मीडिया पोर्टल 'द वायर' से जुड़े मामले में अब दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ताबड़तोड़ कार्रवाई में जुटी है. सोमवार को क्राइम ब्रांच ने 'द वायर' के एडिटर सिद्धार्थ वरदराजन और एमके वेणु के घरों पर छापेमारी की. साथ ही उनके लैपटॉप समेत इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की भी जांच की जा रही है. हालांकि, दिल्ली पुलिस ने कहा कि अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय की शिकायत के बाद 'द वायर' के खिलाफ FIR दर्ज की थी. इस FIR में उन्होंने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर प्रतिष्ठा खराब करने का आरोप लगाया था. अब क्राइम ब्रांच आरोपियों की तलाश में छापेमारी करने में जुट गई है.
क्या है पूरा विवाद?
दरअसल, इस विवाद की शुरुआत 6 अक्टूबर से हुई. समाचार पोर्टल 'द वायर' ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की. इस रिपोर्ट में दावा किया गया कि मेटा (फेसबुक और इंस्टाग्राम ग्रुप) ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट को एक निजी अकाउंट 'क्रिंगअरचिविस्ट' (Cringearchivist) द्वारा अपलोड किए जाने के कुछ ही मिनटों के भीतर हटा दिया. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अमित मालवीय ने अपने विशेषाधिकारों का इस्तेमाल करते हुए इंस्टाग्राम से पोस्ट हटवाई है.
इस रिपोर्ट की प्रामाणिकता पर सवाल उठाए जा रहे थे. 'द वायर' के सूत्रों की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाए गए थे. न्यूज वेबसाइट शुरू में अपनी रिपोर्ट पर कायम रही. 'द वायर' के संपादक सिद्धार्थ वरदराजन ने कहा- 'ये रिपोर्ट कई मेटा सोर्स के हवाले से आई है. सोर्स कंफर्म हैं, जिन्हें हम जानते हैं, मिले हैं और सत्यापित हैं.' इसके बाद 11 अक्टूबर 2022 को मेटा के कम्युनिकेशन हेड एंडी स्टोन ने एक स्पष्ट खंडन जारी किया और कहा- 'द वायर' की रिपोर्ट में पेश किए गए दस्तावेज 'मनगढ़ंत' थे. बाद में 'द वायर' ने अपनी रिपोर्ट को वापस लिया और माफी भी मांगी.
इसके बाद से अमित मालवीय ने द वायर के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है.