लगातार भूलने की आदत को मेडिकल टर्म में डिमेंशिया (Dementia) की शुरुआती स्टेज माना जाता है. लेकिन एक स्टडी से यह साबित हुआ है कि भोजन में बदलाव, आसान व्यायाम और कंप्यूटर गेम्स खेलकर बिना दवाइयों के डिमेंशिया का इलाज किया जा सकता है. इसे लेकर एम्स में 60 से अधिक उम्र के 60 लोगों पर 24 हफ्तों के लिए एक ट्रायल किया गया, जिससे पता चला कि डिमेंशिया से ठीक होने के लिए डाइट, व्यायाम और ऑनलाइन गेम्स खेलना एक कारगर तरीका है. इससे सीखने, सोचने, याद करने, फैसला करने जैसी मानसिक क्षमताओं में सुधार होता है.
शोधकर्ताओं का कहना है कि इस स्टडी के नतीजों से डिमेंशिया में सुधार का पता चला है. स्टडी को एम्स के गैरिएट्रिक मेडिसिन विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ. प्रसून चटर्जी ने की, जिसे इंटरनेशनल साइंटिफिक जर्नल Plosone में प्रकाशित किया गया.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा कि डिमेंशिया की शुरुआती स्टेज को सब्जेक्टिव कॉगनिटिव डिक्लाइन (एससीडी) कहा जाता है. इसका बेसिक टेस्ट से इलाज नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि अगर शुरुआती स्टेज में इसका इलाज नहीं किया गया तो अगले तीन से पांच साल में यह बढ़ सकता है. इसकी कोई दवाई भी नहीं है.
डॉ. चटर्जी का कहना है कि नवंबर 2018 से 2020 इन दो सालों में स्टडी कराई गई. गैरिएट्रिक मेडिसिन विभाग के ओपीडी में भर्ती कुल 60 बुजुर्गों को उनकी लिखित सहमति के बाद ही इस स्टडी से जोड़ा गया.
इस स्टडी में 36.67 फीसदी महिलाओं और 63.33 फीसदी पुरुषों को चार समूहों में बांटा गया. हर समूह में 15-15 लोग थे. इनका अलग-अलग तरह से इलाज किया गया. पहले समूह को सिर्फ कॉगनिटिव ट्रेनिंग दी गई. दूसरे को कॉगनिटिव ट्रेनिंग के साथ उनके डाइट में बदलाव किया गया. तीसरे समूह को कॉगनिटिव ट्रेनिंग और डाइट में बदलाव के साथ एक्सरसाइज कराई गई जबकि चौथे समूह को स्वास्थ्य के बारे में जागरूक किया गया.
स्टडी में कहा गया कि तीसरे समूह के लोगों में सुधार देखा गया. इस समूह के बुजुर्गों का मेंटल बैलेंस सबसे अधिक 16.71 फीसदी रहा. इस तरह यह देखा गया कि तीसरे समूह के बुजुर्गों की डाइट में बदलाव किए गए, उन्हें कुछ आसान एक्सरसाइज रोजाना कराई गई और ऑनलाइन गेम्स पर जोर दिया गया, जिससे उनमें डिमेंशिया की स्थिति में सुधार देखने को मिला.