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नॉन क्वालिफाइड पायलट ने उड़ाया प्लेन, DGCA ने एअर इंडिया पर लगाया 90 लाख का जुर्माना

डीजीसीए के मुताबिक एअर इंडिया लिमिटेड ने एक गैर-प्रशिक्षक लाइन कैप्टन तथा एक गैर-लाइन-रिलीज्ड प्रथम अधिकारी से फ्लाइट का संचालन कराया, जिसे डीजीसीए ने एक गंभीर लापरवाही माना है. इस पर एक्शन लेते हुए DGCA ने टाटा ग्रुप के स्वामित्व वाली एअर इंडिया पर 90 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है.

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Air India (File Photo)
Air India (File Photo)

देश की एविएशन रेगुलेटरी बॉडी नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने टाटा ग्रुप के स्वामित्व वाली एअर इंडिया पर 90 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. एअर इंडिया के खिलाफ यह एक्शन नॉन क्वालिफाइड पायलट्स से प्लेन उड़वाने के कारण लिया गया है. डीजीसीए ने इस लापरवाही के लिए एअर इंडिया के डायरेक्टर (ऑपरेशंस) पंकुल माथुर और ट्रेनिंग डायरेक्टर मनीष वासवदा पर 6 लाख रुपये और 3 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

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डीजीसीए ने एक प्रेस नोट जारी कर कहा है कि संबंधित पायलट को भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सावधानी बरतने की चेतावनी दी गई है. विज्ञप्ति में कहा गया है कि एअर इंडिया लिमिटेड ने एक गैर-प्रशिक्षक लाइन कैप्टन तथा एक गैर-लाइन-रिलीज्ड प्रथम अधिकारी से फ्लाइट का संचालन कराया, जिसे जीजीसीए ने एक गंभीर लापरवाही माना है. इसका असर यात्रियों की सुरक्षा पर पड़ सकता था.

रिपोर्ट के जरिए हुआ खुलासा

लापरवाही के लिए डीजीसीए ने एयर इंडिया पर 90 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. बता दें कि 10 जुलाई को एयरलाइन की तरफ से पेश की गई स्वैच्छिक रिपोर्ट के जरिए घटना संज्ञान में आई. इसके बाद नियामक ने एयरलाइन के संचालन की जांच की. इसमें दस्तावेजों की जांच और शेड्यूलिंग सुविधा की जांच शामिल थी. जांच के आधार पर पता चला है कि कई नियमों का उल्लंघन किया गया है. 

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जारी किया कारण बताओ नोटिस

डीजीसीए ने कहा कि फ्लाइट के कमांडर और एयरलाइन के पदाधिकारियों को 22 जुलाई को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, जिसके जरिए उन्हें अपनी स्थिति स्पष्ट करने का मौका दिया गया. लेकिन संबंधित कर्मचारी संतोषजनक उत्तर देने में विफल रहे. इसलिए डीजीसीए ने प्रावधानों के तहत कार्रवाई शुरू कर दी और जुर्माना लगाया.

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