कृषि अध्यादेश (Agri Ordinances) पर एक और पार्टी विरोध में उतर आई है. आम आदमी पार्टी भी संसद में इसका विरोध करेगी. पार्टी के सांसद भगवंत मान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपना ये पक्ष सामने रखा है.
पंजाब से आप के सांसद भगवंत मान ने कहा कि कल (14 सितंबर) संसद में एग्री ऑर्डिनेंस टेबल किया गया है. एमएसपी ऑर्डिनेंस बिल किसानों के ऊपर अत्याचार का जीता जागता प्रमाण है.
किसानों पर पड़ेगा असर
भगवंत मान ने कहा कि इस बिल का सीधा-सीधा असर किसानों पर पड़ेगा. खेती को प्राइवेट हाथों में देने के लिये ये बिल लाया गया है. प्राइवेट प्लेयर्स को पूरी छूट दी गई है. इससे पहले पीएम मोदी ने LIC बैंक सब बेच दिया, अब खेती को किसानों से छीना जा रहा है. भगवंत मान ने स्पष्ट कहा कि इस बिल के पास होने से बड़े-बड़े पूंजीपतियों को खेती सेक्टर में आने का मौका मिलेगा. कहीं से भी फसल खरीदकर देश में कहीं भी ले जाकर कहीं भी कितना भी स्टोर कर सकते हैं और जब मर्जी उसे बेच सकते हैं.
अकाली दल को घेरा
भगवंत मान ने जहां बिल का विरोध किया, वहीं पंजाब के विपक्षी दल शिरोमणि अकाली दल को भी घेरा. मान ने कहा कि किसानों ने कई बार शिरोमणि अकाली दल को वोट देकर उनकी सरकार बनवाई लेकिन वो किसानों के पक्ष में चार वोट भी नहीं डाल पाये. आम आदमी पार्टी कल (16 सितंबर) सदन में इसका विरोध करेगी. मान ने कहा कि कल जब वोटिंग होगी तो अकाली दल की इतनी हिम्मत नहीं है कि वो बीजेपी द्वारा लाये किसी बिल का विरोध कर दे, हिम्मत है तो कल इस बिल के विरोध में वोटिंग करें, इनके चार वोट हैं. हालांकि, आजतक को सूत्रों से ये जानकारी मिली है कि अकाली दल बिल के विरोध में वोटिंग करेगी.
कांग्रेस को भी घेरा
आप सांसद भगवंत मान ने जहां अकाली दल को घेरा वहीं कांग्रेस सरकार की भी आलोचना की. मान ने कहा कि कल (सोमवार) को एक और खुलासा हुआ, जब केंद्रीय राज्य मंत्री ने बोला कि पंजाब के मुख्यमंत्री इस बिल को बनाने वाली समिति में शामिल थे. इस आधार पर मान ने कहा कि कांग्रेस भी अपना स्टैंड क्लियर करे, ये दोनों पार्टियां पंजाब को गुमराह कर रही हैं. कल जब बिल पेश होगा, आम आदमी पार्टी कार्यकर्ता भटिंडा में हरसिमरत कौर के घर के सामने ट्रैक्टर मार्च करेंगे, हम इस बिल का विरोध करेंगे.
बता दें कि संसद में केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री ने बताया है कि अध्यादेश पर सभी सदस्य राज्यों से सुझाव लिए गए थे. जबकि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि मीटिंग में हमारे सामने अध्यादेश के प्रावधानों पर चर्चा ही नहीं हुई और हमारे सुझावों को दरकिनार किया गया. बहरहाल, इस मसले पर विवाद बड़ा होता जा रहा है. दूसरी तरफ किसान सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं.