त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में बांग्लादेश सहायक उच्चायोग ने मंगलवार को घोषणा की कि वह 5 फरवरी से वीजा और काउंसलर सेवाएं फिर से शुरू करेगा. यह घोषणा लगभग दो महीने बाद की गई है, जब मिशन ने 3 दिसंबर को सेवाएं निलंबित कर दी थीं, जिससे एक दिन पहले मिशन परिसर में एक एक समूह द्वारा प्रदर्शन किया गया था. यह समूह ढाका में हिंदू संन्यासी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी का विरोध कर रहा था.
इस घटना के बाद, अगरतला में बांगलादेश के सहायक उच्चायुक्त अरिफ महमद को ढाका बुलाया गया था. बाद में वह त्रिपुरा की राजधानी लौट आए. बांग्लादेश सहायक उच्चायुक्त कार्यालय के प्रथम सचिव मोहम्मद अल अमीन ने मंगलवार को जारी एक नोटिस में कहा, "बांग्लादेश सहायक उच्चायोग की सभी वीजा और काउंसलर सेवाएं 5 फरवरी को फिर से शुरू होंगी."
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परिसर में घुसपैठ के मद्देनजर, पुलिस ने मिशन की सुरक्षा बढ़ा दी है. इस संबंध में तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. बता दें कि पिछले साल पांच अगस्त को शेख हसीना की सरकार का तख्तापलट हो गया था. उसी दिन शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और भारत आ गई थीं. अभी शेख हसीना भारत में ही रह रही हैं. शेख हसीना के देश छोड़ देने के बाद अंतरिम सरकार का गठन किया गया, जिसके मुखिया मोहम्मद यूनुस हैं.
यूनुस कई बार शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग कर चुके हैं. शेख हसीना के खिलाफ बांग्लादेश में कई आपराधिक मुकदमे भी दर्ज किए गए हैं और अंतर्राष्ट्रीय अदालत में उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया है.