महाराष्ट्र और कर्नाटक पड़ोसी हैं. उनके बीच बॉर्डर शेयर होता है. इसी बॉर्डर पर एक विवाद है जो पुराना है और अक्सर सुर्खियों में आ जाता है. महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने एक बयान दिया है. कहा कि बाला साहेब ठाकरे का सपना था कि बेलगाम, करवर और निपाणी के साथ एकजुट महाराष्ट्र की स्थापना हो. इसके बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने कहा कि इस तरह की बयानबाजी गलत है और सब जानते हैं कि महाजन समिति की रिपोर्ट में क्या फैसला हुआ था. फिर तो कर्नाटक के डिप्टी सीएम से लेकर विपक्ष के नेता सिद्धारमैया तक के रिएक्शंस आ गए. असल में झगड़ा दोनों राज्यों की सीमा पर स्थित बेलगावी, करवर और निपाणी इलाक़ों को लेकर है. तो ये पूरा विवाद क्या है? समझते हैं प्रभाष कुमार दत्ता से... प्रभाष इंडिया टुडे डॉट कॉम में असिस्टेंट एडिटर हैं और पॉलिटिकल मुद्दों पर कलम चलाते हैं.
एक झगड़ा लद्दाख में भी चल रहा है. आपको पता ही है भारत और चीन की सीमाएँ यहाँ पीछे हटने को तैयार नहीं हैं.. अब तो ख़ैर लग भी नहीं रहा कि इन सर्दियों में पीछे हटेंगी भी. बातचीत तो होती रही है लेकिन नतीजा नहीं आया. नवंबर ख़त्म होने को है और सर्दियाँ अभी जल्दी ख़त्म होने नहीं वाली हैं, तो चीन की घुसपैठ पर तो नज़र रखनी ही है, सर्दी से भी लड़ना है. लद्दाख में तो कई कई फ़ीट की बर्फ़बारी होती ही है. पारा लुढ़ककर माइनस तीस से चालीस डिग्री पहुँच जाता है. ऐसे में जवानों के लिए फैसिलिटीज़ को अपग्रेड किया जा रहा है. तस्वीरें भी आ रही हैं.. उसे देखकर लग रहा है कि भारतीय सेना का इरादा ठंड में भी सरहद पर डटे रहने का है. हमारे सहयोगी हैं अभिषेक भल्ला वो इस ख़बर पर नज़र रखे हुए हैं… उनसे हमने इस पर जानकारी ली…
राजधानी दिल्ली के हालात वाक़ई गंभीर हो चले हैं. कोरोना के चलते दिल्ली के नब्बे फ़ीसदी आईसीयू बेड भर गए हैं. ख़ुद डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने ये बात बताई है. अब सोचिए कि ये हालात तब हैं जब छब्बीस हज़ार के करीब कोरोना संक्रमित लोग अपने घरों में ही आईसोलेट हैं. ये अस्पताल में नहीं आए. वैसे केंद्र से दिल्ली को 250 आईसीयू बेड की एक खेप मिलने की उम्मीद है पर बीमारों की संख्या तेज़ बढ़ रही है. चौबीस घंटे में 7,486 लोगों को कोरोना की पुष्टि हुई है. 131 लोगों की जान गई है. देश में ये सबसे ज़्यादा है. हमारे सहयोगी पंकज जैन दिल्ली की ख़बरों को कवर करते हैं. उनसे हमारी बात हुई. उन्होंने ज़मीनी हालात की जानकारी दी.
Mozilla Firefox का नाम आपने सुना होगा. इस्तेमाल भी करते होंगे. इस वेब ब्राउज़र को प्राइवेसी के लिए जाना जाता है. टाइम टू टाइम कंपनी यूज़र्स की प्राइवेसी मज़बूत बनाने के लिए नए नए फ़ीचर भी इंट्रोड्यूस करती रहती है.. अब जो है कंपनी ने Firefox 83 के साथ HTTPS-Only मोड फीचर पेश कर दिया है. इस नए सिक्योरिटी फ़ीचर के तहत आपका वेब ब्राउज़र सिर्फ़ HTTPS बेस्ड वेबसाइट ही ओपन करेगा ताकि आपके सिस्टम और वेबसाइट के बीच सिक्योर कनेक्शन बना रहे. क्यों Mozilla Firefox को प्राइवेसी के लिए इतना जाना जाता है? ऐसा क्या अलग है इसमें, जानिए टेक की ख़बरों पर नज़र रखनेवाले हमारे साथी मुनज़िर अहमद से...
और ये भी सुनिए कि 19 नवंबर की तारीख महत्वपूर्ण क्यों है, इतिहास इस पर क्या कहता है. साथ साथ अख़बारों का हाल भी लेंगे. इतना सब कुछ महज़ आधे घंटे में सुनिए मॉर्निग न्यूज़ पॉडकास्ट 'आज का दिन' में नितिन ठाकुर के साथ.
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