नेशनल एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया (Air India) के पायलट यूनियन इंडियन पायलट्स गिल्ड (ICPA) और इंडियन कॉमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन (IPG) ने अपने सदस्यों को एयरलाइन की विनिवेश प्रक्रिया में भाग नहीं लेने की सलाह दी है. इनका कहना है कि प्रबंधन ने अभी भी अनुचित वेतन कटौती पर हमारी चिताएं दूर नहीं की हैं. इसलिए वे एयर इंडिया की विनिवेश प्रक्रिया में कर्मचारियों की बोली में भाग नहीं लेंगे. इस बाबत 5 दिसंबर को सभी पायलटों को पत्र के माध्यम स निर्देश दिया गया है.
पत्र में सभी पायलटों को कहा गया है कि जब तक कि एयर इंडिया का टॉप मैनेजमेंट पायलटों की 70 प्रतिशत वेतन कटौती का मामला नहीं देखता, तब तक वे प्रबंधन अधिकारी द्वारा शुरू की गई प्रक्रिया को स्वीकार न करें और ना ही उसमें भाग लें. इसके अलावा पत्र में पायलटों के 25 प्रतिशत रोके गए भुगतान का भी जिक्र है, जिसपर स्पष्टता की मांग की गई है. मालूम हो कि एयर इंडिया के लिए बोलियां लगाने के लिए 14 दिसंबर तक की समय सीमा है.
यूनियनों ने आगे कहा कि जहां भारत में अन्य प्रमुख एयरलाइन्स ने अपने पायलटों के लिए वेतन में संशोधन किया है, वहीं सरकारी स्वामित्व वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एयर इंडिया अभी तक हमारे मामले को नहीं देख सकी है. इसलिए हम एक बार फिर शीर्ष प्रबंधन अधिकारी द्वारा शुरू की गई विनिवेश प्रक्रिया में कर्मचारी बोलियों में हिस्सा नहीं लेना चाहेंगे.
मालूम हो कि Air India और उसकी सहायक एयर इंडिया एक्सप्रेस की विनिवेश प्रक्रिया इस साल जनवरी में शुरू हुई है. इसके लिए बोली लगाने की आखिरी तारीख 14 दिसंबर तय है. ऐसे में खबर है कि कर्मचारियों को प्रबंधन की ओर से एक-एक लाख रुपये देने को कहा गया है.
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