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'बिजली उपकरणों के नाम पर अडानी ने किया करोड़ों का घोटाला', AAP नेता संजय सिंह ने लगाया आरोप

आप सांसद संजय सिंह ने गौतम अडानी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि महाराष्ट्र और राजस्थान बिजली के क्षेत्र में बड़ा घोटाला हुआ है. इस देश के लोगों को मिलने वाली महंगी बिजली के पीछे का कारण संसाधनों की कमी नहीं बल्कि इसकी वजह अडानी का दिनदहाड़े खुला भ्रष्टाचार है.

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'अडानी के किया करोड़ों का घोटाला', संजय सिंह का आरोप
'अडानी के किया करोड़ों का घोटाला', संजय सिंह का आरोप

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नया आरोप लगाया है. संजय सिंह ने कहा कि एक बड़ा भ्रष्टाचार सामने आया है. इस बड़े घोटाले की रकम से पूरी दिल्ली की जनता को 3 साल तक मुफ्त बिजली दी जा सकती है. इससे साढ़े 3 साल तक पूरे भारत सरकार के खेल का बजट चलाया जा सकता है.

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संजय सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा, 'यह भ्रष्टाचार महाराष्ट्र और राजस्थान बिजली के क्षेत्र में हुआ है. इस देश के लोगों को मिलने वाली महंगी बिजली के पीछे का कारण संसाधनों की कमी नहीं है बल्कि इसकी वजह अडानी का दिनदहाड़े खुला भ्रष्टाचार है. यही कारण है कि देश व महाराष्ट्र-राजस्थान की जनता को महंगी बिजली मिल रही है. साल 2014 के पहले अडानी ने अपनी 6 कंपनियों के जरिए राजस्थान और महाराष्ट्र के पावर सेक्टर में एंट्री ली. ये कंपनियां पावर डिस्ट्रीब्यूशन, ऑपरेशन, ट्रांसमिशन और बिजली के उत्पादन का काम कर रही थीं. अडानी की इन कंपनियों ने महाराष्ट्र सरकार के साथ कॉन्ट्रैक्ट किया कि बिजली के उत्पादन और ट्रांसमिशन में आने वाला खर्चा महाराष्ट्र सरकार से लेंगे और उस पर मुनाफा लेंगे. बिजली का उत्पादन और वितरण कर बिजली उपभोक्ताओं तक पहुंचाओ और उसपर मुनाफा लो.'

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'सामान खरीदने में हुआ घोटाला'

इसके अलावा राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा, 'बिजली के उत्पादन के लिए कुछ उपकरण और मशीनें साउथ कोरिया और चीन से खरीदी गईं. हर व्यक्ति को यह मालूम है कि जो सामान चीन से सस्ते में मिल सकता है, अडानी ने उसके लिए ऑर्डर मॉरीशस, दुबई और अपने भाई विनोद अडानी की फर्जी कंपनी में दिया. जिस मशीन की कीमत 95 करोड़ रुपए है, उसे अपने ही भाई विनोद अडानी की कंपनी से 575 करोड़ रुपए में खरीदा गया. ऑप्टिकल फाइबर नामक उपकरण का वास्तविक दाम 21 करोड़ रुपए है, लेकिन महंगी बिजली बेचकर लूट और फर्जी मुनाफा कमाने के लिए उसे 236 करोड़ रुपए में खरीदा गया.' 

'महंगे खरीदे गए उपकरण'

सजंय सिह के मुताबिक 2700 करोड़ रुपए की वास्तविक कीमत वाले टर्बाइन जनरेटर को 5 हजार करोड़ रुपए में खरीदा गया. जबकि यह सामान 2700 करोड़ का ही है और चीन को ऑर्डर देकर भारत में अडानी की कंपनी में उतरता है. घोटाला यह है कि ऑर्डर मॉरीशस को दिया गया. मॉरिशियस ने कहा कि 2700 करोड़ रुपए का सामान 5 हजार करोड़ रुपए में मिलेगा. कई सामानों का बेहद ज्यादा दामों पर बिल बनाया गया. बिजली के उत्पादन के लिए खरीदी गई महंगी मशीनों का भुगतान महाराष्ट्र सरकार से लिया गया. यह भुगतान करीब 10 हजार करोड़ रुपए है.'

