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अजय मिश्रा उर्फ टेनी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, हत्या के मामले में निचली अदालत से बरी का फैसला बरकरार

23 साल पुराने हुई हत्या के मामले में केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा उर्फ टेनी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. जस्टिस बेला माधुर्य त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मित्थल की पीठ ने उत्तर प्रदेश की निचली अदालत और इलाहाबाद हाई कोर्ट के टेनी को बरी किए जाने के फैसले को बरकरार रखा है.

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फाइल फोटो
फाइल फोटो

23 साल पुराने हुई हत्या के मामले में केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा उर्फ टेनी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. जस्टिस बेला माधुर्य त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मित्थल की पीठ ने उत्तर प्रदेश की निचली अदालत और इलाहाबाद हाई कोर्ट के टेनी को बरी किए जाने के फैसले को बरकरार रखा है.

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सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा कि निचली अदालत और हाईकोर्ट ने इस मामले में अजय मिश्रा टेनी को बरी करने का फैसला सुनाया है. इस मामले को लगभग 23 साल बीत चुके हैं. ऐसे में अब इस मामले में हम हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं है.

प्रभात गुप्ता की हत्या सन 2000 में हुई थी. पहले निचली अदालत और फिर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी टेनी को इस हत्याकांड के अपराध से बरी किया था. प्रभात गुप्ता के भाई ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. 

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार की याचिका खारिज करते हुए ट्रायल कोर्ट के टेनी को बरी करने का फैसला बरकरार रखा था. लखीमपुर की निचली अदालत ने 2004 में टेनी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था. इस फैसले को राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.

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अजय मिश्रा के साथ सुभाष मामा, शशि भूषण, पिंकी और राकेश डालू को भी इस हत्याकांड में हाईकोर्ट से राहत मिली थी. प्रभात गुप्ता की उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में सरे बाजार में घर लौटते समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.प्रभात गुप्ता समाजवादी पार्टी का युवा नेता थे और अजय मिश्रा टेनी बीजेपी से जुड़े थे. इस हत्याकांड में अजय मिश्रा टेनी समेत चार लोगों को नामजद किया गया था.

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