गुजरात (Gujarat) में अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में एक ही दिन में दो ब्रेनडेड मरीजों का सीक्रेट अंगदान किया गया. दो सीक्रेट अंगदान के जरिए चार किडनी, एक लीवर और दो फेफड़े सहित कुल 7 अंग प्राप्त हुए, जिनके माध्यम से 7 जरूरतमंद लोगों को नवजीवन देने में सफलता हासिल हुई है. पहले गुप्त अंगदान की बात करें तो रोड एक्सीडेंट में घायल मुस्लिम युवक के सिर में गंभीर चोट लगी थी, जिसकी वजह से वह ब्रेन हेमरेज का शिकार हुआ था. इलाज के लिए युवक को अहमदाबाद के सिविल हॉस्पिटल में एडमिट किया गया था.
डॉक्टरों ने 7 अक्टूबर को युवक को ब्रेनडेड घोषित किया था, जिसके बाद अस्पताल में हर साल रमजान के समय में इफ्तारी की सेवा देने वाले रिलीफ फाउंडेशन के इम्तियाज पठान ने परिवार के सदस्यों को ब्रेनडेड के बारें में बताकर उन्हें अंगदान के लिए प्रेरित किया. इसके बाद युवक के परिवार ने अंगदान लेकिन पहचान नहीं बताने की शर्त के साथ करने का फैसला लिया.
गुप्त अंगदान के दूसरे केस की बात करें तो खेड़ा में रहने वाला युवक, दिमाग की नस फटने की वजह से ब्रेन हेमरेज का शिकार हुआ था. इस युवक को इलाज के लिए अहमदाबाद सिविल अस्पताल में लाया गया था. 7 अक्टूबर को डॉक्टरों ने बताया कि युवक ब्रेड डेड हो चुका है. डॉक्टरों की टीम ने परिवार को जब अंगदान के बारें में बताया तो परिवार के सदस्यों ने इस पर सहमति जताई.
अंगदान में मिलीं 114 आंखें
दो गुप्त अंगदान के माध्यम से सिविल अस्पताल में चार किडनी, एक लीवर के मरीजों का ट्रांसप्लांट किया गया. अंगदान में मिले दो फेफड़ों को दिल्ली भेजा गया हैं, जहां जरूरतमंद मरीजों के इलाज में काम आएगा. बता दें कि अब तक अहमदाबाद सिविल अस्पताल में अंगदान के माध्यम से 304 किडनी, 146 लीवर, 51 हृदय, 30 फेफड़े, 9 स्वादुपिंड, 2 दो छोटी आंत, 5 स्किन और 114 आंखे अंगदान में प्राप्त हुई हैं.
सिविल अस्पताल के सुप्रिंटेंडेंट डॉक्टर राकेश जोशी ने कहा, "एक दिन में दो ब्रेनडेड मरीजों का अंगदान हुआ है. दोनों परिवारों ने मरीज की जानकारी गुप्त रखने की गुजारिश की. इस अंगदान में 7 अंग प्राप्त होने के बाद अब तक सिविल अस्पताल में 548 अंग दान में मिल चुके हैं, जिनके जरिए अब तक 530 लोगों को नवजीवन देने में सफलता मिली है. डॉक्टर राकेश जोशी ने बताया कि अब तक सिविल अस्पताल में 169 अंगदान हो चुके हैं, उनमें आज जो दो अंगदान हुए उसमें से एक अंगदान मुस्लिम युवक का था. मुस्लिम समुदाय की तरफ से सिविल अस्पताल में यह चौथा अंगदान है.