उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सोमवार को आगरा के मुगल म्यूजियम का नाम बदल दिया. अब ये छत्रपति शिवाजी महाराज म्यूजियम के नाम से जाना जाएगा. इस फैसले पर लगातार प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. छत्रपति शिवाजी के वशंज और राज्यसभा सांसद संभाजी छत्रपति ने योगी सरकार के इस फैसले की तारीफ की है.
छत्रपति शिवाजी के वंशज और राज्यसभा सांसद संभाजी छत्रपति ने ट्वीट में लिखा कि उत्तर प्रदेश की सरकार ने मुगल म्यूजियम का नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी महाराज म्यूजियम रखने का फैसला लिया है. छत्रपति शिवाजी महाराज का वशंज होने के नाते मैं महाराष्ट्र के लोगों की ओर से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का शुक्रिया अदा करता हूं.
UP Govt has taken decision to rename the Mughal Museum to Chatrapati Shivaji Maharaj Museum.
As descendant of Chatrapati Shivaji Maharaj, l thank Honorable CM Shri Yogi Adityanath on behalf of people of Maharashtra.@narendramodi @myogiadityanath
— Sambhaji Chhatrapati (@YuvrajSambhaji) September 15, 2020
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सगंठन महामंत्री बीएल संतोष ने भी इस फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा है कि यह छत्रपति शिवाजी महाराज को सम्मानित करने का सही तरीका है. सीएम योगी ने छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर एक संग्रहालय का नाम रखा है, जबकि उनकी विरासत का दावा करने वाले कुछ लोगों ने साधुओं, महिलाओं, पत्रकारों और दिग्गजों के साथ दुर्व्यवहार किया है.
कांग्रेस नेता दीपक सिंह ने इस मामले पर कहा कि उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार नाम बदलने के लिए नहीं काम बदलने के लिए आई थी. बेहतर होता भारतीय जनता पार्टी सरकार जिन महापुरुषों का नाम लेती है, उनके नाम से नाम रखती है, कम से कम उनके नाम का अनुसरण ही कर ले, तो बीजेपी का पाप कम हो जाए.
सोमवार को इस फैसले की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट किया. सीएम योगी ने लिखा कि आगरा में निर्माणाधीन म्यूजियम को छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम से जाना जाएगा. आपके नए उत्तर प्रदेश में गुलामी की मानसिकता के प्रतीक चिन्हों का कोई स्थान नहीं. हम सबके नायक शिवाजी महाराज हैं. जय हिन्द, जय भारत.
योगी सरकार के इस फैसले का महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत ने भी समर्थन किया. बता दें कि पिछले काफी दिनों से महाराष्ट्र और देश की राजनीति में मराठा को लेकर मुद्दा गर्माया हुआ है. इस बीच योगी सरकार ने ये फैसला लिया है.