महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) पर दावे को लेकर सियासी उठापटक जारी है. एनसीपी पर अपना-अपना दावा ठोक रहे शरद पवार और अजित पवार ने बुधवार को शक्ति प्रदर्शन किया. शक्ति प्रदर्शन में अजित पवार के समर्थन में 31 विधायक और 4 एमएलसी पहुंचे. इस बीच अजित पवार गुट ने चुनाव आयोग के सामने बड़ा दावा किया है. इसमें शरद पवार की जगह अजित पवार को NCP का अध्यक्ष बनाने का दावा किया गया है. दरअसल, विधायकों के समर्थन को लेकर दोनों गुटों के अपने-अपने दावे हैं. अजित गुट जहां 31 विधायकों के समर्थन की बात कर रहा है, वहीं शरद गुट के पास 13 MLA का समर्थन है.हालांकि इस संख्या बल को लेकर अभी तस्वीर साफ नहीं है.
इससे पहले मुंबई के एमईटी कॉलेज में हुई अजित पवार गुट की बैठक में अजित ने अपने चाचा शरद पवार पर पूरी भड़ास निकाली. उन्होंने शरद पवार को उम्र का हवाला देते हुए राजनीति छोड़ने तक की नसीहत दे डाली. साथ ही बीजेपी के नेताओं के साथ एनसीपी की सीक्रेट मीटिंग को लेकर भी कई राज खोले.
शरद पवार के 'राज' खोले
अजित पवार ने कहा कि 2014 में जब चुनावी नतीजे आए. तो प्रफुल्ल पटेल और शरद पवार की कुछ बात हुई और पार्टी ने जाहिर किया कि हम बीजेपी का बाहर से समर्थन करेंगे. हमें बोला गया था कि वानखेड़े ग्राउंड जाओ और शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत करो. हमें वहां मोदीजी मिले. उन्होंने मुझसे पूछा कि कैसे हो? साहब कैसे हैं? फिर देवेंद्र फडणवीस की सरकार बनी. अगर सरकार में नहीं जाना था तो हमें शपथ ग्रहण समारोह में क्यों भेजा गया?
अजित ने कहा कि 2017 में कुछ अलग करने का प्रयोग हुआ था. हमें फिर से बोला कि चर्चा करो. हमारी पार्टी की ओर से मैं, जयंत पाटिल और कुछ नेताओं ने फडणवीस, मुनगंटीवार से चर्चा की थी. किसे क्या विभाग या महामंडल मिलेगा, यह सब तय हुआ. फिर हमारे वरिष्ठों ने सुनील तटकरे को दिल्ली बुलाया. दिल्ली में बीजेपी ने बोला कि हम 25 साल से शिवसेना के साथ हैं. हम बीजेपी, एनसीपी और शिवसेना की सरकार बनाएंगे. हमारे वरिष्ठ लोगों को यह पसंद नहीं था. उनका कहना था कि शिवसेना जातिवादी है और वहां पर इसे रोक दिया गया.
2019 में हमें बोला गया था कि बीजेपी के साथ चर्चा करो. एक बड़े उद्योगपति के घर पर चर्चा हुई थी. हमारे वरिष्ठ वहां मौजूद थे. दूसरे वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल भी वहां थे. वहां पर फिर सभी चीजें तय हो गईं. फिर हमें बोला गया कि हमें शिवसेना के साथ जाना है. 2017 में शिवसेना जातिवादी थी लेकिन 2019 में हम उनके साथ कैसे चले गए?
शरद पवार मुख्यमंत्री कैसे बने?
अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह हमारे नेता और गुरु हैं. वह सीएम कैसे बने? उस समय भी ऐसी ही स्थिति बनी थी. वसंतदादा पाटिल की सरकार गिर गई थी और शरद पवार की सरकार बनी थी और वह 1978 में मुख्यमंत्री बने थे.
शरद पवार की बीजेपी हाईकमान से हुई थी सीक्रेट मुलाकात
अजित पवार ने कहा कि दिल्ली में पवार साहब और तटकरे ने बीजेपी हाईकमान से मुलाकात की. बीजेपी ने कहा था कि हम शिवसेना को नहीं छोड़ सकते. चलो तीनों मिलकर सरकार बना लेते हैं. पवार साहब सहमत नहीं थे. उन्होंने कहा कि हम शिवसेना के साथ सरकार नहीं बना सकते और इस तरह से यह गठबंधन नहीं हो पाया.
अजित पवार ने कहा कि मेरे ही उपमुख्यमंत्री चैंबर मे मीटिंग हुई थी. हम सभी 53 विधायक थे. सभी ने लेटर पर साइन कर कहा था कि हमें सरकार में जाना चाहिए. हमें बोला गया की प्रफुल्ल पटेल, जयंत पाटिल और मेरी एक समिति बनाई गई है. हमें बोला गया की आप बीजेपी के वरिष्ठ लोगों से चर्चा कीजिए. लेकिन बीजेपी के वरिष्ठ लोगों ने कहा कि फोन पर ऐसी बातें नहीं हो सकती. आप इंदौर आइए. हमने टिकट निकाले. लेकिन एनसीपी के वरिष्ठ नेता बोले कि आप लोग वहां जाएंगे तो मीडिया को पता लगेगा. फिर बोला गया कि मत जाइए. तब तक एकनाथ शिंदे का शपथ ग्रहण नहीं हुआ था. बीजेपी के वरिष्ठ नेता बोले की आप लोग इंदौर नहीं आएंगे तो बात नहीं हो सकती. मुझे महाराष्ट्र की जनता से पूछना है. मेरे पास वह लेटर आज भी है.. मुझे क्यों विलेन बनाया जाता है? क्या मेरी गलती थी? लेकीन आज भी वह मेरा देवता है.
