टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) के एकमात्र विधायक नौशाद सिद्दीकी को एक कड़ा कानूनी नोटिस भेजा है. यह नोटिस सिद्दीकी द्वारा दिए गए उस बयान को लेकर भेजा गया है जिसमें उन्होंने दावा किया था कि अभिषेक बनर्जी और टीएमसी के अन्य सांसद वक्फ संशोधन बिल पर चर्चा और मतदान के दौरान संसद में मौजूद नहीं थे. नोटिस मिलने के 48 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया है. ऐसा न करने पर अभिषेक बनर्जी ने सिद्दीकी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है.
अभिषेक बनर्जी के वकील संजय बसु द्वारा भेजे गए नोटिस में कहा गया है, "आपके बयान और आरोप झूठे हैं और उन्हें सिरे से नकारा जाता है. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि आपने जानबूझकर झूठ फैलाया और मेरे मुवक्किल के खिलाफ भ्रामक और झूठे बयान दिए ताकि मुस्लिम समुदाय और पश्चिम बंगाल की जनता को गुमराह किया जा सके."
नोटिस के अनुसार, अभिषेक बनर्जी 3 अप्रैल 2025 को संसद में वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2025 के मतदान के समय मौजूद थे और उन्होंने इन दोनों विधेयकों के खिलाफ मतदान किया. इस दावे के समर्थन में लोकसभा में उनकी उपस्थिति की तस्वीर भी नोटिस के साथ संलग्न की गई है.
संजय बसु ने नोटिस में आगे लिखा, "यह स्पष्ट है कि मेरे मुवक्किल इन विधेयकों के पारित होने का विरोध करते हैं और इस समय मुस्लिम समुदाय के साथ एकजुटता से खड़े हैं. अतः आपसे अनुरोध है कि अपने उपरोक्त बयानों को तुरंत वापस लें और उसी माध्यम से सार्वजनिक रूप से स्पष्टीकरण जारी करें, जिस माध्यम से आपने यह बयान दिया था. यदि 48 घंटे के भीतर ऐसा नहीं किया गया, तो मेरे मुवक्किल आपके खिलाफ कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई करने के लिए बाध्य होंगे."
नौशाद सिद्दीकी ने क्या कहा था?
बता दें कि एक इंटरव्यू में नौशाद सिद्दीकी ने कहा था, "आज आप अभिषेक बनर्जी की बात कर रहे हैं? क्या अभिषेक बनर्जी संसद में मौजूद थे? मैं काफी देर से वीडियो देख रहा था. मैं पता लगाने की कोशिश कर रहा था कि तृणमूल कांग्रेस के कितने सांसद संसद में मौजूद थे और कितने नहीं थे. तृणमूल कांग्रेस ने उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की?"