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अग्निवीरों के पहले बैच की ट्रेनिंग शुरू हो गई है. थल सेना, वायुसेना और नौसेना के अग्निवीरों की ट्रेनिंग देश के अलग-अलग हिस्सों में चल रही है. इन अग्निवीरों की ट्रेनिंग 6 महीने तक चलेगी. उसके बाद इन्हें तैनात किया जाएगा.
केंद्र सरकार ने पिछले साल जून में 'अग्निपथ' योजना को लॉन्च किया था. इसके तहत युवाओं को चार साल के लिए सेना में भर्ती किया जाएगा. ये भर्ती तीनों सेनाओं में होगी. अग्निपथ योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को 'अग्निवीर' कहा जाता है.
इस योजना के तहत 17.5 साल से 21 साल की उम्र तक के युवाओं को सेना में भर्ती किया जाएगा. हालांकि, 2022 में 23 साल तक के युवा इस योजना के तहत भर्ती हो सकते थे. पर अब इसकी आयुसीमा 21 साल ही है. चार साल के बाद 25 फीसदी अग्निवीरों को सेना में बरकरार रखा जाएगा.
तीनों सेनाओं को अग्निवीरों को पहला बैच मिल गया है. इनकी ट्रेनिंग देश के अलग-अलग हिस्सों में शुरू हो चुकी है. इनमें कई महिला अग्निवीर भी शामिल हैं.
कितने अग्निवीरों की हो रही ट्रेनिंग?
केंद्र सरकार ने पिछले साल बताया था एक साल में 46 हजार अग्निवीरों को भर्ती किया जाएगा. इनमें से 40 हजार अग्निवीर थल सेना में भर्ती होंगे. बाकी तीन-तीन हजार अग्निवीर वायुसेना और नौसेना में शामिल होंगे.
फिलहाल 20 हजार से ज्यादा अग्निवीरों की भर्ती हो चुकी है. लगभग 19 हजार अग्निवीर थल सेना में भर्ती हो चुके हैं. नौसेना में भी तीन हजार अग्निवीरों की भर्ती हो चुकी है, जिनमें 341 महिलाएं हैं. इस योजना के तहत वायुसेना में भर्ती होने वाले युवाओं को 'अग्निवायु' कहा जाता है.
कहां हो रही है इनकी ट्रेनिंग?
थल सेना में भर्ती हुए अग्निवीरों की ट्रेनिंग कई रेजिमेंटल सेंटर्स में हो रही है. मसलन, झारखंड के रामगढ़ जिले में स्थित पंजाब रेजिमेंटल सेंटर में 217 अग्निवीरों की ट्रेनिंग हो रही है.
इसी तरह महाराष्ट्र के नासिक में स्थित आर्टिलरी ट्रेनिंग सेंटर में 2,600 से ज्यादा अग्निवीरों की ट्रेनिंग हो रही है. वहीं, जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फेंट्री रेजिमेंटल सेंटर में भी ट्रेनिंग चल रही है. इनके अलावा मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, झारखंड, बिहार, उत्तराखंड और गोवा समेत कई राज्यों में स्थित रेजिमेंटल सेंटर में अग्निवीरों को ट्रेन्ड किया जा रहा है.
वायुसेना में शामिल हुए युवाओं को कर्नाटक के बेलगावी में स्थित एयरमैन ट्रेनिंग स्कूल (ATS) में ट्रेनिंग दी जा रही है. वहीं, नौसेना में भर्ती हुए अग्निवीरों की ओडिशा के INS चिल्का ट्रेनिंग बेस में ट्रेनिंग चल रही है.
कब तक चलेगी ट्रेनिंग?
अग्निवीरों की ट्रेनिंग 6 महीने तक चलेगी. इसके बाद इनकी पोस्टिंग होगी. थल सेना के मुताबिक, अग्निवीरों की कुल ट्रेनिंग 31 हफ्तों तक चलेगी.
अग्निवीरों को पहले 10 हफ्ते में बेसिक मिलिट्री ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके बाद अगले 21 हफ्ते तक एडवांस्ड मिलिट्री ट्रेनिंग दी जाएगी.
नौसेना में शामिल हुए अग्निवीरों की भी ऐसी ही ट्रेनिंग चल रही है. इनको वैसे ही ट्रेनिंग दी जा रही है, जैसे नौसेना में भर्ती होने वाले सैनिकों को दी जाती है.
कैसे हुई इनकी भर्ती?
थल सेना में अग्निवीरों की भर्ती के लिए पिछले साल अगस्त में रिक्रूटमेंट रैलियां हुई थीं. इसमें युवाओं का चयन हुआ था. इसके बाद इनका एंट्रेंस टेस्ट लिया गया. चुने गए युवाओं को ट्रेनिंग सेंटर में बुलाया गया.
वायुसेना ने पिछले साल जुलाई में रजिस्ट्रेशन और फिर एग्जाम लिया था. एग्जाम में पास होने वाले युवाओं को कॉल लेटर भेजा गया था. इनका मेडिकल टेस्ट किया गया और फिर चुने गए अभ्यर्थियों को ट्रेनिंग के लिए कॉल लेटर भेजे गए.
इसी तरह नौसेना ने भी पिछले साल जुलाई में ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी थी. इसके बाद अक्टूबर में एग्जाम और फिजिकल टेस्ट हुआ. टेस्ट पास करने वाले युवाओं को ट्रेनिंग के लिए बुलाया गया.
ट्रेनिंग के बाद क्या?
6 महीने की ट्रेनिंग पूरी होने के बाद जुलाई से अग्निवीरों की पोस्टिंग शुरू होगी. थल सेना में अग्निवीरों को सीमा पर भी तैनात किया जा सकता है. क्योंकि इनको ठीक वैसे ही ट्रेन्ड किया जाएगा जैसे एक सैनिक को किया जाता है.
वायुसेना में शामिल हुए अग्निवायु को एयरबेस में तैनात किया जाएगा. वहीं, नौसेना में भर्ती हुए अग्निवीरों को नौसेना के जहाज, एयरबेस पर पोस्टिंग दी जाएगी.
सैलरी कितनी मिलेगी?
अग्निवीरों को पहले साल हर महीने 30 हजार रुपये सैलरी मिलेगी, जिसमें से 21 हजार रुपये हाथ में आएंगे. दूसरे साल 33 हजार, तीसरे साल 36,500 और चौथे साल 40 हजार रुपये सैलरी मिलेगी.
इसके अलावा अग्निवीरों को 48 लाख रुपये का बीमा कवर मिलेगा. सेवा के दौरान शहीद होने या दिव्यांग होने पर 44 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा.
चार साल बाद क्या होगा?
अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीरों को चार साल के लिए ही सेना में भर्ती किया जाएगा. चार साल की सर्विस के बाद 75 फीसदी अग्निवीर रिटायर हो जाएंगे, जबकि बाकी 25 फीसदी को सेना में बरकरार रखा जाएगा.
चार साल बाद रिटायरमेंट के बाद अग्निवीरों को पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्सेस जैसी सर्विसेस में प्राथमिकता मिलेगी.
रिटायरमेंट के बाद इन अग्निवीरों को पेंशन या ग्रेच्युटी नहीं मिलेगी. हालांकि, 'सेवा निधि पैकेज' के तहत 11.71 लाख रुपये मिलेंगे और इस पर कोई इनकम टैक्स भी नहीं लगेगा.
वहीं, जिन 25 फीसदी युवाओं को सेना में बरकरार रखा जाएगा, उन्हें और 15 साल तक सेना में सेवा करने का मौका मिलेगा. इस दौरान सेना के कानून और शर्तें लागू होंगी.