शरद पवार ने किया था सोनिया गांधी का विरोध
अजित पवार ने कहा कि 1999 में पवार साहब ने कहा था कि सोनिया गांधी विदेशी हैं. वह प्रधानमंत्री नहीं बन सकतीं. हमने पवार साहब की सुनी. भुजबल साहेब ने शिवाजी पार्क में रैली निकाली. हम महाराष्ट्र गए और प्रचार किया. हमने 75 सीटें जीतीं. सभी को मंत्रालय मिले लेकिन मुझे ऐसा महामंडल मिला, जो छह जिलों तक सीमित था. लेकिन मैंने बहुत मेहनत की.
2024 में मोदी जीतेंगे
अजित पवार ने कहा कि उनके चाचा शरद पवार ने दावा किया था कि 2024 में मोदी ही जीतेंगे. शरद पवार ने हमारी बैठक में कहा था कि 2024 में मोदी ही जीतेंगे.
उन्होंने यह भी कहा कि 2004 के विधानसभा चुनाव में एनसीपी के पास कांग्रेस से ज्यादा विधायक थे. अगर हमने उस समय कांग्रेस को मुख्यमंत्री पद नहीं दिया होता तो आज तक महाराष्ट्र में केवल एनसीपी का ही मुख्यमंत्री होता.
बीजेपी के नेता 75 साल में रिटायर होते हैं
अजित पवार ने कहा कि आपने (शरद पवार) मुझे सभी की नजरों में विलेन बना दिया है. लेकिन फिर भी मैं आपका (शरद पवार) सम्मान करता हूं. एक आदमी अगर नौकरी में लगता है तो महाराष्ट्र में 58 की उम्र में रिटायर होता है. आईएएस, आईपीएस 60 साल की उम्र में रिटायर हो जाते हैं. बीजेपी नेता 75 साल की उम्र में रिटायर हो जाते हैं. आप लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी का उदाहरण देख सकते हैं. इससे नई पीढ़ी को आगे बढ़ने का मौका मिलता है. आप हमें अपना आशीर्वाद दें लेकिन आप 83 साल के हैं, आप कभी रुकेंगे कि नहीं? हमें अपना आशीर्वाद दें और हम प्रार्थना करेंगे कि आपकी उम्र लंबी हो.
प्रफुल्ल बोले- शिवसेना के साथ जा सकते हैं तो बीजेपी से क्या दिक्कत?
अजित खेमे के नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि जब हम शिवसेना की विचारधारा स्वीकार कर सकते हैं, तो बीजेपी की विचारधारा से क्या दिक्कत है. जब महबूबा मुफ्ती और फारूक अब्दुल्ला बीजेपी के साथ आ सकते हैं, तो एनसीपी के साथ आने में क्या दिक्कत है.
उन्होंने कहा कि आज प्रफुल्ल पटेल इस मंच से क्यों बोल रहे हैं, यह शरद पवार का मंच क्यों नहीं है? पूरा देश यही सवाल पूछ रहा है. लेकिन मैं इसके बारे में हर बात पर बात नहीं करने जा रहा हूं. लेकिन समय आने पर मैं सबकुछ बता दूंगा.
प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि बहुत सारे लोग अजित पवार को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. उन पर कई बार आरोप लगा रहे हैं. 2022 में जब शिंदे गुट गुवाहाटी में था, हर विधायक और सांसद शरद पवार साहब के पास गए और उनसे पूछा...उनसे भाजपा के साथ जाने की अपील की, लेकिन वह तैयार नहीं थे.
उन्होंने कहा, 2019 में आपने पूछा कि अजित पवार ने राजभवन में जाकर फडणवीस के साथ शपथ कैसे ली? अगर उन्होंने पार्टी के खिलाफ जाकर ऐसा किया था, तो उन्हें सरकार में डिप्टी सीएम और विपक्ष का नेता क्यों बनाया गया? मैं ज्यादा बात नहीं करना चाहता. जब समय आएगा, तब मैं किताब लिखूंगा, तब पूरा देश हिल जाएगा. आप सब जानते हैं कि मैं साये की तरह पवार साहब के साथ था, चाहे सही रहा हो या गलत. हमने शरद पवार से अपील की थी कि हमारी बात सुनें और अपना आशीर्वाद दें. हमें अभी भी देर नहीं हुई है.
बता दें कि अजित पवार गुट ने चुनाव आयोग के सामने बड़ा दावा किया है. इसमें शरद पवार की जगह अजित पवार को NCP का अध्यक्ष बनाने का दावा किया गया है. बताया गया है कि कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने 30 जून को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई थी. इसमें प्रस्ताव पास किया गया है कि पार्टी लोगों के कल्याण के उद्देश्य से दूर जा रही है, ऐसे में शरद पवार की जगह अजित पवार को अध्यक्ष चुना जाता है