ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने देशभर के मुसलमानों से अपील की है कि वे वक्फ संशोधन विधेयक 2024 के विरोध में रमजान के आखिरी शुक्रवार अलविदा जुमा पर काली पट्टी बांधें. सोशल मीडिया पोस्ट में AIMPLB ने कहा, "मुसलमानों से एक महत्वपूर्ण अपील. वक़्फ़ संशोधन विधेयक 2024 के खिलाफ. जुमा-तुल-विदा के मौके पर अपने बाजू पर काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज करें."
बोर्ड ने कहा, "दिल्ली के जंतर-मंतर और पटना के धरना स्थल पर मुसलमानों के जोरदार विरोध प्रदर्शन ने कम से कम बीजेपी की सहयोगी पार्टियों के बीच हलचल मचा दी है. अब 29 मार्च को विजयवाड़ा में भी एक बड़े विरोध प्रदर्शन की तैयारी है."
सोशल मीडिया पोस्ट में शेयर किए गए पत्र में कहा गया, "वक़्फ़ संशोधन बिल 2025 एक गहरी साजिश है, जिसका मकसद मुसलमानों को उनकी मस्जिदों, ईदगाहों, मदरसों, दरगाहों, ख़ानक़ाहों, क़ब्रिस्तानों और उनके अन्य धार्मिक और सामाजिक संस्थानों से बेदखल करना है. अगर यह बिल पारित हो गया, तो सैकड़ों मस्जिदें, ईदगाहें, मदरसे, क़ब्रिस्तान और अनेक चैरिटी संस्थाएं हमारे हाथ से निक जाएंगी."
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'काली पट्टी बांधकर मस्जिद आएं...'
पोस्ट में आगे कहा गया कि इसलिए देश के हर मुसलमान की यह ज़िम्मेदारी है कि वह इस बिल का पुरज़ोर विरोध करें. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड देश के तमाम मुसलमानों से अपील करता है कि वे जुआ-तुल-विदा के दिन अपने हाथ पर काली पट्टी बांधकर मस्जिद आएं और अपने दुःख और आक्रोश का शांतिपूर्ण एवं मौन प्रदर्शन करें.
तमिलनाडु में वक्फ बिल के खिलाफ प्रस्ताव
तमिलनाडु विधानसभा ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है. विधानसभा में बोलते हुए तमिलनाडु के सीएम ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक मुसलमानों के खिलाफ है.
सीएम स्टालिन ने विधानसभा में कहा, "केंद्र सरकार ऐसी योजनाएं ला रही है, जो राज्य के अधिकारों, संस्कृति और परंपरा के खिलाफ हैं. भारत में तमाम संस्कृतियां, परंपराएं और भाषाएं मौजूद हैं, लेकिन वे राज्यों से बदला लेने के इरादे से ऐसा कर रहे हैं. वक्फ (संशोधन) विधेयक मुसलमानों के खिलाफ है."
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मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा, "यह वक्फ (संशोधन) विधेयक मुसलमानों के अधिकारों को खत्म कर रहा है. केंद्र सरकार ने कभी मुसलमानों के कल्याण और उनके अधिकारों के बारे में नहीं सोचा. इसलिए हम इसके खिलाफ प्रस्ताव पारित करने की स्थिति में हैं."
वक्फ संपत्तियों को विनियमित करने के लिए अधिनियमित वक्फ अधिनियम 1995 की लंबे समय से कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और अतिक्रमण जैसे मुद्दों के लिए आलोचना की जाती रही है.