कानून मंत्री किरन रिजिजू ने आफस्पा कानून के दायरे में आने वाले क्षेत्रों की संख्या कम करने के केंद्र के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि मुझे आज भारत सरकार का मंत्री होने पर गौरव महसूस हो रहा है. पहली बार ऐसा हो रहा है कि नार्थ ईस्ट अब मेन स्ट्रीम में शामिल हो रहा है. उन्होंने कहा- नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद जिस तरह से पूर्वोत्तर राज्यों को तवज्जो दिया गया है और लुक ईस्ट पॉलिसी को एक्ट ईस्ट पालिसी में बदला गया है, उसके बाद लगातार पूर्वोत्तर का विकास हुआ.
'प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद'
रिजिजू ने आगे कहा- विकास और शांति दोनों ही बहुत महत्वपूर्ण होते हैं. अब पूर्वोत्तर में शान्ति और विकास दोनों हैं. अब जो AFSPA हटाने का फैसला हुआ है. इसका मतलब अब शान्ति स्थापित होने लगी है. कुछ जगहें रह गई हैं, वहां भी जल्दी शान्ति स्थापित कर लेंगे. उन्होंने कहा कि- 2014 के बाद त्रिपुरा में AFSPA हटाया गया, फिर असम के कुछ जिलों से हटाया गया और अब मणिपुर, नागालैंड और असम के ज्यादातर क्षेत्रों से AFSPA हटा दिया गया है, जिसका सबने स्वागत किया है. इसके लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद.
'PM मोदी के विजन को आगे बढ़ा रहे गृहमंत्री'
कानून मंत्री ने कहा- गृहमंत्री का भी बहुत- बहुत धन्यवाद कि वो जिस तरह से प्रधानमंत्री के विजन को आगे बढ़ा रहे हैं, सबसे बातचीत करके समाधान निकाल रहे हैं, वो बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि मेघालय और असम के बीच में सीमा को लेकर जो विवाद हुआ था उसके पहले फेज को पूरा कर लिया गया है.
'इन्सुर्जेंट ग्रुप के मसलों को सुना और समाधान निकाला'
उन्होंने कहा- आज पूर्वोत्तर में पूरी तरीके से शान्ति कायम हो चुकी है. पहले लोग नार्थ ईस्ट आने से पहले मुझसे पूछा करते थे कि शांति है या नहीं, लेकिन अब वहां पूरी तरह शांति है. हमने लोगों तक पहुंचने का काम किया है. जो लोग असंतुष्ट थे उनसे बातचीत करके उनको संतुष्ट करने का काम किया है. कई सारे विद्रोही गुटों के साथ बातचीत करके उनके मसलों को सुना गया उसका समाधान निकाला गया. यही कारण है कि आज वहां शांति हो पाई है.
'नार्थ ईस्ट को लगातार दिया गया बड़ा बजट'
रिजिजू ने कहा- प्रधानमंत्री खुद लगातार दौरे करते आये हैं. लगातार बहुत बड़ा बजट नार्थ ईस्ट को देते आये हैं. अब जिम्मेदारी नार्थ ईस्ट के 8 राज्यों के ऊपर है कि इस बजट को किस तरह से जनता तक पहुंचाया जाए. सब जगह रोड बनाई जा रही है, रेल पहुंचाई जा रही है. इंटरनेट पहुंचाया जा रहा है.
'लंबे समय से थी AFSPA को हटाने की मांग'
गौरतलब है कि पूर्वोत्तर के राज्यों में AFSPA को हटाने की लंबे समय से मांग चल रही थी. नागालैंड में तो पिछले साल दिसंबर में AFSPA को हटाने की मांग तब तेज हो गई थी, जब सेना की गोलीबारी में 6 लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद नागालैंड में जबर्दस्त हिंसा हुई, जिसमें और 8 लोग मारे गए.