आजतक के खास कार्यक्रम 'सीधी बात' में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ का दर्द छलक उठा. उन्होंने कहा कि आजतक मुझे किसी भी सरकारी कार्यक्रम में नहीं बुलाया गया. मेरा पहला अभिभाषण लाइव तक नहीं किया गया. मैंने खून के घूंट पीये हैं.
प्रभु चावला के साथ 'सीधी बात' में बेहद चिंतित दिखने के सवाल पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल धनखड़ ने कहा, 'आजतक मुझे किसी भी सरकारी कार्यक्रम में नहीं बुलाया गया है. इस बार राज्यपाल का जब 7 फरवरी को पहली बार अभिभाषण हुआ, जो यहां का अभिषाषण हर जगह की तरह लाइव होता है, लेकिन उस दिन लाइव नहीं किया गया. राज्यपाल ने जब भाषण दिया तब मीडिया भी नहीं थी. इमरजेंसी में भी ऐसा नहीं होता है. किसी भी अखबार ने इस पर नहीं लिखा.
मेरा पहला अभिभाषण लाइव नहीं होने दिया गया : @jdhankhar1#SeedhiBaat @PrabhuChawla #WestBengal pic.twitter.com/VmUkyl5cYf
— AajTak (@aajtak) February 20, 2021
आलोचना नहीं, सुधार के लिए मुद्दा उठाता हूंः धनखड़
राज्य सरकार के साथ व्यवहार को लेकर राज्यपाल ने जगदीप धनखड़ ने कहा, 'संविधान दिवस के दिन विधानसभा में सबसे पहला स्पीकर किसे (राज्यपाल) होना चाहिए. लेकिन मेरा नंबर 6 था. खून के घूंट पीये हैं.' उन्होंने कहा, 'मेरा काम टकराव और टक्कर देना नहीं है. मेरा काम सुधार करना है. मैं हर्ट फील नहीं कर रहा. सुधार चाहता हूं. पश्चिम बंगाल डिजर्व करता है कि नंबर वन हो. अगर कोई मुद्दा उठाता हूं तो वह आलोचना के लिए नहीं बल्कि सुधार के लिए है.'
अगर ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य में काफी विकास हुआ है, तो इस पर मुझे जवाब दें. मैंने कहा कि 12 लाख 30 करोड़ कहां है. बता देंगी तो मैं मान लूंगा. उन्होंने यह भी कहा कि आप थोड़ा समय दीजिए और यहां रहिए. आप को लगेगा कि प्रजातांत्रिक व्यवस्था के मापदंड हैं वो यहां पर गैरमौजूद हैं. बंगाल में लोकतंत्र के मापदंड खत्म हो गए हैं.
बंगाल की मुख्यमंत्री को अब तक कितनी चिट्ठी लिखी के सवाल पर 'सीधी बात' में राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा, 'मैंने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखी. ट्विटर पर लिखने से पहले मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखता हूं. संविधान कहता है कि जिसका दायित्व है अगर वह नहीं करेगा तो कौन करेगा.'