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आज का दिन: कब तक भारत आएगा PNB घोटाले का आरोपी मेहुल चोकसी?

क़रीब 13,500 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले के बाद देश से भाग निकले मेहुल चौकसी को वापस भारत लाने की कवायद जारी है. जानिए अगर डोमिनिका कोर्ट में फैसला भारत के पक्ष में आ जाता है तो कब तक उसे हिंदुस्तान लाया जा सकेगा?

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मेहुल चोकसी
मेहुल चोकसी

 क़रीब 13,500 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले के बाद देश से भाग निकले मेहुल चौकसी ने साल 2017 में एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता प्राप्त कर ली थी। कुछ दिनों पहले जब ख़बर आयी कि मेहुल चौकसी एंटीगुआ से फरार है तो खूब हो-हल्ला मचा, बाद में उसकी गिरफ्तारी डोमिनिका से हुई। तभी से ही उसे भारत लाने की कवायद शुरू हो गयी। इस केस में कल का दिन बड़ा अहम था, जब डोमिनिका के समय के मुताबिक सुबह 9 बजे / भारत के समय के मुताबिक शाम करीब साढ़े 6 बजे सुनवाई शुरू हुई। तक़रीबन 4 घण्टे सुनवाई चली। कल की सुनवाई पूरी होने के बाद स्थानीय अदालत ने अपना फैसला आज के लिए टाल दिया है। आज, मेहुल चोकसी को भारत सौंपने को लेकर डोमिनिका की स्थानीय कोर्ट फैसला सुनाएगी। अदालत के फैसले पर हर किसी की नज़रें हैं लेकिन कल शाम डोमिनिका कोर्ट में जो सुनवाई हुई, उसमें दोनों पक्षों की ओर से क्या दलीलें रखी गयीं और कोर्ट के ऑब्जरबेशन क्या रहे? आज अगर फैसला भारत के पक्ष में आ जाता है तो कब तक उसे हिंदुस्तान लाया जा सकेगा?

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कोरोना की दूसरी लहर शुरू होने से ठीक पहले हमें वैक्सीन गुरू कहा जा रहा था, हम दूसरे देशों को वैक्सीन भेज रहे थे, लेकिन इसके ठीक 1-2 महीने बाद ही तस्वीर बिल्कुल उलट गई। अब तक हम पर्याप्त वैक्सीन उपलब्ध नहीं करा पा रहे. और इस बीच तीसरी लहर का डर है सो अलग. कहा जा रहा है इससे बचने के लिए वैक्सीनेशन की स्पीड बढ़ानी पड़ेगी, जिसके बाद ICMR के  प्रमुख डॉ. बलराम भार्गव ने ये दलील दी की जुलाई-अगस्त से रोज़ाना 1 करोड़ वैक्सीन भारत में उपलब्ध रहेगी और साल के अंत तक देश के सभी लोगों को वैक्सीन लग जाएगी। लेकिन सवाल है मौजूदा गति से कैसे ? वैक्सीन से जुड़े सवालों को लेकर कल सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की वैक्सीनेशन पॉलिसी पर सवाल उठाए और साथ ही केंद्र को पॉलिसी से जुड़े सभी दस्तावेजों को कोर्ट के सामने पेश करने को कहा। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, एल नागेश्वर राव और एस रविंद्र भट की पीठ ने कोविड से जुड़े मामलों पर सुनवाई के दौरान केंद्र से तीनों कोरोना वैक्सीन की खरीद पर अब तक का पूरा आंकड़ा मांगा है, क्या था सुप्रीम कोर्ट का ये पूरा मामला जहां केंद्र सरकार असहज नज़र आई? और कोर्ट ने स्पेसिफिकली क्या सवाल केंद्र से पूछे हैं?

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पंजाब कांग्रेस के अंदर इस वक़्त सियासी घमासान छिड़ा हुआ है. एक तरफ जहाँ राज्य के लोग कोरोना संक्रमण से जूझ रहे हैं, तो वहीं सत्ता में बैठे नेता अपनी कुर्सी बचाने में जुटे हुए हैं. दरअसल मामला ये है कि पंजाब सरकार के कई विधायकों और मंत्रियों ने पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह पर चुनाव के दौरान किये गए वादों से मुकरने का आरोप लगाया है. ऐसे में, जल्द से जल्द इस मुद्दे को दबाने के मकसद से कांग्रेस हाइकमान की ओर से कमेटी गठित की गई। उसके बाद, कांग्रेस की इस तीन सदस्यीय समिति के सामने पिछले महीने से बागी तेवर अपनाए हुए विधायकों और मंत्रियों ने अपनी बात रखी। तीन दिन तक चले इस मीटिंग के बाद जो बड़ा सवाल है कि क्या पंजाब कांग्रेस में जो दो फाड़ की स्थिति बनी हुई है? अगले विधानसभा चुनाव से पहले क्या पार्टी किसी तरह के बदलाव की दिशा में बढ़ सकती है ?

ग्लोबल वेल्‍थ माइग्रेशन रिव्यू रिपोर्ट के मुताबिक भारत के कुल करोड़पतियों में से 2% ने 2020 में देश छोड़ दिया है। हेनली एंड पार्टनर्स की रिपोर्ट के मुताबिक़ 2020 में 2019 की तुलना में 63% ज्यादा भारतीयों ने देश छोड़ने के लिए इन्क्वायरी की। हालांकि फ्लाइट बंद होने और लॉकडाउन के चलते कई दस्तावेजी संबंधित काम धीमा पड़ने के चलते 2020 में पांच से छह हजार अमीरों ने देश छोड़ा। लेकिन अब 2021 में यह संख्या तेजी से बढ़ सकती है। कोरोना की दूसरी लहर के बाद अब इसको लेकर इन्क्वायरी तेज हो गई है और 2021 में पिछले साल से ज्यादा अमीर लोग देश छोड़ सकते हैं। इससे पहले 2015 से 2019 के बीच 29 हजार से ज्यादा करोड़पतियों ने भारत की नागरिकता छोड़ी थी। ये आंकड़ा चौंकाता तो है ही, साथ ही ये सवाल पूछने पर भी मजबूर करता है कि आख़िर इतने अमीर लोगों के भारत छोड़कर दूसरे देशों में बसने की वजह क्या हो सकती है?

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इन ख़बरों पर एनालिसिस के अलावा देश दुनिया के अख़बारों से सुर्खियां और आज के दिन की इतिहास में अहमियत सुनिए. अमन गुप्ता के साथ 'आज का दिन' में

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