महाराष्ट्र में आए सियासी भूचाल से सिर्फ एनसीपी और शरद पवार की ही जमीन नहीं हिली है, बल्कि राज्य विधानसभा में पक्ष और विपक्ष दोनों ओर ही सीटों का समीकरण भी हिल गया है. जहां एक तरफ सत्ता पक्ष का पलड़ा भारी हुआ है तो वहीं अजित पवार के जाने से एनसीपी राज्य में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी होने का दर्जा भी खो रही है. नतीजतन अब शरद पवार की पार्टी के पास से नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी भी दूर जाती दिख रही है. कांग्रेस की ओर से नेता प्रतिपक्ष के पद पर दावेदारी भी आने लगी है. महाराष्ट्र कैबिनेट में LoP पद पर कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि 'कांग्रेस 100% तैयार है, वह कभी पीछे नहीं रही.
महाविकास अघाड़ी का बिगड़ा समीकरण
एनसीपी के भीतर पार्टी और पारिवारिक समीकरण बिगड़ने से महाविकास अघाड़ी की गाड़ी भी बेपटरी होती दिख रही है. अजित पवार के पाला बदलते ही महाविकास अघाड़ी का गेम बदलता दिख रहा है. असल में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद एनसीपी के हिस्से में था. इस लिहाज से अजित पवार इस पद पर आसीन थे. अब रविवार को हुए सियासी पलटवार और नए गठबंधन के साथ अजित पवार सरकार में शामिल हो गए और डिप्टी सीएम बन गए हैं. महाराष्ट्र की विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद खाली हो गया था. एनसीपी ने इस खाली पद को भरने का काम तत्काल किया और जितेंद्र आव्हाड को महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नियुक्त कर दिया गया.
जितेंद्र आव्हाड बने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष
ठाणे जिले के मुंब्रा-कलवा से विधायक आव्हाड ने कहा था कि एनसीपी की राज्य इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल (Jayant Patil) ने उन्हें पार्टी का मुख्य सचेतक और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया है. आव्हाड ने अजित पवार की जगह ली थी, जो अब तक नेता प्रतिपक्ष थे. एनसीपी में टूट के बाद संभावित दलबदल और अयोग्यता संबंधी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए आव्हाड ने कहा, 'सभी विधायकों को मेरे व्हिप का पालन करना होगा.'
कांग्रेस ने किया है ये दावा
उधर, महाराष्ट्र कैबिनेट में LoP पद पर कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि 'कांग्रेस 100% तैयार है, वह कभी पीछे नहीं रही. देश हो या प्रदेश, कांग्रेस को नेतृत्व करना है. कांग्रेस के अलावा कोई विकल्प नहीं है. अगर कांग्रेस के पास अधिक संख्या है तो जाहिर है कि एलओपी पद हमें दिया जाएगा, अगर एनसीपी के पास अधिक संख्या है तो उन्हें एलओपी पद मिलेगा. मुझे नहीं लगता कि इस पर कोई विवाद होना चाहिए.'
महाराष्ट्र में रविवार के बाद अब कैसा है सीटों का समीकरण, एक नजर
महाराष्ट्र में कुल विधानसभा सीटें 286 है. इनमें 105 विधायकों के साथ बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है. बीजेपी ने शिवसेना शिंदे गुट के साथ गठबंधन कर रखा है, जिसके पास 40 सीटें हैं. सरकार में अन्य 20 हैं. रविवार को एनसीपी अजित पवार गुट जब शामिल हुआ तो उनके साथ 24 विधायक जुड़े हैं. इस तरह 189 सीटों के साथ सरकार बनी हुई है.
अब दूसरी ओर कांग्रेस के पास 44 सीटें हैं. शिवसेना उद्धव गुट के पास 15 सीटें हैं. अन्य की 9 सीटें शामिल हैं. शरद पवार की एनसीपी के 14 विधायक ही अब महाविकास अघाड़ी में हैं. क्योंकि एनसीपी के 15 विधायकों के बारे में यह क्लियर नहीं है कि वह अजित गुट में हैं या शरद पवार के खेमे में. इस तरह महाविकास अघाड़ी जो कि विपक्ष में है, उसके हिस्से में 82 सीटें हैं. अभी कि मौजूद स्थिति में कांग्रेस के अधिक विधायक हैं, जबकि अजित की बगावत से पहले एनसीपी की संख्या अधिक थी. ऐसे में LoP को लेकर नई स्थिति उत्पन्न हो रही है.