

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किसानों का आंदोलन जारी (फाइल फोटो-PTI)
किसानों का आंदोलन जारी (फाइल फोटो-PTI)

राजधानी दिल्ली के बॉर्डर पर अपनी मांगों को लेकर डटे किसान और उनके आंदोलन का अगर लेखाजोखा एक लाइन में लिखा जाए तो मोटा-माटी कुछ ये है कि वो डटे हैं. सरकार अड़ी है. मामला सुप्रीम कोर्ट में है. आज किसान केएमपी एक्सप्रेस-वे पर ट्रैक्टर-ट्रॉलियां की एक रैली निकालेंगे। किसान संगठन इसे 26 तारीख की किसान परेड का रिहर्सल बता रहे हैं और इसमें हजारों की तादाद में गाड़ियों के शामिल होने की बात कही जा रही है. तो जहाँ एक तरफ बातचीत और आंदोलन में नए रंग डालने की कोशिश हो रही हैं तो वहीँ दूसरी तरफ किसानों को राहत की एक उम्मीद सुप्रीम कोर्ट से भी है. नए कृषि कानूनों की संवैधानिक वैधता को लेकर कुछ वकीलों ने अदालत में जनहित याचिका दायर की हुई है. इस पर कल सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसान आंदोलन और कृषि कानूनों की अर्जी पर सोमवार को सुनवाई होगी. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बोबड़े ने टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्हें हालात में कोई बदलाव नहीं दिख रहा है. किसान मझधार में है लेकिन उम्मीद की डोर पकडे शांतिपूर्ण तरीके से खड़े हैं. तो किसानों को अदालत से क्या उम्मीद है, बता रहे हैं हमारे सहयोगी कुमार कुणाल से जो लगातार इस आंदोलन को कवर कर रहे हैं.

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बात अब बिहार की. जेडीयू में टूट की आशंकाओं के बीच कांग्रेस की नैया डावाँडोल दिख रही है. कांग्रेस से विधायक रहे भरत सिंह ने कहा है कि जल्द ही बिहार कांग्रेस में बड़ी टूट होगी और 11 विधायक पार्टी छोड़ देंगे. तो बिहार कांग्रेस में चल क्या रहा है ? बिहार कांग्रेस में जो लगातार घमासान मचा है चुनाव के बाद से ही, इसे समझने के लिए हमने पटना में हमारे सहयोगी रोहित कुमार सिंह से बात की. 

बर्ड फ्लू को लेकर देश के कई राज्य अलर्ट पर हैं. भारत सरकार के मुताबिक, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, केरल में बर्ड फ्लू की पुष्टि भी हुई है. ऐसे में केंद्र सरकार की ओर से एक कंट्रोल रूम बनाया गया है, जिसके जरिए देश में आ रहे ऐसे मामलों पर नज़र रखी जा रही है. बावज़ूद इसके, अब तक इस संक्रामक एन्फ्लूएंजा का ख़तरा कम होता नहीं दिख रहा. ऐसे में एक माकूल सवाल ये है कि आख़िर इसी समय के आस पास क्यों बर्ड फ्लू का ख़तरा बढ़ जाता है हर साल ? राज्यों में अभी क्या अपडेट है? इन तमाम सवालों के जवाब दे रहे हैं हमारे सहयोगी ऋचीक मिश्रा. 

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लम्बे इंतजार के बाद अब कोरोना को हराने के लिए वैक्सीन तैयार हो चुकी है. फाइनल वैक्सीनेशन ड्राइव का ड्राई रन किया जा चुका है. कुल मिलाकर वैक्सीनेशन प्रोग्राम का खाका तैयार है लेकिन इसके बहाने साइबर अपराधी भी एक्टिव हो चुके हैं. दिल्ली और नोएडा पुलिस ने लोगों से अलर्ट रहने को कहा है. एक्सपर्ट पवन दुग्गल ने तो इस वक्त को साइबर क्राइम का स्वर्णिम युग करार दिया है. हमारे आजतक रेडियो के रिपोर्टर हिमांशु मिश्रा बता रहे हैं कि साइबर अपराधियों ने वैक्सीन के नाम पर लोगों को ठगने के लिए क्या तरीके अपनाए है?


और ये भी सुनिए कि 7 जनवरी की तारीख महत्वपूर्ण क्यों है, इतिहास इस पर क्या कहता है. साथ साथ अख़बारों का हाल भी लेंगे. इतना सब कुछ महज़ आधे घंटे में सुनिए मॉर्निग न्यूज़ पॉडकास्ट 'आज का दिन' में नितिन ठाकुर के साथ.

'आज का दिन' सुनने के लिए यहां क्लिक करें

 

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