राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच स्पेशल रिप्रेंजेंटेटिव लेवल की बातचीत हुई. इसके बाद एनएसए डोभाल भारत के लिए बीजिंग से रवाना हो गए हैं. यह अहम बैठक हाल ही में पूर्वी लद्दाख में सीमा पर पेट्रोलिंग पॉइंट्स और सैन्य डिसइंगेजमेंट को लेकर हुई बातचीत के बाद आयोजित की गई थी. ताजा बैठक के बाद चीन ने गुरुवार को कहा कि दोनों देशों द्वारा जारी किए गए बयानों में "बहुत समान सार और तत्व" हैं, जो बड़ी सहमति को दर्शाते हैं.
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने यहां मीडिया से बातचीत के नतीजों पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए बताया कि सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधियों वांग और डोभाल ने "सकारात्मक और रचनात्मक रुख" अपनाते हुए चीन-भारत सीमा मुद्दे पर "सार्थक बातचीत" की और छह सूत्रीय "सहमति" पर पहुंचे.
यह भी पढ़ें: क्या देपसांग-डेमचोक से आगे बढ़ेगी बात? समझिए डोभाल की चीन में बातचीत से निकले 6 सूत्र क्यों अहम
दोनों देशों में छह सूत्री सहमति बनी
चीनी प्रवक्ता ने कहा, "दोनों पक्षों के बयानों में बहुत हद तक समानता और तत्व हैं." बातचीत के बाद चीन ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच छह सूत्री सहमति बन गई है. लिन ने कहा कि दोनों देशों के मूल्यवान संसाधनों को विकास में लगाना, यह सुनिश्चित करना कि सीमा मुद्दे को द्विपक्षीय संबंधों में उचित रूप से रखा जाए, सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द बनाए रखना और जल्द से जल्द चीन-भारत संबंधों को स्वस्थ और स्थिर रास्ते पर लाने की कोशिश करना अहम है.
यह भी पढ़ें: बॉर्डर पर शांति, कैलाश मानसरोवर... डोभाल-वांग यी की मीटिंग में किन 6 फॉर्मूलों पर बनी बात
पेट्रोलिंग पॉइंट्स और सैन्य डिसइंगेजमेंट पर चर्चा
एनएसए अजीत डोभाल गुरुवार को बीजिंग से रवाना हुए. विशेष प्रतिनिधियों की वार्ता को अहम माना गया क्योंकि पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध की वजह से चार साल से अधिक समय तक संबंधों में दरार आने के बाद यह दोनों देशों के बीच पहली ऐसी बातचीत थी. भारत-चीन सीमा के विवादों को सुलझाने के लिए बनाई गई स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव की मीटिंग पांच साल बाद हुई है. सीमा विवाद को सुलझाने की दिशा में भारत-चीन के बीच इस तरह की यह 23वीं बैठक थी.