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Air India के क्रू का हर तीन महीने बाद होगा वजन चेक, बवाल किस बात पर है?

एयर इंडिया क्रू मेंबर्स इस समय एक विवादित सर्कुलर का पुरजोर विरोध कर रहे हैं. उस सर्कुलर के मुताबिक हर तीन महीने बाद क्रू मेंबर्स का बीेएमआई चेक किया जाएगा. लेकिन अब ये प्रक्रिया डॉक्टर की उपस्थिति में नहीं की जाएगी.

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Air India के क्रू का हर तीन महीने बाद होगा वजन चेक ( सांकेतिक फोटो)
Air India के क्रू का हर तीन महीने बाद होगा वजन चेक ( सांकेतिक फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • एयर इंडिया में पहले भी चेक किया जाता था बीएमआई
  • डॉक्टरों की उपस्थिति की जाती थी पूरी प्रक्रिया
  • नए सर्कुलर में डॉक्टरों की सक्रियता कर दी गई खत्म

एयर इंडिया एयरलाइन टाटा ग्रुप को सौंप दी गई है. ऐसे में देश की इस पुरानी एयरलाइन में अब कई परिवर्तन आने वाले हैं. लेकिन एक परिवर्तन ऐसा भी है जिसको लेकर अभी से खूब बवाल काटा जा रहा है. ये परिवर्तन एयर इंडिया के क्रू मेंबर्स के वजन चेकिंग को लेकर है.

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एयर इंडिया और ये वजन वाला विवाद क्या है?

दरअसल कुछ समय पहले एक सर्कुलर जारी किया गया था. उस सर्कुलर के मुताबिक कर्मचारियों की बॉडी मास इंडेक्स और वजन की जांच के लिए एक नई कंपनी के साथ करार किया गया है. हर तीन महीने बाद क्रू मेंबर्स का वजन चेक किया जाएगा. उनकी यूनिफॉर्म ठीक है या नहीं, इस पर भी कड़ी निगरानी रहेगी. 

अब वजन चेक करना या फिर दूसरे पहलुओं का ध्यान रखना कोई नया नियम नहीं है. पहले भी डॉक्टरों की उपस्थिति में क्रू मेंबर्स का बीएमआई चेक किया गया है. लेकिन अब इस नए सर्कुलर के बाद वहीं नियम बदलने जा रहा है. अब से क्रू मेंबर्स का वजन तो चेक किया जाएगा, लेकिन किसी डॉक्टर की उपस्थिति में नहीं. जानकारी मिली है कि ग्रूमिंग एसोसिएट्स ये जिम्मेदारी निभाने जा रहे हैं. अब से क्रू के वजन से लेकर दूसर पहुलओं पर ग्रूमिंग एसोसिएट्स ही एक्शन लेने वाले हैं.

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क्रू मेंबर्स किस वजह से कर रहे विरोध?

लेकिन इस सर्कुलर का केबिन क्रू यूनियन ने तगड़ा विरोध किया है. CMD विक्रम दत्त को एक लंबी चिट्ठी लिख पूरे विवाद के बारे में समझाया गया है. चिट्ठी में लिखा गया है कि हम बीएमआई चेक का विरोध नहीं करते हैं. ये प्रक्रिया तो पिछले 15 साल से जारी है. लेकिन पहले इसे डॉक्टरों की निगरानी में किया जाता था, हर तरह की जांच एयर इंडिया क्लीनिक में होती थी. लेकिन अब जो नियम ला दिए गए हैं वो हमारे क्रू मेंबर्स के लिए अमानवीय हैं. 

चिट्ठी में आगे चेतावनी दी गई है कि अगर समय रहते ये विवादित सर्कुलर वापस नहीं लिया गया तो कानून का भी सहारा लिया जा सकता है. कहा गया है कि किसी भी कंपनी में उनके फ्रंटलाइन वर्कर्स के सम्मान का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए. इसी कड़ी में उस सर्कुलर को वापस लेने की मांग उठा दी गई है.


 

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