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SC से बहू को मिला अधिकार, दिल्ली में क्यों बढ़ रहा है प्रदूषण, सुनें 'आज का दिन'

सुप्रीम कोर्ट के कई फ़ैसले इतिहास में दर्ज होते हैं. एक ऐसा ही फ़ैसला कल हुआ. बेहद अहम है ये.अब ऐसी महिलाओं को हक़ है कि वो अपने पति के घर या कहें सास ससुर के घर पर रहें. ये अधिकार पहले नहीं था.

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सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

सुप्रीम कोर्ट के कई फ़ैसले इतिहास में दर्ज होते हैं. एक ऐसा ही फ़ैसला कल हुआ. बेहद अहम है ये. ख़ास तौर पर उन महिलाओं के लिए जिनका ससुराल पक्ष से विवाद हो रहा हो. अब ऐसी महिलाओं को हक़ है कि वो अपने पति के घर या कहें सास ससुर के घर पर रहें. ये अधिकार पहले नहीं था. जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने इस मामले में पहले दिए फ़ैसले को पलट दिया. क्या है ये फ़ैसला और इसमें क्या क्या शामिल है बता रही हैं हमारी सहयोगी अनीशा माथुर.

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कल शाम घर से निकले तो अहसास हुआ कि मौसम बदलनेवाला है. अब क्योंकि सर्दी आनेवाली है तो कई अच्छी बातों के साथ बुरी भी होंगी.. इसमें दिल्ली वालों के लिए बुरा ये है कि जाड़ों में प्रदूषण बढ़ जाता है. अभी तो खैर ठीक से सर्दियां आई भी नहीं लेकिन दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का स्तर ख़तरनाक स्थिति पर पहुँच गया है. दिल्ली की सरकार ने पहले की तरह कहा है कि आसपास के राज्यों में जो पराली जलती है उसका धुआँ राजधानी पहुँच रहा है.. वहीं केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा है कि महज़ चार परसेंट प्रदूषण ही पराली की वजह से हो रहा है और ये प्रॉब्लम लोकल लेवल पर ज़्यादा है ना कि पराली जलाने से हो रही है. तो सवाल ये है कि ये जो चार परसेंट वाला आँकड़ा है, वो कैसे आया.. और कैलकुलेट कैसे करते हैं. ये जानने के लिए हमने बात की सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट के एयर पॉल्यूशन कंट्रोल यूनिट में सीनियर प्रोग्राम मैनेजर विवेक चट्टोपाध्याय से.

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बिहार में चुनावी रंग गाढ़ा हो रहा है. ख़बरें आप तक पहुँच ही रही होंगी. इस बीच हमारे रिपोर्टर भी बिहार जा पहुँचे हैं. वोटर से लेकर नेता तक सबका हाल लिया जा रहा है. रोहित सिंह तो खैर बिहार से ही रिपोर्ट करते हैं. उनकी मुलाक़ात लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग़ पासवान से हुई. चिराग़ के लिए हालात मुश्किल हैं. हाल ही में उनके पिता और बिहार के क़द्दावर नेता रामविलास पासवान का देहांत हुआ है. ऊपर से पार्टी गठबंधन से अलग होकर चुनाव में उतरी है तो चिराग़ किस तरह मुश्किल हालात में चुनावों से दो चार हैं यही सब बातें उनसे हुईं. आपको सुनाते हैं उसे मुलाक़ात के कुछ हिस्से.


बात शेयर बाज़ार की भी होगी. दस दिनों से दौड़ रहा मार्केट कल गिर पड़ा और ऐसा गिरा कि सेंसेक्स 1066 अंक का गोता मार गया, निफ़्टी में भी क़रीब पौने तीन फ़ीसदी की गिरावट देखी गई. तो क्यों निवेशकों को करीब 3 लाख करोड रुपए का घाटा खाना पड़ा… हमने बात की इस पर इंडिया टुडे हिंदी पत्रिका के एसोसिएट एडिटर शुभम शंखधार से और समझने की कोशिश की.

और ये भी जानिए कि 16 अक्टूबर की तारीख इतिहास के लिहाज़ से अहम क्यों है.. क्या घटनाएं इस दिन घटी थीं. अख़बारों का हाल भी पांच मिनटों में सुनिए और खुद को अप टू डेट कीजिए. इतना कुछ महज़ आधे घंटे के न्यूज़ पॉडकास्ट 'आज का दिन' में नितिन ठाकुर के साथ.

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'आज का दिन' सुनने के लिए यहां क्लिक करें

 

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