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'उत्पादन नहीं खरीद हुई महंगी'

सांसद संजय सिंह ने नोटिस दिखाते हुए आरोप लगाया और कहा कि '2014 में डीआरआई की ओर से नोटिस जारी किया गया, जिसमें साफ तौर पर लिखा है कि कैसे अडानी ने महंगे दामों पर अपने ही भाई की कंपनी से बिजली उत्पादन के लिए मशीनें खरीदीं और वो फर्जी कंपनियां मॉरीशस और दुबई की थी. जबकि सभी को मालूम है कि जो सामान अडानी बिजली उत्पादन के लिए खरीद रहा है, वो चीन में सस्ते में मिल सकता है. इसके बावजूद अडानी ने ऑर्डर अपने भाई की कंपनी को दिया. जिसने ज्यादा दामों पर बिल बनाया और उसका पैसा महाराष्ट्र सरकार से लिया है. इसके बाद कहते हैं कि बिजली का उत्पादन महंगा होने की वजह से आपको महंगी बिजली मिलेगी.'

आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस 10 हजार करोड़ रुपए में 3 साल तक दिल्ली के लोगों को मुफ्त बिजली दी जा सकती है. पूरे हिंदुस्तान का खेल बजट 3300 करोड़ रूपए है. 10 हजार करोड़ रुपए में हिंदुस्तान का 3 साल का खेल का बजट चलाया जा सकता है. इस 10 हजार करोड़ रुपए में स्कूल और सड़कें सहित तमाम काम हो सकते हैं. लेकिन सिर्फ अडानी को मुनाफा पहुंचाने के लिए यह सारा काम किया गया. साल 2014 में डीआरआई ने अडानी की 6 कंपनियों को नोटिस जारी कर जांच शुरू की. जिसमें पीएमसी प्रोजेक्ट्स इंडिया लिमिटेड, अडानी पावर राजस्थान लिमिटेड, अडानी पावर महाराष्ट्र, अडानी एंटरप्राइजेज,  अडानी हजीरा पोर्ट प्राइवेट लिमिटेड, अडानी रिनिवलएनर्जी प्राइवेट लिमिटेड शामिल है. डीआरआई ने बताया कि महाराष्ट्र में आने वाले इस सामान की फर्जी बिलिंग दुबई और मॉरीशस से की गई. फर्जी बिलिंग करने वाला अडानी का भाई विनोद अडानी था. उसकी फर्जी कंपनियों से बिलिंग करके यह घोटाला किया गया. डीआरआई ने जांच में गंभीर आरोप लगाए है कि कैसे अडानी ने फ्रॉड किया.

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उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि 2014 में अडानी के जहाज में घूमने वाले नरेंद्र मोदी की सरकार बन जाती है. 2017 में डीआरआई  द्वारा जांच बंद कर दी जाती है. इस भ्रष्टाचार पर सीबीआई भी जांच शुरू करती है. लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं करती. इस खुले भ्रष्टाचार पर सीबीआई कोई कार्रवाई नहीं करती. जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का खुद संरक्षण मिल रहा है तो कार्रवाई कैसे होगी. सीबीआई और डीआरआई की जांच बंद होने के बाद इस मामले में कस्टम डिपार्टमेंट आया. कस्टम डिपार्टमेंट कह रहा है कि डीआरआई ने खुले भ्रष्टाचार की जांच बंद कर अड़ानी को छूट क्यों दी. इसके बाद कस्टम डिपार्टमेंट सुप्रीम कोर्ट चला गया. कस्टम डिपार्टमेंट ने कोर्ट में कहा कि सारे मामले सही हैं और यह सारा भ्रष्टाचार का खेल है. इसकी सुनवाई जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच पर होनी है. यानी ये सारे मामले अभी भी जीवित हैं.

अडानी और पीएम मोदी पर आरोप

विपक्षी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए संजय सिंह ने कहा कि बीजेपी विपक्ष के सभी लोगों पर कार्रवाई कर रही है. उनकी जांच एजेंसी ने अडानी पर 2014 में जांच शुरू कर गंभीर तथ्य सामने रखे, लेकिन पिछले 8-9 वर्षों में अडानी और उनकी फर्जी कंपनियों के खिलाफ एक भी कार्रवाई नहीं की गई. इसलिए जस्टिस कृष्ण मुरारी जी के बेंच पर इस घोटाले के तथ्य निश्चित रूप से रखे जाएंगे और उसपर आगे कार्यवाही होगी. मेरा सवाल है कि अपने एक दोस्त को बचाने के लिए भारत माता की संपत्तियों को क्यों लूटा जा रहा है? भारत की जनता को क्यों लूटा जा रहा है? इस देश के लोगों को महंगी बिजली मिल रही है.

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