दिल्ली हाईकोर्ट ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और डीपफेक से जुड़े मामले पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को जवाब देने के लिए दो हफ्ते का समय दिया है. कोर्ट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और डीपफेक टेक्नोलॉजी पर नियंत्रण लगाने के लिए नियम बनाने की मांग के साथ याचिका दायर की गई है.
कार्यवाहक चीफ जस्टिस मनमोहन की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि पहले इस मामले पर केंद्र को विचार करने दें. केंद्र दो हफ्ते के भीतर इस पर जवाब दें. इस मामले का आयाम बड़ा है. इस वजह से हमने सोचा कि नियम तैयार करने के लिए भारत सरकार सबसे बेहतर होगी. केंद्र सरकार को पहले अपने विवेक का इस्तेमाल करने दें.
इससे पहले कोर्ट ने केंद्र से भारत में एआई और डीपफेक की तकनीक से जुड़े मामले पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा था. अदालत ने कहा था कि इस मामले में तुरंत रेगलेशन तैयार करने की जरूरत है. इस मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है.
बता दें कि तस्वीर या वीडियो में किसी व्यक्ति के चेहरे या शरीर में डिजिटल रूप से छेड़छाड़ करने की तकनीक को डीपफेक कहते हैं. मशीन लर्निंग और एआई से बने ये वीडियो या तस्वीरें किसी को भी आसानी से धोखा दे सकते हैं. इस मामले पर अब अगली सुनवाई 18 फरवरी को होगी.