अफगानिस्तान में तालिबान के हाथ सत्ता आने के बाद पूरे दुनिया में इसकी चर्चा है. भारत अफगानिस्तान की मदद करता आया है, ऐसे में वहां तालिबान के हाथों में सत्ता आने के बाद अब स्थिति को लेकर अलग-अलग अटकलें लगाई जा रही हैं. इस बीच यूपीए सरकार में देश के विदेश मंत्री रहें कुंवर नटवर सिंह ने अपनी राय रखी है.
उनका कहना है कि अफगानिस्तान पर कब्जे से पहले भारत को तालिबान से संपर्क स्थापित करना चाहिए था. उन्होंने इस बात की भी वकालत की कि अगर अफगानिस्तान में तालिबान एक जिम्मेदार सरकार की तरह बर्ताव करता है तो भारत कूटनीतिक संबंध स्थापित करने चाहिए.
कई अहम राजनयिक पदों पर जिम्मेदारी निभा चुके नटवर सिंह ने यह भी कहा कि भारत को वेट एंड वॉच की पॉलिसि अख्तियार करनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि 20 साल पहले वाले तालिबान में और अब के तालिबान में काफी बदलाव नजर आता है. न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में उन्होंने का कि हालात बहुत अच्छे नहीं हैं और दोस्ताना संबंध की झलक भी नहीं नजर आ रही है. यही वजह है कि भारत सरकार काफी सावधान है.
उन्होंने कहा कि भारत राष्ट्रपति अशरफ गनी के काफी करीब था लेकिन वह देश छोड़कर भाग गए और हालात काफी तेजी से बदल गए.अमेरिका पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिकियों को काफी इल्जाम सहना होगा क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सेना वापस बुला ली और तालिबान के लिए कब्जा जमाना काफी आसान हो गया.
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भारत को तालिबान से संबंध स्थापित करने चाहिए थे के सवाल पर उन्होंने कहा कि अगर मैं विदेश मंत्री होता तो मैंने तालिबान से जरूर संपर्क साधा होता. मैं अलग रुख अख्तियार करते हुए अपनी इंटेलिजेंस एजेंसी से तालिबान से चुपचाप संपर्क करने के लिए कहता. अमेरिका का उदाहरण देेते हुए उन्होंने कहा कि ग्वांतानामो में अमेरिका ने क्यूबा के साथ संपर्क स्थापित किया था. हमें भारत को भी तालिबान से संपर्क साधना चाहिए था. हम पाकिस्तान और चीन को मौका नहीं दे सकते हैं.
चीन की तरह भारत को भी तालिबान से सार्वजनिक तौर पर संपर्क करना चाहिए था के सवाल पर उन्होंने कहा कि कम से कम विदेश सचिव स्तर पर तो भारत को तालिबान से सार्वजनिक तौर पर संपर्क साधना ही चाहिए था.