जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में शनिवार को एबीवीपी ने विरोध प्रदर्शन किया. शुक्रवार रात छात्र संघ चुनाव कराने पर एक बैठक के दौरान जेएनयू परिसर में एबीवीपी और वाम मोर्चे की छात्र इकाई के बीच झड़प हो गई थी. बता दें कि, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में शुक्रवार रात को लेफ्ट और राइट विंग के छात्र गुटों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद अब वाम मोर्चा की छात्र इकाई और ABVP ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय(JNU) परिसर में विरोध प्रदर्शन किया.
साबरमती ढाबा पर थी बैठक
जानकारी के मुताबिक ये झड़प शुक्रवार को कैंपस के अंदर साबरमती ढाबा पर यूनिवर्सिटी जनरल बॉडी मीटिंग (यूजीबीएम) के दौरान हुई, जब वे 2024 के जेएनयूएसयू चुनावों के लिए चुनाव आयोग के सदस्यों का चुनाव कर रहे थे. जेएनयूएसयू ने यूनिवर्सिटी जनरल बॉडी मीट बुलाई थी, लेकिन स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) दोनों एक-दूसरे पर हिंसा का आरोप लगाते रहे.
ABVP ने दर्ज कराई शिकायत
एबीवीपी ने दिल्ली पुलिस और यूनिवर्सिटी प्रशासन से शिकायत दर्ज कराई है. लेफ्ट और एबीवीपी दोनों से उनका पक्ष जानने के लिए पहुंचा. इंडिया टुडे टीवी से बात करते हुए, उमेश चंद्र अजमेरा ने आरोप लगाया कि आइशी घोष के नेतृत्व वाला जेएनयूएसयू फर्जी है, उन्होंने कहा, 'शहरी नक्सलियों ने जनरल बॉडी मीट बुलाई है. उन्होंने न सिर्फ हम पर बल्कि आम छात्रों पर भी हमला किया है.'
नुकीली चीजों से हमले का आरोप ABVP ने कहा- जानबूझ कर चुनी 9 फरवरी
एसएफआई नेता और जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष पर निशाना साधते हुए, एबीवीपी नेता ने कहा, 'वह पश्चिम बंगाल राज्य में अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के साधन के रूप में जेएनयू और छात्र राजनीति का उपयोग कर रही हैं." एबीवीपी के एक अन्य नेता विकास पटेल ने भी वामपंथी झुकाव वाले छात्रों पर डफली (हैंडहेल्ड ड्रम) को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया. यहां तक कि कुछ छात्रों का आरोप है कि हाथापाई के दौरान नुकीली चीजों का भी इस्तेमाल किया गया. उन्होंने आगे कहा कि हमें उकसाने के लिए बैठक के लिए 9 फरवरी का दिन रखा है. क्योंकि 2016 में इसी दिन कैंपस में देश विरोधी नारेबाजी के बाद जेएनयू सुर्खियों में आया था.