एक राष्ट्र एक चुनाव समिति ने कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी के इस्तीफे को मंजूर कर लिया है. दरअसल, जिस दिन पैनल का गठन किया गया था, चौधरी ने इसका हिस्सा बनने से इनकार कर दिया था. उन्होंने गृह मंत्री अमित को लिखे अपने पत्र में कहा था, "मुझे उस समिति में काम करने से इनकार करने में कोई झिझक नहीं है, जिसकी संदर्भ शर्तें इसके निष्कर्षों की गारंटी के लिए तैयार की गई हैं. मुझे डर है कि यह पूरी तरह से धोखा है."
वहीं बैठक में समिति को जानकारी दी गई कि पहले लिए गए निर्णय के मुताबिक उच्च स्तरीय समिति यानी एचएलसी का नाम बदलकर अब 'एक राष्ट्र, एक चुनाव पर उच्च स्तरीय समिति' कर दिया गया है. समिति को यह भी बताया गया कि 6 राष्ट्रीय पार्टियों, 33 राज्य पार्टियों और 7 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त पार्टियों को एक राष्ट्र एक चुनाव पर उनके सुझाव आमंत्रित करने के लिए पत्र भेजे गए हैं.
एक राष्ट्र एक चुनाव की वेबसाइट भी लॉन्च
सचिव नितेन चंद्र ने समिति को बताया कि एक राष्ट्र एक चुनाव के लिए विकसित वेबसाइट www.onoe.gov.in भी लॉन्च की गई. यह साइट इस विषय पर सभी प्रासंगिक जानकारी का भंडार होने के अलावा, आपसी चर्चा और सलाह मशविरा करने के में सहायक होगी. समिति ने सर्वसम्मति से वित्त वर्ष-2023-24 के लिए एचएलसी बजट को मंजूरी दी.
समिति के सामने विधि आयोग ने दी प्रेजेंटेशन
एक राष्ट्र एक चुनाव मुद्दे पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी सात सदस्यीय समिति के सामने भारतीय विधि आयोग ने अपने विचार रखते हुए प्रेजेंटेशन दिया. इस एक राष्ट्र एक चुनाव की संभावनाओं के साथ साथ इससे जुड़ी संवैधानिक, कानूनी, व्यवहारिक और राजनैतिक चुनौतियों के साथ साथ उनसे निपटने के उपाय और विकल्पों पर चर्चा करते हुए इसका रोडमैप प्रस्तुत किया.
पूरा होने वाला है विधि आयोग का काम
विधि आयोग के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक समिति के आगे आयोग ने अपने विचार और विकल्प रखे. समिति के विशेषज्ञों के सवालों के जवाब भी दिए. आयोग के मुताबिक भविष्य में भी समिति को जब भी आवश्यकता होगी तो समुचित मदद की जाएगी. विधि आयोग ने कहा कि इसके साथ ही हमारा काम एक पूर्णता की ओर बढ़ गया है. हमने अपना टास्क पूरा कर लिया है. अब भविष्य में को भी सहायता समिति चाहेगी हम उसे भी पूरा करेंगे.