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आज का दिन: एके शर्मा के सरकार के बजाय संगठन में लिए जाने के क्या मायने हैं?

पूर्व नौकरशाह एके शर्मा को बीजेपी ने प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया है तो ऐसे में उन्हें सरकार के बजाय संगठन में लिए जाने के क्या मायने हैं? क्या बीजेपी के इस फैसले को योगी आदित्यनाथ की जीत की तरह देखा जाना चाहिए या फिर केंद्रीय नेतृत्व ने फिलहाल के लिए बीच का सियासी रास्ता निकाला है?

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भरोसेमंद माने जाने वाले अरविंद कुमार शर्मा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भरोसेमंद माने जाने वाले अरविंद कुमार शर्मा

आज तक रेडियो पर 21 जून के सुबह के न्यूज़ एनालिसिस पॉडकास्ट में जिन ख़बरों बात होगी वो ख़बरें नीचे दी जा रही हैं. अमन गुप्ता ने एक्सपर्ट्स के साथ इन पर विस्तार से चर्चा की है. इसे सुनने के लिए यहां क्लिक करें या इस स्टोरी के आख़िर में भी लिंक दी गई हैं वहां जाकर भी आप इस न्यूज़ पॉडकास्ट तक पहुंच जाएंगे. 

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उत्तर प्रदेश में चुनावी सरगर्मियों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भरोसेमंद माने जाने वाले अरविंद कुमार शर्मा को आखिरकार यूपी बीजेपी का उपाध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया. गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी रहे अरविंद कुमार शर्मा ने इस साल जनवरी में अचानक से वीआरएस ले लिया था और उन्होंने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की थी. उसके बाद पार्टी ने उन्‍हें विधान परिषद का सदस्‍य बना दिया था. उनके वीआरएस लेने के बाद ये कयास लगाया जा रहा था कि उनको सरकार में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है. उन्‍हें उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम पद का भी दावेदार माना जा रहा था. लेकिन पांच महीने के बाद भी उन्हें योगी कैबिनेट में जगह नहीं मिली. अब जब उनको बीजेपी ने प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया है तो ऐसे में उन्हें सरकार के बजाय संगठन में लिए जाने के क्या मायने हैं? क्या बीजेपी के इस फैसले को योगी आदित्यनाथ की जीत की तरह देखा जाना चाहिए या फिर केंद्रीय नेतृत्व ने फिलहाल के लिए बीच का सियासी रास्ता निकाला है?

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फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के वित्तीय वर्ष के लिए पेश किए गए बजट में एलान किया था कि सरकार अगले वित्तीय वर्ष कुछ सरकारी कंपनियों को बेचकर 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाएगी.  लेकिन फिर कोरोना ने दस्तक दे दी जिसकी वजह से इस प्रक्रिया में देरी हो रही है. इस साल डिसइनवेस्टमेंट की लिस्ट में BPCL यानिभारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि.  का नाम सबसे ऊपर है. ये देश की दूसरी सबसे बड़ी ऑयल रिफाइनरी कंपनी है जिसमें सरकार की हिस्सेदारी 52.98 फीसदी है और इसमें सरकार अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने वाली है. अब इसके प्राइवेटाइज़ेशन में कोई समस्या ना आए इसके लिए सरकार फॉरेन इनवेस्टर्स के लिए कॉमर्श और इंडस्ट्री मिनिस्ट्री एक मसौदा तैयार कर रही है. इसके तहत ऑटोमैटिक रूट से 100 फीसदी फॉरन इन्वेस्टमेंट पर विचार किया जा रहा है. जो केवल उन ऑयल एंड गैस सेक्टर की PSUs के लिए होंगी. वहीं BPCL को खरीदने के लिए ‘वेदांता’ ने एक्सप्रेस ऑफ इंट्रेस्ट जमा किया है. वो सरकार की पूरी हिस्सेदारी खरीदना चाहती है. इसके अलावा दो ग्लोबल फंड ने भी इसमें दिलचस्पी दिखाई है. यानि उम्मीद यही जताई जा रही है कि इस कदम से BPCL को जल्द ही इनवेस्टर मिल जाएगा लेकिन सवाल ये है कि इतनी प्रोफिटेबल कंपनी की हिस्सेदारी सरकार बेचना ही क्यों चाहती है? आम लोगों पर इसका क्या असर होगा?

