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Agneepath Scheme: सेनाओं को सवा लाख, अर्धसैनिक बलों को चाहिए 75 हजार जवान... क्या इस कमी को दूर कर पाएंगे 'अग्निवीर'?

Agneepath Scheme: केंद्र सरकार 'अग्निपथ' योजना लेकर आई है, जिसके तहत युवाओं को चार साल के लिए तीनों सेनाओं में सेवा करने का मौका मिलेगा. चार साल बाद 25% युवा आगे बरकरार रहेंगे. गृह मंत्रालय का कहना है कि अर्धसैनिक बलों की नियुक्ति में इन अग्निवीरों को मौका दिया जाएगा. यूपी में पुलिस भर्ती में इन्हें प्राथमिकता मिलेगी. जानें, तीनों सेनाओं और अर्धसैनिक बलों में कितने पद खाली हैं?

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इस साल 46 हजार अग्निवीरों को सेना में भर्ती किया जाएगा. (फाइल फोटो-PTI)
इस साल 46 हजार अग्निवीरों को सेना में भर्ती किया जाएगा. (फाइल फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • चार साल बाद 25% अग्निवीर ही सेना से जुड़े रहेंगे
  • बाकी अग्निवीरों को बाद में अर्धसैनिक बलों में मौका मिलेगा

Agneepath Scheme: तीनों सेनाओं में युवाओं की भर्ती के लिए केंद्र सरकार 'अग्निपथ' योजना लेकर आई है. इस योजना के तहत चार साल के लिए युवाओं को सेना में शामिल किया जाएगा. इन युवाओं को 'अग्निवीर' कहा जाएगा. इस साल 46 हजार युवाओं की भर्ती की जाएगी. इनमें से 25% युवाओं को चार साल बाद सेना में बरकरार रखा जाएगा, जबकि बाकी के 75% अग्निवीरों को सेवा से मुक्त कर दिया जाएगा.

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केंद्र सरकार के मुताबिक, चार साल बाद अग्निवीरों को परफॉर्मेंस के आधार पर चयन किया जाएगा. इन युवाओं को फिर सेना में 15 साल और सेवा करने का मौका मिलेगा. इसके बाद इन पर सेना के नियम और शर्तें लागू होंगी. हालांकि, इस बारे में अभी डिटेल्ड गाइडलाइंस आनी बाकी है. 

केंद्र सरकार को इस योजना से दो बड़े फायदे होंगे. पहला तो ये कि तीनों सेनाओं में जवानों की कमी को पूरा किया जा सकेगा. और दूसरा ये कि हर साल जवानों की पेंशन पर होने वाले खर्च को भी कम किया जाए सकेगा. क्योंकि, इन अग्निवीरों को पेंशन या ग्रेच्युटी नहीं मिलेगी. इन्हें हर महीने सैलरी मिलेगी. साथ ही 48 लाख रुपये का बीमा कवर मिलेगा. अगर सेवा के दौरान शहीद या दिव्यांग हो गए, तो 44 लाख रुपये तक का मुआवजा दिया जाएगा. 

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केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ऐलान किया है कि चार साल बाद जो अग्निवीर तीनों सेनाओं से सेवा मुक्त होंगे, उन्हें केंद्रीय सुरक्षा बलों की नियुक्ति में प्राथमिकता दी जाएगी. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी ऐलान किया है कि ऐसे अग्निवीरों को पुलिस और उससे जुड़ी सेवाओं की भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी. 

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तीनों सेनाओं में ही खाली हैं करीब एक लाख पद

तीनों सेनाओें में अब भी करीब एक लाख से ज्यादा पद खाली हैं. सेना में तो कोरोना के कारण दो साल से भर्ती ही नहीं हुई. 

इसी साल 21 मार्च को राज्यसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया था कि 2020-21 और 2021-22 में कोरोना के कारण सेना में भर्ती नहीं हुई है. लेकिन इसी दौरान नौसेना में 8,319 और वायु सेना में 13,032 भर्तियां हुईं हैं. 

पिछले साल 13 दिसंबर को रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने राज्यसभा में तीनों सेनाओं में अफसरों और जवानों की कमी की जानकारी दी थी. उन्होंने बताया था कि सेना में 53,569 अफसर और 11.35 लाख जवान मौजूद हैं. अभी भी अफसरों के 7,476 और जवानों के 97,177 पद खाली हैं.

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इसी तरह वायुसेना में 12,048 अफसर और 1.38 लाख एयरमैन हैं. अभी भी वायुसेना में 621 अफसरों और 4,850 एयरमैन की जरूरत है.

नौसेना में अफसरों के 11,100 पद हैं और अब भी 1,265 पद खाली हैं. इसी तरह से नौसेना में 63,515 नौसैनिक हैं और 11,166 नौसिनिकों की जरूरत और है.

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केंद्रीय सुरक्षा बलों में कितनी जगह?

केंद्रीय सुरक्षाबलों में भी करीब 75 हजार पद खाली हैं. इसी साल 29 मार्च को गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में बताया था कि केंद्रीय सुरक्षाबलों में 31 दिसंबर 2021 की स्थिति के अनुसार 74 हजार 672 पद खाली हैं. 

गृह मंत्रालय के मुताबिक, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) में 3.24 लाख जवान होने चाहिए, लेकिन 3.09 लाख जवान ही हैं. इसी तरह सीमा सुरक्षा बल (BSF) में 2.65 लाख जवानों की जरूरत है, लेकिन 2.44 लाख जवान ही मौजूद हैं. 

राज्यों की पुलिस में भी 5 लाख से ज्यादा पद खाली

राज्यों की पुलिस में भी 5 लाख से ज्यादा पद खाली पड़े हुए हैं. गृह मंत्रालय के अधीन आने वाले ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (BPRD) की 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक, देशभर में पुलिस 5.30 लाख पद खाली पड़े हैं.

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इस रिपोर्ट के मुताबिक, अकेले उत्तर प्रदेश में ही पुलिस में 1.11 लाख से ज्यादा पद खाली हैं. इसके बाद पश्चिम बंगाल है, जहां 55 हजार से ज्यादा पद खाली हैं. तीसरे नंबर पर बिहार है, जहां 47 हजार से ज्यादा वैकेंसी है. 

 

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