अग्निपथ योजना को लेकर देश के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. आगजनी, तोड़फोड़ के साथ ही हिंसा की तस्वीरें आ रही हैं. इसी बीच गृह मंत्रालय ने कहा है कि अग्निपथ योजना के तहत सेना के तीनों अंगों में सेवा देने के 4 साल बाद अग्निवीरों के लिए रास्ते बंद नहीं होंगे. बल्कि उन्हें केंद्रीय बलों और असम राइफल्स में भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी.
गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा कि गृह मंत्रालय ने निर्णय लिया है कि अग्निवीर योजना में 4 साल पूरा करने वाले अग्निवीरों को केंद्रीय बलों और असम राइफल्स में भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी. गृह मंत्रालय के इस निर्णय से अग्निपथ योजना से प्रशिक्षित युवा आगे भी देश की सेवा और सुरक्षा में अपना योगदान दे पाएंगे. उन्होंने कहा कि इस निर्णय पर विस्तृत योजना बनाने का काम शुरू हो गया है.
गृह मंत्रालय का यह फैसला बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि सेना में 4 साल सेवा देने के बाद अग्निवीरों के लिए केंद्रीय बलों और असम राइफल्स में भर्ती के दरवाजे खुल जाएंगे. साथ ही इस फैसले से केंद्रीय बलों जैसे सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसफ, आईटीबीपी, एसएसबी और असम राइफल्स में करीब 73,000 रिक्त पदों को भरने में सहायता मिलेगी. वहीं केंद्रीय बलों और असम राइफल को प्रशिक्षित युवाओं की सेवा मिल पाएगी, जो पहले से ही ट्रेनिंग पा चुके होंगे.
दरअसल, 16 मार्च को राज्यसभा में एक लिखित जवाब में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा था कि केंद्रीय बलों और असम राइफल्स में कुल 73,219 पद रिक्त हैं, जिसमें गैज़ेटेड अधिकारियों के 1969, सब-ऑर्डिनेट अधिकारियों के 23,129 और अन्य रैंक के 48,121 पद रिक्त हैं. लिखित जवाब में यह भी कहा गया था कि 2017 और 2021 के बीच करीब एक लाख कर्मियों की नियुक्तियां केंद्रीय बलों में हुई हैं.
रिक्तियों को संबंधित भर्ती नियमों के प्रावधानों के अनुसार सीधी भर्ती, पदोन्नति, प्रतिनियुक्ति आदि माध्यमों से पूरा किया जाता है. जब कभी रिक्तियां होती हैं, तो भर्ती रैलियां, विभागीय परीक्षाएं आयोजित करने के साथ ही विभिन्न एजेंसियों जैसे यूपीएससी और एसएससी के माध्यम से प्रक्रिया पूरी की जाती है.