कृषि क्षेत्र से जुड़े तीन अध्यादेशों को मोदी सरकार और भारतीय जनता पार्टी जहां किसानों की तरक्की का जरिया बता रही है, वहीं बीजेपी की सहयोगी पार्टी अकाली ही विरोध में खड़ी है. अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने कहा है कि हम लोगों से पूछे बिना ये अध्यादेश लाये गये, इतनी जल्दबाजी क्यों है.
कृषि क्षेत्र से जुड़े ये तीन अध्यादेश अब बिल के रूप से संसद में पेश कर दिए गए हैं जिसका विरोध भी किया जा रहा है. किसानों के अलावा कांग्रेस पार्टी भी सरकार के इस कदम को किसान विरोधी बता रही है. एनडीए में बीजेपी की सहयोगी और पंजाब की मुख्य विपक्षी पार्टी अकाली दल भी इस मसले पर कांग्रेस के रुख के साथ ही नजर आ रही है.
अकाली दल नेता सुखबीर सिंह बादल ने आजतक से बातचीत में कहा है कि कैबिनेट की बैठक में भी हमारी मंत्री ने इस कदम का विरोध किया था. किसानों को आशंका है कि सरकार एमएसपी बैंड करने जा रही है, मंडीकरण खत्म करने जा रही है. बादल ने कहा कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने चिट्ठी लिखकर कहा है कि एमएसपी खत्म नहीं होगा, लेकिन किसान चाहते हैं कि बिल में लिखा हो कि एमएसपी खत्म नहीं होगा. हमने कहा है कि जबतक किसानों की आशंका दूर नहीं होती, इस बिल को स्टैंडिंग कमेटी में भेजना चाहिए. जब तक सभी आशंका दूर नहीं होंगी अकाली दल इस बिल का विरोध करेगा, इसके खिलाफ हम वोट करेंगे.
बता दें कि बीजेपी ने इन बिलों को भविष्य के बेहतर बताते हुए कहा है कि इससे कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा और किसानों को अपनी उपज मंडी के बाहर भी अपने मुताबिक सही रेट पर बेचने की आजादी होगी. दूसरी तरफ बीजेपी इस मसले पर विरोध कर रही कांग्रेस पर राजनीति करने का आरोप लगा रही है. जबकि पंजाब में बीजेपी की अपनी सहयोगी अकाली दल भी बिल के विरोध में है.