एआईएमआईएम (AIMIM) चीफ और सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने अयोध्या में बनने वाली मस्जिद को लेकर एक बयान दिया है. ओवैसी ने कहा है कि अगर कोई अयोध्या में 5 एकड़ ज़मीन पर बन रही मस्जिद में नमाज पढ़ता है तो वह 'हराम' मानी जाएगी. ऐसी मस्जिद में नमाज़ पढ़ना और चंदा देना दोनों हराम है. बकौल ओवैसी अयोध्या के धन्नीपुर में बनने वाली मस्जिद इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ है.
ओवैसी के इस बयान पर मस्जिद ट्रस्ट के सचिव ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए इस बयान को राजनीतिक एजेंडे से जुड़ा बताया है. दरअसल, असदुद्दीन ओवैसी 26 जनवरी को कर्नाटक के बीदर में 'सेव कॉन्स्टिट्यूशन-सेव इंडिया' कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने मंच से कहा कि जो बाबरी मस्जिद के बदले 5 एकड़ ज़मीन पर मस्जिद बनवा रहे हैं, हकीकत में वो मस्जिद नहीं बल्कि 'मस्जिद-ए-ज़ीरार' है. ऐसी मस्जिद में नमाज़ पढ़ना हराम है.
AIMIM चीफ ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग मोदी भक्ति में लीन हैं. सावरकर और गोडसे गांधी से डरते थे. अंबेडकर के संविधान ने हमें ताकत दी है. दिल्ली में बैठने वाला कोई बादशाह नहीं है. ओवैसी ने नेताजी का जिक्र करते हुए कहा कि जिसने जय हिंद नारे को गढ़ा वह हैदराबाद का मुसलमान था.
आपको बता दें कि नवंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या के राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया था. साथ ही कोर्ट ने सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिए अयोध्या में दूसरी जगह पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया. इसके बाद वक्फ बोर्ड को अयोध्या के धन्नीपुर गांव में जमीन दी थी, जहां मस्जिद का निर्माण किया जा रहा है. इसे लेकर ही असदुद्दीन ओवैसी ने बयान दिया है.