आजतक के खास कार्यक्रम 'सीधी बात' में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने पंजाब कांग्रेस में मची उथल-पुथल से लेकर किसान आंदोलन तक कई मुद्दों पर अपने जवाब दिए. पंजाब में कांग्रेस के भीतर जारी तनातनी पर मनीष तिवारी ने कहा कि जो कैप्टन के योगदान को नकारता है वो बहुत बड़ी गलती कर रहा है.
प्रभु चावला के साथ 'सीधी बात' में पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह या नवजोत सिंह सिद्धू किसके नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा, और किसके नेतृत्व में लड़ने से पार्टी को फायदा होगा, सवाल के जवाब में मनीष तिवारी ने कहा कि जो कैप्टन अमरिंदर का योगदान रहा है पिछले 50 से. अगर कोई उसे नकारने की कोशिश करता है तो मेरे हिसाब से ये ना तो ठीक है और बहुत बड़ी गलती करता है.
'सीधी बात' में पंजाब में 2022 में किसके नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा, के जवाब में मनीष तिवारी ने कहा कि 1966 में पंजाब का जो वर्तमान स्वरुप है, उसका गठन हुआ था. उसके बाद 1967, 72, 1977, 1980, 1985, 1992, 1997, 2002, 2007, 2012 और 2017 को हुए चुनाव में कांग्रेस को 2017 के चुनाव में जितनी सीटें मिली हैं उतनी पंजाब में किसी अन्य दल को कभी नहीं मिली थी. लोकसभा चुनाव में जहां पार्टी को देशभर में हार मिली तो उसने यहां 13 सीटों में से 8 सीटें जीतीं. उपचुनावों, निकाय चुनावों में हमें जीत मिली. इन चुनावों में जो जीत मिली वो कैप्टन अमरिंदर सिंह की रहनुमायी में मिली.
कैप्टन के काम पर लड़ा जाएगा चुनावः मनीष तिवारी
उन्होंने कहा कि अगर हम कोविड में फेल हुए होते, अगर हमने आर्थिक विकास न किया होता और आपकी आर्थिक विकास में नाकामी की बात कुछ हद तक सही है क्योंकि केंद्र सरकार ने सही से सलूक नहीं किया है. साढ़े 4 साल में जब भी चुनाव होते हैं तो भारी बहुमत में जीत मिली. इसलिए कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार ने राज्य को बहुत ही सुचारू रुप से चलाने की कोशिश की है.
किसके नेतृत्व में 2022 का पंजाब चुनाव लड़ने में कांग्रेस को फायदा होगा? कांग्रेस नेता मनीष तिवारी (@ManishTewari) ने दिया जवाब।
— AajTak (@aajtak) July 17, 2021
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कैप्टन की तारीफ करते हुए मनीष तिवारी ने कहा कि सरहद का सूबा होते हुए भी कैप्टन ने पंजाब को राजनीतिक स्थिरता दी है. पार्टी में जारी अंदरुनी लड़ाई पर मनीष ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर ने पिछले साढ़े 4 साल में पंजाब को सुचारू सरकार दी है. 2022 का जो चुनाव है वो पंजाब सरकार की पिछले प्रदर्शन के आधार पर लड़ा जाएगा. राज्य में आज उनका जो रुतबा है वो प्रकाश सिंह बादल की तरह है. उनको फादर फीगर के तौर पर लोग मानते हैं.
पिछले 7 महीने से अधिक समय से चल रहे किसान आंदोलन को कांग्रेस के पक्ष में जाना चाहिए, क्या पार्टी एकजुट है इसको लड़ने के लिए, इस सवाल पर मनीष तिवारी ने कहा कि आज पंजाब का आवाम यह कह रहा है कि आप चुनाव की बात छोड़िए, आप अपनी आंतरिक लड़ाई छोड़िए, दलगत राजनीति से ऊपर उठकर एक होकर हमारी लड़ाई लड़ोगे कि उनको इस चीज में दिलचस्पी है.
किसान इंसाफ की लड़ाई लड़ रहेः मनीष तिवारी
उन्होंने कहा कि पंजाब से बड़ी संख्या में लोग हक की लड़ाई लड़ रहे हैं. किसान चाहते हैं कि नेता उनका साथ दें. किसान इंसाफ की लड़ाई लड़ रहे हैं. पंजाब का आवाम दिल्ली तख्त से इंसाफ मांग रहा है और उसका राज्य के नेताओं को सदेश साफ है कि अपनी दलगत राजनीति छोड़ कर उनके साथ खड़े हों.
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'सीधी बात' में कृषि कानूनों के बारे में कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि पंजाब में कृषि कानूनों के खिलाफ सबसे पहले आवाज पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उठाई. पंजाब सरकार ने किसान आंदोलन को बढ़ावा नहीं दिया है. पंजाब सरकार किसानों की मांगों के साथ है. उन्होंने कहा कि अगर कानून इतने अच्छे हैं तो किसान अब तक सड़क पर क्यों हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेता किसानों से बात क्यों नहीं करते.
पंजाब की शांति भंग करने की कोशिश में ISI: मनीष तिवारी
किसान आंदोलन को लेकर मनीष तिवारी ने कहा कि पंजाब के लोगों में आक्रोश है और उस आक्रोश को समझने की जरुरत है. अगर केंद्र सरकार अपनी जिद्द नहीं छोड़ेगी, किसानों की बात नहीं मानेगी तो परिस्थितियां बिगड़ जाएंगी. उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन पूरी तरह से राष्ट्रवादी है पर जब किसी भी प्रदेश में सामाजिक तनाव बढ़ता है तो राष्ट्र-विरोधी ताकतें उसका फायदा उठाने की कोशिश करती हैं.
'सीधी बात' में मनीष तिवारी ने कहा कि केंद्र सरकार 7-8 महीने से आग से खेल रही है. किसान आंदोलन पूरी तरह से राष्ट्रवादी है. सरकार पंजाब की शांति भंग नहीं होने दे. आईएसआई पंजाब की शांति भंग करने की कोशिश में लगी हुई है. देश विरोधी ताकतें मौके का फायदा उठाने की फिराक में है. ड्रोन से पंजाब में हथियार भेजे जा रहे हैं.