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केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते सैन्य ऑपरेशन और सेना से जुड़ी जानकारियों को सार्वजनिक करने की घोषणा की थी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना के इतिहास से जुड़ी जानकारियों को प्राइवेसी लिस्ट से हटाकर सार्वजनिक करने की पॉलिसी को मंजूरी दे दी है. इसके तहत 25 साल से ज्यादा पुराने रिकॉर्ड सार्वजनिक होंगे. इनमें युद्ध और लड़ाई के दौरान हुए संवाद और सैन्य ऑपरेशन की जानकारी होगी. किसी भी युद्ध, मिलिट्री ऑपरेशन्स के दो साल के अंदर एक कमेटी बनाई जाएगी जो सभी दस्तावेजों को अर्काइव करेगी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर बताया कि नई पॉलिसी को मंजूरी दे दी है. ये नई नीति युद्ध और ऑपरेशन्स के अर्काइव, डिक्लासिफिकेशन और संग्रह की इजाजत देती है. इस नीति के मुताबिक रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत प्रत्येक संगठन, हिस्ट्री डिविजन को रिकॉर्ड उपलब्ध कराएगा. रिकॉर्ड्स में युद्ध डायरीज, कार्यवाही पत्र और ऑपरेशनल रिकॉर्ड बुक आदि शामिल होते हैं. तो सेना से जुड़ी जानकारियों को सार्वजनिक करने में क्या फायदा है?

भारत और न्यूजीलैंड के बीच पहले आइसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मुकाबला साउथैंप्टन में खेला जा रहा है. आज मुकाबले का चौथा दिन है. इससे पहले टीम इंडिया ने पहले सेशन में बल्लेबाजी करते हुए 92 ओवरों के खेल के बाद 217 रन बनाए. उसके जबाब में न्यूजीलैंड की टीम ने 49 ओवरों के खेल के बाद 2 विकेट के नुकसान पर 101 रन बनाए हैं. टॉम नाथम को 30 रनों पर आर. आश्विन ने चलता किया. वहीं डिवॉन कॉन्वे को इशांत शर्मा ने आउट किया. फिलहाल केन विलियमसन और रॉस टेलर क्रीज पर डटे हुए हैं. इस मुकाबले में टीम इंडिया ने शुरुआत काफी शानदार तरीके से की थी. उसने दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक 3 विकेट के नुकसान पर 146 रन बनाए थे. वह मजबूत स्थिति में दिख रही थी. लेकिन गीले आउटफील्ड की वजह से कल का मैच थोड़ी देर से शुरु हुआ. जिसके बाद तीसरे दिन के पहले सेशन में न्यूजीलैंड टीम ने शानदार वापसी की और टीम इंडिया को लगातार 4 बड़े झटके दिए. कीवी टीम की ओर से काइल जेमिसन ने रोहित शर्मा, विराट कोहली और पंत जैसे धाकड़ बल्लेबाजों को आउट किया. वहीं नील वेगनर ने 2, साउदी और बोल्ट ने 1-1 विकेट अपने नाम किया. इस मैच में टीम इंडिया का कोई भी खिलाड़ी 50 का आंकड़ा भी नही पार कर पाया. अब जब तीन दिनों का खेल समाप्त हो गया है और न्यूजीलैंड को बढ़त मिलती दिख रही है. तो भारतीय टीम किस वजह से पीछे रह गई?

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ऊपर दी गईं तमाम ख़बरों पर विस्तार से बात के अलावा, हेडलाइंस और आज के दिन की इतिहास में अहमियत सुनिए 'आज का दिन' में अमन गुप्ता के साथ.

21 जून 2021 का 'आज का दिन' सुनने के लिए यहां क्लिक करें...

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