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राज्यसभा में हिंदी अनुवाद की गलती पर क्यों भिड़ गए कांग्रेस के सांसद और केंद्रीय मंत्री?

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह हिंदी अनुवाद में गलती को लेकर भिड़ गए. कांग्रेस सांसद ने एक प्रश्न के उत्तर के हिंदी अनुवाद में गलती का मुद्दा उठाते हुए कहा कि ये गंभीर तथ्यात्मक गलती है.

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कांग्रेस सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह
कांग्रेस सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह

राज्यसभा में बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान बिहार से कांग्रेस के सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने डेयरी मंत्रालय से संबंधित सवाल पूछा था. अखिलेश प्रसाद सिंह ने दुग्ध उत्पादन को लेकर सवाल पूछा था जिसका जवाब सरकार की ओर से मंत्री ललन सिंह ने दिया. जवाब के बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने सप्लीमेंट्री के लिए उनका नाम लिया. सप्लीमेंट्री पूछने अपनी सीट पर खड़े हुए अखिलेश प्रसाद सिंह ने हिंदी के उत्तर में अनुवाद की गलती का मुद्दा उठाया और इसे गंभीर बताया. इस पर मंत्री ने कहा कि आप मंत्री रहे हैं तो ये भी जानते होंगे कि भारत सरकार के हिंदी अनुवाद गूगल से होते हैं.

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अखिलेश प्रसाद सिंह ने अंग्रेजी के उत्तर का उल्लेख करते हुए कहा कि आउटले और यूटिलाइजेशन को हिंदी के उत्तर में व्यय लिखा हुआ है जिसके कारण तथ्यात्मक त्रुटि हुई है. उन्होंने आगे कहा कि अंग्रेजी के उत्तर में जो पहली दो लाइनें हैं, वो हिंदी के उत्तर में गायब है. मुझे हैरानी है कि मंत्री जी खुद भी हिंदी भाषी राज्य से आते हैं और पढ़े लिखे व्यक्ति हैं. अखिलेश प्रसाद ने आगे कहा कि आपका मंत्रालय संसदीय प्रश्न को लेकर ऐसी गंभीर लापरवाही बरत रहा है. हम लोग भी मंत्री रहे हैं.

इस पर उन्हें टोकते हुए सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि सप्लीमेंट्री. ये तो संकेत ही काफी था कि आप भी मंत्री रहे हैं. इस पर कांग्रेस सांसद अखिलेश प्रसाद ने कहा कि एक-एक मंत्री को बोलने के लिए आप 15 मिनट से ज्यादा टाइम दे रहे हैं और हम सवाल पूछ रहे हैं, उसको भी नहीं पूछने दे रहे हैं. उन्होंने अनुवाद की त्रुटि को गंभीरता से लेने की मांग करते हुए कहा कि मंत्री जी को इसके लिए जवाबदेही सुनिश्चित करनी चाहिए. अखिलेश प्रसाद ने देश में प्रति व्यक्ति दुग्ध उत्पादकता 471 ग्राम तक पहुंचने के उत्तर में जिक्र का उल्लेख करते हुए सवाल किया कि दुग्ध का आयात बंद हो गया है.

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जवाब में मंत्री ललन सिंह ने कहा कि मंत्री रहे हैं तो इनको पता होना चाहिए कि भारत सरकार में अंग्रेजी से हिंदी का जो ट्रांसलेशन होता है वो गूगल से होता है और इसके ट्रांसलेटर अलग हैं. इस पर विपक्ष की ओर से किसी ने कुछ कहा जिस पर उन्होंने कहा कि आपके जमाने में क्या-क्या होता था, बताने लगें तो डेढ़ घंटा लग जाएगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दुग्ध उत्पाद में आत्मनिर्भर हम नहीं हैं. हम दुग्ध उत्पादन में नंबर वन हैं. दुग्ध उत्पादन में 2014 के मुकाबले 63.5 फीसदी की वृद्धि हुई है. दुग्ध का हम कई मामलों में आयात नहीं करते, हां निर्यात भी नहीं कर पा रहे हैं. कुछ प्रोडक्ट्स ऐसे हैं जिनको हम आयात करते हैं.

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इस पर अखिलेश प्रसाद ने कहा कि हम दुग्ध उत्पादन में नंबर वन हैं और आयात भी करते हैं. उन्होंने दूसरा सवाल किया कि अगर कोई डेयरी सेक्टर में कोल्ड स्टोरेज जैसा कुछ खोलना चाहे तो उसके लिए सरकार की कोई योजना है. इसके जवाब में ललन सिंह सभापति के बिना बोले जवाब देने लगे. इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने उन्हें टोकते हुए कहा कि माननीय सदस्य (अखिलेश प्रसाद सिंह) बहुत टेक्निकल हैं. आपने मेरे कहे बिना ही जवाब देना शुरू कर दिया. सभापति ने फिर मंत्री से जवाब देने के लिए कहा और तब मंत्री ललन सिंह ने अपना जवाब दिया.

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